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Prakash Vidyarthi
White :"भारत की नदियां": आओ बच्चों रचना में पहचान करते हैं। सीखने सिखाने का नया काम करते हैं।। भारत के कुछ पावन नदियों को याद । कविता के माध्यम से अब नाम करते हैं।। चमोली उतराखंड से गंगोत्री निकली आगे बढ़ बन चली भागीरथी नद आनंदा। मानसरोवर झील से ब्रह्मपुत्र निकसै उत्तराखंड अलकापुरी से नदी अलकनंदा।। गोमुख गंगोत्री गलेशियर से उदित भागीरथी किरात नदी के नाम से भीं ये जानी जाती। गढ़वाल क्षेत्र जल धारा में कोलाहल के कारण ये निर्झरणी भागीरथी सास भीं कभी कहीं जाती ।। सतोपंथ भागीरथ हिमनद से उत्पन अलकनंदा लगभग 195 km बहकर आगे बढ़ती जाती । सरस्वती धौलीगंगा नंदकिनि पिंडर सहायिका पहाड़ों कंदराओं को तोड़ती बहू बन इठलाती।। विष्णुप्रयाग धौलीगंगा से मिलती हैं मना गांव सरस्वती से । क्रनप्रयाग पिंडर सहायिका से रुद्रप्रयाग मंदाकिनी नदी से ।। देवप्रयाग उत्तरकाशी में आकर ये सरिताये भागीरथी और अलकनंदा बड़ी मन भाए। मिलकर दोनो की कल कल पानी संगम पर मां पावन पवित्र गंगा नदी कहलाए।। उत्तर प्रदेश बिहार से गुजरती बहती गंगा पश्चिम बंगाल में हुगली तटीनी बन इतराए। पबनद्वीप बांग्लादेश में ब्रह्मपुत्र से मिलंनकर ये मईया गंगा पदमा नाम से जाना जाए।। हिमालय पहाड़ी से कंदरा जंगल में होकर मैदानी इलाकों को तारती कभी बाढ़ भीं लेआती। मेघना नाम से गंगा ब्रह्मपुत्र के संयुक्त नीरधारा बंगाल की खाड़ी में हौले हौले अब गिरती जाती।। स्वरचित:- प्रकाश विद्यार्थी ©Prakash Vidyarthi #sad_quotes #रचना #कविताएं
Prakash Vidyarthi
White "स्टोरी ऑफ 1,2,3" ::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: जरा सोचो उस शख्स का प्रेम कैसा होगा । जो प्रेम किसी के नाम से कर बैठा होगा । जरा समझो जिसने बहुत से विकल्प त्याग दिए। एक सही के तलाश में एक से अधिक को भाग दिए।। जरा परखो उसका हृदय तन मन कैसा होगा। जो रूप रंग नहीं मात्र नाम से ईश्क किया होगा।। जरा विचार करो कैसे कोई नाम से दिल लगा लेगा। कभी न पूरा होने वाला अधुरे सपने यू ही सजा लेगा।। जरा महसूस करो अगर वो अपना प्यार पाले तो क्या होता। निश्छल शाश्वत प्रेम एहसास का अनमोल रत्न धन सजा होता।। जरा देखो परखो वैसे प्रेमी का प्रेम कितना पावन होगा सुखमय वैवाहिक जीवन ईश्वर के वरदान मनभावन होगा।। जरा झांको उसकी आंखों में स्नेह सागर क्या ठहरा हैं। पूछो खुद से प्रश्न क्या उसका प्रेम चाहत इतना गहरा है।। जरा समझो उसने अपना प्यार चाहत क्यों जगजाहिर नहीं किया। पूजता रहा एक मूरत को दूसरों को अहसास होने तक नहीं दिया।। जरा महसूस करो कोई किसी अनजाने का ख्याल क्यों रखेगा। मानवता के नाते या प्रेम की मायाजाल में ऐसे ही क्यों फसेगा।। काश एक ऐसी नारी होती जो समझदार स्वच्छ संस्कारी होती। श्वेत मन जनक दुलारी होती करते नमन गर वो फूल कुमारी होती ।। जो नहीं पढ़ सका विद्यार्थी का स्नेह उत्तर कुंजी वो अबोध होगा। प्रकाशित प्रेम की परिभाषा उदाहरण का अब नया शोध होगा।। ©Prakash Vidyarthi #love_shayari #poem✍🧡🧡💛 #कविताएं #रचना_का_सार
