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neelu
White अगर नारी शक्ति है नारी ही श्रृंगार है तो बेचारा पुरुष क्या है ©neelu #good_night #अगर #नारी #शक्ति है नारी ही #श्रृंगार है तो #बेचारा #पुरुष क्या है
Azaad Pooran Singh Rajawat
White "ए चांद मेरे बता मुझे किस कदर सजूं संवरू मैं तेरे लिए नख से शिख तक नज़र ठहर जाए तेरी मुझ पर तेरी सोलह कलाओं सा श्रृंगार करूं मैं करवा चौथ माता से दुआ है बस यही मेरी मेरा प्यार तुझे मिले,तेरा प्यार मुझे मिले जन्मों जन्मों के लिए। "करवा चौथ के सिंजारे की आजाद शुभकामनाएं।" ©Azaad Pooran Singh Rajawat #Sad_Status श्रृंगार दिवस की शुभकामनाएं
#Sad_Status श्रृंगार दिवस की शुभकामनाएं
read morePoonam Ahlawat
White चलने की कौशिक, लेकिन कदम भारी हैं। शांत रखने की कौशिक, लेकिन दिमाग में हलचल है। बोलने की कौशिक, लेकिन कंठ रुद्ध गया है। आँसुओं को रोकने की कौशिक, लेकिन आँखे नहीं मानती हैं। जिंदगी है ये कहाँ रुकती है, अपना हर रूप दिखती है । सुख की आशा में भागते हैं , लेकिन दुःख को कहाँ कम कर पाते हैं ©Poonam Ahlawat जिंदगी के रूप
जिंदगी के रूप
read moreANJANA MALI
कहते हैं मां का दिल, मोम जैसा होता है। पर कभी-कभी मां को, अपने असली स्वरूप, महाकाली का रूप भी, धारण करना पड़ता है।। जय माताजी... 🙏🪔🌹 ©ANJANA MALI #navratri मां का महाकाली रूप
#navratri मां का महाकाली रूप
read moreAnjali Singhal
"बिन सिंदूर सुहागन का अधूरा है श्रृंगार, महज लाल रंग नहीं यह सुख-सौभाग्य है इसमें तमाम। पूजा की थाली में इसका सबसे पहले स्थान, रंग गए हनुमं
read moreParasram Arora
White जैसे जैसे वक्त बीता और वक्त बदलता गया.. हम लोगो ने भी इबादत और पूजा के त्तथाकथित ढंग मे बदलाव कर दिया हैँ क्योंकि इबादत के ढंग बदलने से पहले हमारे धर्म और मज़हबो ने भी अपना रूप बदल लिया है तभी तो आज आये दिन हमें खून खराबो और नफरतों के हिंसक रूप से मुख़ातिब होना पड़ता है झूझना पडता है ©Parasram Arora बदलता रूप
बदलता रूप
read moreAmit Seth
Priya Gour
White किसी भी वत्त-त्यौहार पर अक्सर सजने वाली लड़की को यही तंज कंसा जाता हैं कभी हँसी में छेडा़ जाता हैं की किसके लिए तैयार हुई? जैसे नारी को अपनी खुशी से अपने लिए सजने संवरने का अधिकार ही नहीं है बस सज संवरी हैं तो किसी के लिए श्रृंगार का संपूर्ण अर्थ पुरुष से ही है ? माना किसी भी नारी के श्रृंगार की पूर्णता भी उसके प्रियतम को भाना है परंतु प्रश्न ये है प्रियतम के आगमन से पूर्व श्रृंगार की शुरुआत भी नहीं कर सकती कोई नारी इस प्रश्न के अतिरिक्त एक अन्य आवश्यक प्रश्न उठता है जिनका प्रियतम छोड़ जाये हमेशा के लिए श्रृंगार करने का उनका अधिकार भी नहीं रहता हैं? ©Priya Gour ❤🌸 #25aug 3:51 #श्रृंगार #Tulips