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Stories related to voesh pedi in a box

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chandni dubey

Don't imprison yourself in a box. #Quotes

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Sometimes you need to update yourself, meet new people and learn new things.You have this whole life to live.Don't imprison yourself in a box.

©chandni dubey Don't imprison yourself in a box.

Richa Tiwari

Life in a box by Richa Tiwari #poeatrymonth

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Ashif

cheeks in box #Love

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priyansh boy

in comment box #horror

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Alonegirl

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subah subah uthke koi kahe padhai karo to aap kya karoge......


answer ni commentbox😁😁😁 answer in commnet box

Alonegirl

answer in commenys box #OpenPoetry

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#OpenPoetry aapka love marriage par bharosa hai ya aarange marriage par??? 


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Deepak Rathod

please answer in comment box

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 please answer in comment box

Vickykutty

say hi in comment box #Thoughts

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Say Hi In
 Comment Box

©Vigneshwaran CR say hi in comment box

Jeet musical world

full artical in coment box #शायरी

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दिल आज शायर है
हर जलन को मशाल करते रहो 
आह्टो से स् वाल् करते रहो !
और बेरुखी से ना मर जाये कोई,
आदमी का ख़्याल करते रहो !
        आज़ जिन शायरो का जिक्र होगा ,,वो अपने अपने दौर् के महान शायर् हैं ,, पर उन्से ऒर बेहतर कहनेे और सुनने की उमीद हमेशा जिंदा रहे गी,,,साहिर लुधियानवी साहब क्या खूब कह के गए हैं,,, कल ओर आयेंगे नग्मों की खिलती कालियां चुनने वाले, मुझ से बेहतर केहने वाले,तुम से बेहतर सुनने वाले !आगे आने वाले और भी बेहत्तर हों ये उम्मीद होनी चाहिए,,,, क्योंकि जब हम ये कहते हैं के इससे बेहतर कुछ आ ही नहीं सकता ,,तब हम खुदा की जात को चुन्नौती दे रहे होतें है !
क़भी पेन्टर्,क़भी मास्टर,ओर रोजी रोटी के लिये अनगिनत काम 
करने वाला गोपालदास सक्सेना, जब गोपाल दास नीरज बनता है तो शायरी 
का एक खुबसुरत दौर लि खा जाता हैं !!
कौन भूल सकता है रफी का वो गीत,,
स्वप्न्न् झडे फूल से  मीत चुभे शूल से,
झर गये श्रृंगार सभी बाग के बबूल से !
ओर हम खडे, खड़े बहार देखतें रहे,
कारवा गुजर गया  गुबार देखते रहे!
मेरा इक शेयर् आपकीे नज़र हैं,,,,,,के देख ली जमाने दरिया दिली तेरी ,