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read morePRAMILA LALIT SHUKLA
White मैं आजकल कविताएं नहीं लिख पाता,कहानियाँ लिख लेता हूँ। तुम भी तो अब चोटी नहीं बनाती, बस आनन-फानन में जूड़ा गूंथ लेती हो।।✍️✍️ "हिन्दी दिवस"✍️✍️ ©PRAMILA LALIT SHUKLA #hindi_diwas मैं आजकल #कविताएं नहीं लिख पाता,#कहानिया लिख लेता हूँ। तुम भी तो अब चोटी नहीं बनाती, बस आनन-फानन में जूड़ा गूंथ लेती हो।।✍️✍️ "हिन्दी दिवस"✍️✍️ अनमोल विचार बेस्ट सुविचार सुविचार इन हिंदी आज का विचार आज शुभ विचार
#hindi_diwas मैं आजकल #कविताएं नहीं लिख पाता,#कहानिया लिख लेता हूँ। तुम भी तो अब चोटी नहीं बनाती, बस आनन-फानन में जूड़ा गूंथ लेती हो।।✍️✍️ "हिन्दी दिवस"✍️✍️ अनमोल विचार बेस्ट सुविचार सुविचार इन हिंदी आज का विचार आज शुभ विचार
read morePrakash Vidyarthi
White "गुरु की महिमा" गुरु ब्रह्म हैं गुरु विष्णु गुरु गोविंद महेश । गुरु शरण जो धाय मिट जाए सारा क्लेश।। गुरु राम हैं गुरु श्याम गुरु पिता मां अम्बा। गुरु सरस्वती लक्ष्मी पार्वती गुरु दुर्गा जगदम्बा।। गुरु अल्लाह गॉड ईश्वर एक जिनके कारज नेक अनेक। चाहें पढलो गीता कुरान रामायण महाभारत या धार्मिक वेद।। गुरु ज्ञान सरोवर सागर गुरु विद्या की खान। गुरु जीवन के पथ प्रदर्शक गुरू चक्षु समान।। गुरु बल हैं गुरु बुद्धि है जैसे पावन यमुना गंगा का जल।। गुरू विद्यार्थी का दीपक प्रकाश हर समस्या का सही हल।। गुरु देव ऋषि मुनि महात्मा गुरु संदीपनी वाल्मिकी चाणक्य। गुरु शिक्षा के नायक शिक्षार्थी जो दिलाए शिष्यों का लक्ष्य।। गुरु ब्रह्मांड वैज्ञानिक दर्शन शास्त्र शस्त्र भी सिखाए। गुरु के कृपा से अबोध विद्यार्थी चांद मंगल भीं घूम आए ।। गुरु मित्र सखा हितकारी अच्छा मार्ग प्रशस्त कर्ता। छात्र छात्राओं को पुत्र पुत्री माने सबका कष्ट हरण करता।। गुरु मात्र भाव का भूखा आदर सत्कार सम्मान चहेता। सूरज बन खुद जलता चलता बहुमूल्य ज्ञान गुण सबको देता।। शिक्षित सभ्य समाज निर्माता यथा निर्देशक गुरु हैं रूप। शिष्टाचार अनुशासन शुभ चिन्तक गुरु छत्र छाया कभी धूप।। गुरू किसी को डाक्टर बनाए किसी को राष्ट्र का राजा। गुरु से कोई मास्टर इंजीनियर बने सच्चा देशभक्त खुश प्रजा।। गुरु आईएएस आईपीएस पैदा करें वकील कलक्टर नेता अधिकारी। गुरु कृपा दया जो भीं प्राप्त करें महाराज भीं बन जाए निर्धन भिखारी ।। गुरु महिमा मंडन अपरम्पार