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अज्ञात
दिल कहता है रुठों को मनाना होगा वो न झुकें तो ख़ुद झुक जाना होगा दिल के मेहमाँ हैं वो तमाम नखरों के उन्हें तो सर आँखों में बिठाना होगा तमाम गिले शिकवे भाड़ में डालकर ए दुश्मनों तुम्हें भी गले लगाना होगा जमाना कहता रहे चाहे बुज़दिल मुझे इसी राह मेरे कदमों में जमाना होगा इस जमीं ने इक छत तक न दिया मुझे अब तो हर दिल मकाँ बनाना होगा मैं कब तक उठाकर चलूँ गुरुर अपना इक दिन तो सब ख़ाक में जाना होगा कोई बैठा है मेरे अन्दर स्वासों के लिये बाद मोहलत तो वो भी रवाना होगा ए ज़िंदगी क्या बार बार मिल पायेगी तू हम गये तो फिर जाने कब आना होगा ©अज्ञात #राह-ए-ज़िंदगी
#राह-ए-ज़िंदगी
read moreAnuj Ray
White दर्द ए दिल, कोई शिकवा या शिकायत नहीं, ये निशानी है। खुशी से जी रहे , यादों में जिसकी आज तक, वो जिंदगानी है। ©Anuj Ray # दर्द ए दिल #
# दर्द ए दिल #
read moreरघुराम
रूख ए रौशन माशूका हिलाल हो गयी। कातिल ए नजर उनकी गर्क ए वदन कर गयी।। लव ए मुस्कान उनकी,दिल निसार हो गया। चेहरा माहताब उनका,मोहब्बत परवान हो गया।। स्वरचित ©रघुराम रूख ए रौशन
रूख ए रौशन
read moreunknownफिलहाल
White बैठी मैं अकेले मैं अक्सर मैने अकेलेपन से दोस्ती की रात के तारों से दोस्ती की दिन की सूरज की किरणों दोस्ती की तन्हाई अक्सर पूछा करती मुझसे तमन्ना क्या है तेरे और मैं कमबख्त जो रोज फिर से तन्हा हो जाती... ©Mahima Bisht लफ्ज़ ए दिल...
लफ्ज़ ए दिल...
read moreF M POETRY
White वक़्त-ए-नज़ा ख़त देके बुलाया था बारहाँ.. फिर भी कहा मुझको हुई इसकी खबर नहीं.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #वक़्त-ए-नज़ा ख़त....
#वक़्त-ए-नज़ा ख़त....
read moreBINOदिनी
White कुछ बातों को भूलाना , कुछ लम्हों को गुजारना, आसान नहीं होता। चुभते हुए लफ़्ज़ों के खंजर, बिन पौधों के जमीन यह बंजर। सहना आसान नहीं होता।। ©BINOदिनी दर्द-ए-बयान
दर्द-ए-बयान
read moreMohammad Ibraheem Sultan Mirza
Aala Hazrat Ka Naya Fatwa आला हज़रत का नया फतवा, #Astaghfirullah ❌❌😡😡 #Afsos #mohammad_ibraheem_sultan_mirza मौहम्मद_इब्राहीम_सुल्तान_मिर
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White मन तो बावरा है अटकता है कभी तो भटकता है कभी.. विरक्त है कभी तो आसक्त है कभी... धूप है प्रेम की तो छाह यादों की कभी!! डूबता उतरता सा मचलता, भटकता सा कभी, कितने रंग समेटे खुद में हो रहा बदरंग कभी रे मन.. कैसे पाऊँ थाह तेरी है तू आस कभी तो तू है निर्लिप्त कभी ©हिमांशु Kulshreshtha ए दिल..
ए दिल..
read moreDeepak "New Fly of Life"
रोते रोते मुस्कुराने का, हुनर सीख लेते हैं, ये औरतें हैं जनाब, सब कुछ सह लेते हैं। न जाने कहाँ से मिली, इन्हें ये ताकत है, जिसे बस रोने में जाया कर देते हैं। अगर पहचान लें ये, और समझ लें, खुद के अपने ज़ज़्बात को, तो ये काली माँ से कम नहीं होते हैं। रोते रोते मुस्कुराने का, हुनर सीख लेते हैं, ये औरतें हैं जनाब, सब कुछ सह लेते हैं। ©Deepak "New Fly of Life" शक्ति ए औरत
शक्ति ए औरत
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