दिल तोड़ के कहते हो कहीं दर्द तो नहीं !
और फिह सोसाइटी का दिया यहीं रा मटीरियल  िफर उसे शायरी काംमहलംउसारने में मदद करता है,मगर  जब् वाह वाह के सिवा उसे और  कुछ नहीं मिलता फिरं वो ये लिखता हैं,,,,के ये प्यार कोई बिलौना नहीं हैं ,हर कोई ले जो ख़रीद,मैरी तरह जिन्दगी भर तडप लो फिर आना इस के करीब ! दिल आज शायर है !!
अाज  के इस लेख की शुरआत मैं उस नाम से करना चाहूगा जो  शायरी में मेरे लिए इबादत जैसा है, जिसके बिना गायकों की गायकी अधूरी सी लगती है ,जोशायरी ,इबादत ,समर्पण , ज़िद्द ,बेबाकी और मुहब्बत का नाम है ,दोस्तो उच्च मे पैदा होनेवाला अब्दुल हसन
अपने दौर के दबंग लोगो के सामनें बेबाकी से ज़ब ये कहता हैं के,,,
 धर्म शाला धडवेइये रेह्दे,
ते ठाकुरद्वारे ठग !
विच मसीता कुस्तिये रेह्नन्दे,
ते किते अशिक़् रहन अलग !!
फिर वो शायर और फकीर बाबा बुल्लेशाह केहलाता हैं !!की जाना मैं कौन  बुलया की जाना मैं कौन ख़ुद की खोज का ज़नून दहशत के दौर में  भी मस्तमौला होके घूमना 
और झूठ के मुँह पे सच के त् माचे बेखौफ् हो के मारना !! बात कहनेे का जरिया अगर  शायरी हो तो बात बन ही जाती हैं,,  और ऎसी बनतीं है के सदियों तक याद् रहती है, इसलिए कहता हूँ 
के शायरी हमें सच से रुबरू करवाती है !
बोलने की आजादी सिखाती है ,सच्चा इश्क़ करना सिखाती है ! वो इश्क़ जो सेयाद घराने के
इक लड़के को अराइओ के इक शख्स का दीवाना बना देती हैं ,
, जिह्डा बुल्ले नू सय्यद आखे ओह्नू दोजख् मिले सजाई,
जिह्डा बुल्ले नू अराई आखे उस जन्नत पीघ ऐ पाई !!
क्योंकि उस मुर्शिद का दीदार उसे रब का दीदार कराता है,,,,,वो खृद को दुनियां में आये इकംअदने से इंसान के रूप में रखते हैं औरംइतना आला दरजा पा जाते हैं ,जो हरംकिसी के नसीब में नहीं आता !!
असी कसूरी साडी जात कसूरी,
कियोंकि विच क़सूर दे रैहिदे हाँ !
जे कोई सानू ऊँचा मिल जाये,
नीवे होके बहिदे हाँ !! बाबाजी ने जो कहा बेबाकी से कहा निडरता से कहा इश्क़ में  आकर कहा ,और शायरी की जुबान में  कहा !! मैं खुद शायर हूंँ  जब लिखना शुरु किया तो लिखने तक तो ठीक था,, लेकिन बोलने में  सन्कोच् होता था ,मूल रुप से पंजाबी हूँ लेकिन बचपन में  कॉमिक्स पढने से हिन्दी पे पकड़ मजबूत थी ,पजाबी के साथ् साथ् जब हिंदी के शायरो को शुर किया ,
,शायरी को समाज साहित्य हास्य् और तर्क के साथ कहना डॉक्टर कुमार विश्वास से सीखा ,,
 क्भी इंजीनियरिग मैं दाखला लेने वाला जब हिदी साहित्य का  प्रोफेसर हो जाने के बाद  शायरी से प्रेम जारी रखता है,,,तो उसको उसकी रचना ,,कोई दीवाना कहता है ,,इतनी ख्याति दिलाती है ,के उसको विशवप्र्सिध् मंच सुनने के लिए आमंत्रित् करते है !;और सबसे ज्यादा सर्च किये जाने वाले हिन्दी कवी के रुप में गूगल हेडक्वार्टर का मेहमान भी बनता है !!
,ये उसी विश्वास की ताकत जो आपको शायरी से मिलती हैं ! बिश्वास जी ने  कितना सुन्दर कहा,,,,
मैं अपने गीत गजलों से उसे पेगाम करता हूँ,
उसी की दी हुई दौलत, उसी के नाम करता हूँ !