है गुरु के पांव जो भक्त पूजे। मानवजीवन प्रफुल्लित प्रकाशित हों धन्य धान्य यश वैभव समृद्धि जय गूंजे।। जय गुरु विजय गुरु करू गुरू गुणगान चरण स्पर्श गुरूवे नमः ह्वदय बसे गुरु धाम।। करे प्रकाश गुरु बखान वंदन विद्यार्थी कोटि कोटि नमन अभिनंदन प्रणाम। गुरु से बढ़कर कोई न जग में दूजा गुरु चरण में शिक्षित हुए भगवान।। स्वरचित:- प्रकाश विद्यार्थी भोजपुर बिहार ©Prakash Vidyarthi #sad_quotes #कविताएं #poetry_addicts #लेखक_की_दुनिया
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read moreMr.Ravi Rajdev
White नेहमी लक्षात ठेवा आपल्याला खाली खेचणारे लोक हे नेहमी खालच्या पायरीवर असतात..✍️💯🙏 ©Ravi Rajdev #Sad_Status #कविताएं #Nojoto #No_1trending #Nojotoviralvideo #love4life #sheroshayari #Nojoto2liner माणुसकीच नात चांगले विचार यशस्वी जीवन माझे विचार लाईफ कोट्स
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read morePrakash Vidyarthi
White कान्हा के इंतज़ार में (कृष्णा भजन गीत ) ::::::::.:::;;;;;;;;;;;;;;;;::;;; गिरिधर जब से गए हैं दूर देश रे। नाहि सामाचार मिला कुशल सनेश रे।। असरे ही असरे में जिन्दगी गुजारे। दिन रात एक टक राह निहारे ।। रोई रोई प्रभू जी के प्यार में। उमर सारी ढल गई राधा की कान्हा के इंतज़ार में।। .-२ बड़ा निर्मोही लगे, मोहन मुरारी। किए रे जुल्म प्यारी राधा पे भारी।। खोज न खबर कुछ बहुत सताएं ह्वदय की पीड़ा पीर कैसे दिखाएं छोड़ गए बीच मजधार में । उमर सारी...................२ देखो मेरी दुःख दशा ओ यशोदा मईया । खूब तंग किया हमे, तेरा लाल कन्हैया।। करे रासलीला वृंदावन बांके बिहारी गोपियां मोहित भई और मैं दिल हारी बसे मन मन्दिर संसार मे । उमर सारी..................२ चेहरा के चमक हों गया धूमिल। श्याम बिन जीना हुआ हैं मुश्किल।। पूरब जन्म का हैं प्रीत पुरानी नंद लाला की हैं प्रेम दीवानी भटके अकेली वन झाड़ में । उमर सारी....................२ विरह के अगिया किशन जी लगाके। लुप्त हुए राधा को विरहिन बनाके।। प्रकाश विद्यार्थी की मन की कल्पना निज पराया अब गैर लगे सब सपना गई मुरझाईं पुष्प हार में । उमर सारी...................२ स्वरचित -- प्रकाश विद्यार्थी भोजपुर बिहार ©Prakash Vidyarthi #love_shayari #poeatry #कविताएं
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White "मन की आवाज़" अथवा :- गंगा सी दीवानी कीचड़ सा आंवारा प्यार की आदत उसने लगाई और आदि मैं हों गया। उसके मन की आवाज का बिग फैन विनय हों गया।। वो गंगा सी दीवानी स्वच्छ निर्मल नीर बहती जलधारा। मुझ कीचड़ सा आवांरा दीवाना संग मेल पर संशय हों गया।। मानो वो अमृत की पावन प्रीत प्याली मैं विष का मामूली । टुकड़ा का एक दूजे में लगा