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Stories related to अटल बिहारी वाजपेयी कविताएं

Beena Kumari

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KRISHNA KUMAR KUSHVAHA

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Beena Kumari

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शांत दिखने वाला सागर बहुत बैचैन है
लहरों का आना-जाना यूंही चलता है
लेकिन सागर के भीतर 
इक मंथन सदा चलता है
जरूरी नहीं हर दम अमृत निकले
अमृत के साथ विष भी निकलता है
लेकिन हर बार विष पीने के लिये
नीलकंठ शिव कहां मिलता है

©Beena Kumari  कविताएं

bina singh

#Dosti हिंदी कविता कविताएं कविताएं

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White यही कोई मार्च का महीना था 
आँखे थोड़ी नम दिल ज़रा पसीजा था
बारहवीं का परीक्षा था 
स्कूल में अपना आखरी वो महीना था
फिर कहा  स्कूल यूनिफॉर्म हम पहन पाए
देखते ही देखते हमेशा के लिए स्कूल से बाहर आये
ऊफ वो भी क्या हसीन दिन थे ज़िन्दगी के
उस दिन के बाद कहा हम वापस स्कूल जा पाए
मिलते थे जिससे हर दिन स्कूल में
वैसे दोस्त , वो हँसी, वो दिन कहां फिर कभी वापस लौट कर आये
जानें कितने लम्हें उन यादों के सहारे अब ऐसे ही बीत जाए... by bina singh

©bina singh #Dosti  हिंदी कविता कविताएं कविताएं

Beena Kumari

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Beena Kumari

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Amol M. Bodke

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औरतों ने बखूबी सीखा है
मायका छूट गया जब से
रोना हंस कर भूला है

©Amol M. Bodke  कविताएं कविताएं

Nilam Malviya

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kahte hai ki gum batne se kam ho jate hai aur khushi batne se dugni ho jati hai par mene dekha hai ki aksar gum dusro tak pahuch jate hai aur khushiyon ko Nazar lag jati hai

©Nilam Malviya  कविताएं

Hariom Shrivastava

#love_shayari कविताएं कविताएं

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White  - कुण्डलिया छंद -

समझौता होने लगा, हर रिश्ते में आज।
समझौतों पर ही टिका, सारा मनुज समाज।।
सारा मनुज समाज, स्वार्थवश प्रीति जताता।
सटते से ही स्वार्थ, अँगूठा है दिखलाता।।
केवट जैसा आज, लिए हैं सभी कठौता।
करें परस्पर पार, लगाने का समझौता।।

- हरिओम श्रीवास्तव -

©Hariom Shrivastava #love_shayari  कविताएं  कविताएं

Hariom Shrivastava

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White  - कुण्डलिया -
नारी की फिर से यहाँ, लुटी जा रही लाज।
हे केशव आ जाइए, एक बार फिर आज।।
एक बार फिर आज, मौन हैं सत्ताधारी।
कौन बचाए लाज, आप बिन कृष्ण मुरारी।।
हुए आज बेखौफ, देश में अत्याचारी।
हे गिरधर गोपाल, पुनः संकट में नारी।।
- हरिओम श्रीवास्तव -

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