हवा का काम हैं चलना दिये का काम है जलना!वो अपना काम करती है ,मैं अपना काम करता हूँ !ये ज़नून हो ,तो फिर आदमी विस्व व्याख्यात हो ही जाता हैंमै खुद् आज इसी की बंदोलत मन्च पर थोड़ा बहुत बोलने लायक हो गया हुँ !
यहां एक और शायर का किस्सा क़ाबिले गौर है,,एक तहसीलदार के बेटे को ज़ब  नोकरी से ज्यादा शायरी से प्रेम हो जाता है !
तो वो पंजाबी शायरी का हस्ताक्षर शिव कुमार ब् टाल् वी बनता है !
आज़ भी  इनकी हर रच् ना शायरी प्रेमियों की दिल की धङकन हैं
फिर वो चाहे ,,इक कुडी जिह्दा नाम मोहब्ब हो, पीड़ा दा परागा हो ,या फिर रात चाननी हो, बाकामल हैं ! 
ये कोई रिश्म् जगावा अडीये , 
 डाहडा पाप कामवा !
डरदी डरदी तुरा निमानी ,
पोले पब् टीकावा !
साडे पोतडीया विच बिरर्हो रखिया साड़ीया मावा ,,,जिन्द मेरिये जिन्दे मेरि ये
ये गीत jagmohn कौर की आवाज़ में  मस्त कर देता हैं,,,
और वो शायद पहला ऐसा क् वी होग जिसकी शादी मॆं औरते उसी के द्वारा लिखे मशहूर गीत गा रही थीं !
जश्नने rekhta के ऐक मन्च पे कुमार साहब शिव की  शायरी के बारे मैं बतातें हैं ,के उन की कई रिकोडिंग डीलिट तक की गयी ,पर शाय री से उनका मोह डिलीट कर पाना मुश्किल था!!
कहते हैँ के मैं हिन्दी भाषी हूँ ,कुछ् ल्फ्ज़्  पंजाबी के समझ नहीं पाता , पर जब शिव्  
तर्र्नुम् में कोई रच् ना कहता तो मै कील हो जाता हूँ ! ऐसा लगता है ज़ैसे दिल मैं कोई ध्व्नि संचार हो रहा हो ,!
 अौर जिसने शिव को लाईव सुना हो उन्हें पत्ता है के ये सत्य है !
और भी ऎसी दर्जनो उदहारन् हैं जिनमें शाय री से प्रेम हो जाने के बाद  इन्सन् किसी और से प्रेम कर ही नहीं पाता ! 
खबर मिली है के सोना निकल रहा है  वहां,
 मैं जिस जमीन को ठोकर लगा के लोट आया !
वो चाहता था कासा ख़रीद ले मेरा ,मैं उसके ताज की क़ीमत लगा के लोट आया !!
  या फिर् मेरेे हुज्रे में नहीं और कहीं पे रख दो,
आसमां लाए हो ले आओ ज़मी पर रख दो !
अब कहां ढूंढ़ने जाओगे हमारे कातिल ,
आप तो कत्ल का इल्जाम हमी पर रख दो !!
इन के शेयरो की फेह्ररिस्त् बहुत लंम्बी है
लेकिन Late डॉक्टर राहत इंदौरी को ये होंसला ये ज़नून ये  बेबाकी इसी शायरी की देन हैं !!
दूस् री  तरफ्  जब् त्तरन्नम् से ल्ब्रेज् शाय री का जिक्र होगा तो श्बीना अदीब जी की ये आवाज़ कानों में  गूँजती रहे गी,,,
लोट आओ भूलाकर खताये मेरी,
 राह मे दिल बिछा दूँ अगर तुम कहो !!
या क़भी  नये नये पैसे वाले हुए  लोगों को ,
 ये केहना के ,
जो खानदानी रईस हैं वो ,
मिजाज़ रखते है नरम अपना !!
तुमारा ल्ह्ज़ा बता रहा है ,
तुमहारी दौलत नई नई है !
और उनका कानों में  जो रस घोलने वाला   लह्ज़ा इसी शायरी की बदोलत है!!
तभी तो कहता हूँ के,,, दिल आज शायर है !
फिर मुलाक़ात होंगी अगले कार्यक्रम में  किसी और खुबसूरत विषय के साथ ,,तब तक के लिये जतिन्दर् जीत" को दिजिये इजाज़त
    रब्ब राखा🙏

©Jeet musical world full artical in coment box

Deepak Rathod

please answer in comment box

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