रासायनिक विलय हों गया।। दोस्ती उससे ऐसे हुई जैसे सुर ताल संगीत एक लय हों गया। कहीं रूठ न जाए मेरी छोटी मोटी । गलतियों से थोडा-सा भय हों गया।। सोचा था कभी फुर्सत में सुनाऊंगा उसे अपनी दास्तान,गज़ल,गीत,। कविता कहानी का दर्द भरा इंतेहां अग्नि परीक्षा प्यारा परिणाम।। पर दिल थम सा गया ,सुना जब उसका रिश्ता कही तय हों गया। मेरे गुमशुदे ईश्क प्रेम मोहब्बत के अन्तिम दृश्य का समय हों गया ।। प्यार के बाजारों में उसके सोने का दिल किसी क्रेता के नाम बय हो गया। रजिस्ट्री यानी बिक्री जोर बेईमानी तिलक दहेज़ भीं सब तय हों गया।। दावत दिया था भोज का उसने अपनी सजी महफिल में मुझे। पर मै शर्मिन्दा हों गया खुदको। हारते हुए गिरते हुए देखकर।। बाजीगर मैं बना बाजीगर पर कोई। और उसका विजय हों गया।। मूंह मीठा करने ही वाला था की । अचानक मुझे उल्टी कय हों गया।। डॉक्टर ने कहा ठीक हों जायेगा ये धीरे धीरे दिल का रोगी पागल प्रेमी।। इसका धड़कन बड़ा नाज़ुक हैं। कोमल हृदय सह मासूम हैं ।। इसे प्यार की खुराक की जरूरत हैं। क्योंकि इसके दिल जान मोहब्बत ।। प्रेमिका सपना का छय हों गया जैसे दिल का कोई पय हों गया।। शमा बांधकर महफिल में रंग जमाकर गाकर प्रेमगीत विद्यार्थी रो गया । कलप तड़पकर छुपा लिया अपने गम प्रकाश शिक्षा मन्दिर में कहीं खो गया।। स्वरचित:- प्रकाश विद्यार्थी भोजपुर बिहार ©Prakash Vidyarthi #sad_shayari #poetery #कविताएं #गजल_सृजन #गीतों
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White " देवो के देव महादेव" ::::::::::::::::::::::::::::: प्रीत प्रेम सूर्य चंद्रमा अदृश्य ऊर्जा स्वरूपा। जो नष्ट भयो न कभी, बदला गयो बसरूपा ।। जस संलयित तसही बढै विखण्डित भावभूपा । लागे ह्रदय वीरान महल असित भग्न गुफा ।। रब रूठा या जग झूठा प्रियतम का संघ जो छूटा। भाए नहीं उज्जवल प्रकाश लागे ब्रह्माण्ड कलूटा।। मोह भंग से नीर नेत्र का अथाह विरह वेदना फूटा। हर्षित जीवन का कोई अर्थ नहीं स्नेह स्वपन्न जो टूटा।। सती वियोग में क्रोधित भोले श्रृष्टि संचालन रुका। देव दनुज सब शिव मनाने करे जतन शरण झुका।। विष्णु का चक्र चला ऐसे त्रिदेव धुआं हों उठा। छीन भिन्न अंग तीर्थ स्थल बना मां का अंश जहां जुटा।। रूदन देव को शांत कराने ब्रह्मा एकत्र सब जुटा। हुऐ शांत एकान्त प्रभु पर्वत गुफा में तप करने घुसा।। महादेव की अश्रु देख प्रकृति भी व्यथित थर्रा हो उठा। तब श्रृष्टि संचालन हेतु मां पार्वती रचना रंग रूपा।। स्वरचित:- प्रकाश विद्यार्थी भोजपुर बिहार ©Prakash Vidyarthi #sawan_2024 #poeatry #कविताएं
Prakash Vidyarthi
