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Rohit Thapliyal (Badhai Ho Chutti Ki प्यारी मुक्की 👊😇की 🙏)
Movie memes funny सबकी खुशी का ग्राफ बढ़ाने वाले 'बधाई हो छुट्टी की' पेज के कोटों (QUOTES) को देखने के बाद आप भी अपने लिये यह गाना गा सकते हैं 👇 बधाई हो छुट्टी की by #NojotoQuote सबकी खुशी का ग्राफ बढ़ाने वाले 'बधाई हो छुट्टी की' पेज के कोटों (QUOTES) को देखने के बाद आप भी अपने लिये यह गाना गा सकते हैं 👇 होश ना खबर है,
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read morethvachl ;
इश्क़ है या नशा..........................................................//-— % & ना जाने , कैसा नशा उसकी आँखो में था _ नज़र भर देख के उसे , ना मैं और ना ही ये दिल होश में था _ ये कैसा
ना जाने , कैसा नशा उसकी आँखो में था _ नज़र भर देख के उसे , ना मैं और ना ही ये दिल होश में था _ ये कैसा #SAD #Broken #yqbaba #mohabbat #Fakepeople #astheticthoughts
read morePushpendra Pankaj
आदमी ही आदमी के विरुद्ध है, ये कैसा युद्ध है,हर कोई क्रुद्ध है । ©Pushpendra Pankaj ये कैसा युद्ध है
ये कैसा युद्ध है #कविता
read moreVickram
ना जाने काफी कुछ जान लेता हूं मैं,, बस यही बातें हमेशा मुझे डराती है,, तेरा याद करना महसूस होता है मुझे,, पर तुम जताती ही नहीं ये बात कैसी है,, ©Vickram ये एहसास कैसा है,,
ये एहसास कैसा है,, #शायरी
read moresateesh goutam
है बंद आज देश है, सरकार के फरमान से। 🤝 जहाँ बंद एक जनसंघ है, वही खुले जिहादियों के द्वार हैं।😡 ये चूक किस्से हुई मगर, कौन कुसूरवार है? ये कैसा हिंदुस्तान है। जहाँ नवरात्री में भी, है बंद,भगवान के द्वार है। हम एक साथ है सभी, इस आपदा की लड़ाई में।👈 है मरी इनकी इंसानियत, ये देश के गद्दार हैं। ये कैसा हिंदुस्तान है। करने पंगु देश को, जिहादियो की भरमार है। जो मानते नहीं सरकार की, जरूरत नहीं इस देश को। उखाड़ फेको इन जिहादियों को, ये देश के अवसाद हैं। ये कैसा हिंदुस्तान है।🙏 ये कैसा हिंदुस्तान है
ये कैसा हिंदुस्तान है
read moreतेरे बिन अधूरा सा हूं...!!❤️
कैसा है ये सफ़र हर तरफ है अंधेरा, जाऊं तो जाऊं कहां मैं कुछ लगता भी तो नहीं मेरा। कैसा है ये सफ़र ..!!
कैसा है ये सफ़र ..!!
read moreHimanshu B
तुम थे तो कैसे-कैसे दूर होते गए लोग शहर के तुम नहीं हो तो क्या-क्या चर्चे हैं लोगों में शहर के। कैसा है ये शहर?
कैसा है ये शहर?
read moreपूर्वार्थ
अखबारों में पढ़ा था,देश अब पहले वाला नही रहा। इश्तहारों में भी मढ़ा था,विकास हर छेत्र में हो रहा। न्यूज चैनल वालों ने,विकास का स्वरूप बताया था। गरीब अब कोई रहा नही,चित्र कुछ ऐसा बनाया था। सुना था मुल्क का,विदेशों में अब सम्मान बढ़ा है। सेना का भी बहुत,गौरव और अभिमान बढ़ा है। सुना था ये भी हमने,अर्थव्यवथा में हुआ सुधार है। मुल्क पर हमारे,नहीं किसी का अब उधार है। सुना था ये भी ,की रोजगार खूब मिल रहा। दिल युवाओं का भी,अब खुशी से खिल रहा। फिर ये कौन लोग हैं जो,बेवजह सड़कों पर घूम रहे। ये कहां से आए हैं जो,धूल सड़कों की चूम रहे। सिग्नल पर भीख मांगते,ये बच्चे कहां से आ जाते हैं। देश की सुंदरता पर,बट्टा आखिर क्यों ये लगाते हैं। क्यों किसान हमारे,सड़कों पर डेरा डाल पड़े है। जब इतना विकास हुआ तो,बेवजह किस बात पर अड़े हैं। क्यों आत्महत्या लोग कर रहे,क्यों भूख से बच्चे मर रहे। क्यों बेरोजगारी का आलम है,क्यों युवाओं के चहरे पर मातम है। क्यों हमारे सैनिकों के,शीश काट दुश्मन ले जाता है। कभी पठानकोट कभी पुलवामा,के जरिए दहशत अब भी फैलता है। क्यों सरकारी संपत्ति,को बेचने की इतनी जल्दबाजी है। क्यों निजीकरण के लिए,हो रही इतनी आतिशबाजी है। ये कैसे विकास है,जो रोजगार की दर कम कर रह। ये कैसे तरक्की है,की महंगाई का दर रोज़ बढ़ रहा। ये कैसी खुशहाली है,की कोई खुश अब लगता नहीं। ये कैसा विकास है,की जीवन में हमारे दिखता नहीं। ©purvarth #ये कैसा विकास है