White "दिल की जज्बात " ::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: इस मौसम में लिखूं तो किस मौसम में लिखूं। कि मुझे तुमसे ईश्क हैं। फिर क्यों कैसा रिश्क है।। इस सावन में न कहूं तो किस सावन में कहूं। की ये दिल बेकरार हैं। हां मुझे तुमसे प्यार हैं।। अब न चाहूं तो फिर बोलो कब तुम्हे चाहूं। जब दूसरो की चाहत हो जाओगी किसी अनजाने की अमानत बन जाओगी ।। ऐसे न रूठूं मनाऊं तो फिर कैसे रूठूं मनाऊं। यहीं तो सच्चा प्रेम मोहब्बत हैं। ईश्वर की मर्जी और कुर्बत हैं।। अब न तुमसे मिलूं तो फिर कब तुमसे मिलूं। इसी से तो नजदीकिया बढ़ेगी। गहरे रिश्ते की भावना जगेगी।। इस बारिश में न बोलूं तो किस बारिश में बोलूं। की तुम मेरी हो और मैं तुम्हारा। प्यार से भीं प्यारा हैं प्यार हमारा।। अभी इजेहार न करूं तो कब इजहार करूंगा। मान या न मान मै तेरा मेहमान। हम दो दिल और एक हैं जान।। आज तुम्हें मन की बात न बताऊं तो फिर कब बताऊं। बोलूं की I love you जानेमन । कसम से हम तुम्हारे हैं सनम।। स्वरचित:- प्रकाश विद्यार्थी। (पोएट्री लवर्स) भोजपुर बिहार ©Prakash Vidyarthi #love_shayari #पोएट्रीलवर्स #कविताएं
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White शीर्षक "टी20 वर्ल्ड कप" अथवा " विश्व विजेता विजवी भारत" क्या मौसम के मोहब्ब्त ने, कैसा मानसून लाया हैं। मेरे भारत के आंगन में, खुशियों का बूंद बरसाया है।। बोलो बम बम भोले के संघ सावन भी झुमके गाया है। टी20 वर्ल्ड कप जीतकर, भारत मां को हर्षाया है।। 17 वर्षो बाद विजवी भव: , का संदेश सुनाया है। इंडियन टीम ने भारत को, विश्व विजेता बनाया है।। देखो इतिहास के पन्नों में, फिर ये नाम कमाया है। शहर क्या गावों की गली गली, स्वर्णिम पर्व मनाया हैं।। शूरवीर सूर्या का गौरव, सबके मन को लुभाया है। गेंद पकड़ा हाथों में वैसे, जैसे खुशियों को पाया है।। रोहित के टीम नीति प्रदर्शन , राष्ट्र विराट बनाया है।। चैंपियन बन दुनियां में,हार्दिक शुभकामना पाया है। प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट, जसप्रित प्राण लगाया है। स्वर्णाक्षरो में अक्षर ने, देश का नाम लिखवाया हैं।। ऋषभ ने राष्ट्रीय रन में , धुरंधर बढ़त दिलाया है। कुलदीप ने कर्तव्य पथ पर,क्या कमाल दिखाया है।। शिवम् दुबे ने सत्यम , सुंदरम का पाठ पढ़ाया हैं । अर्शदीप के मेहनत ने, खुशियों का रंग जमाया हैं ।। जडेजा मोहम्मद भीं ने देश का खुब मान बढ़ाया है। हिन्दुस्तान का झंडा जग में, तिरंगा फहराया हैं।। सबने साथ मिलकर के , क्या खूब साथ निभाया है। जमी से आसमा तक जय हिन्द,का नारा गुंजवाया हैं।। साहित्य प्रेमी प्रकाश विद्यार्थी, सबके मन को भाया है। आर्यावर्त आर्या पब्लिकेशन दिल में संस्कार समाया है।। स्वरचित -: प्रकाश विद्यार्थी ©Prakash Vidyarthi #t20_worldcup_2024 #पोएट्रीलवर्स #कविताएं
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