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Parasram Arora
White गुलशन का पुराना माली आज न जाने कई संत बन कर घुम रहा हैँ लगता हैँ झरती हुई फूल की पंखुडियो को गिरता देख उसके भीतर भी कहीं वैराग जाग न गया हो ©Parasram Arora माली या संत
माली या संत
read moreneelu
White सबसे ज्यादा सही क्या है... इंसान या.. इंसानियत मेहनत या .......नियत धर्म या धर्म ...का ज्ञान ज़मीन या .. आसमान ©neelu #diwali_wishes #सबसे #ज्यादा #सही #क्या है... #इंसान या.. #इंसानियत #मेहनत या .......#नियत धर्म या धर्म ...का #ज्ञान ज़मीन या .. आसमान
Nisha Singh P. S
White मोहब्बत वह एहसास है जिसे होने के बाद इंसान या तो आबाद होता है या तो बरबाद होता है ©Nisha Singh P. S #Sad_Status या तो बरबाद
#Sad_Status या तो बरबाद
read moreDr. Parwarish
White आदत से सिर्फ हवस जगती है, इश्क तो हमेशा इबादत ही रहा है। तुम कहते हो इश्क हुआ है? अजी सुना है ये तुम सिर्फ आदत ही रहा है। ©Dr. Parwarish इश्क इबादत या आदत
इश्क इबादत या आदत
read moreमासूम
*शीर्षक - तथाकथित मर्द जात* *( व्यंग )* औरत की गलती पर जो तुमको सताते ना समझ जो तुम्हारी ही कमियां गिनाते ना दो ध्यान इन पर , बनो तुम विचारक करो नाम सार्थक , ऐ ! महिला सुधारक *तथाकथित मर्द जात , तुम्हे तरक्की मुबारक* तुम्हारी नहीं , कोई इसमें खता है हैं नजरें ही चंचल ,ये सबको पता है बहक जाता मन , देख सुन्दरताई प्रभु ने ये नेमत , की तुमको अता है नजरें ही करवाती दुष्कृत्य विदारक *तथाकथित मर्द जात , तुम्हे तरक्की मुबारक* ये माथे की बिंदिया ये चूड़ी ये कंगन सुनाई दी कानों में पायल की छन छन तभी तो है मन से ये आवाज़ आई मैं आगोश में लूं तो हो तृप्त तन - मन तुच्छ भावना की, औरत ही कारक *तथाकथित मर्द जात तुम्हे , तरक्की मुबारक* नहीं है सलीका , रहने का इनको समझें नहीं खुद के आगे किसी को ना जाने ही , कैसा गुरूर है इनमें अबला से सबला बनाया है जिन को अच्छा किए बन , गुरूर का तारक *तथाकथित मर्द जात , तुम्हे तरक्की मुबारक* अश्लीलता की , हर हदें पार करतीं नहीं धीर मन में , ये औरत ही धर्ती स्वयं को बचाती , तुम्हे दोषी कह के पर्दे में , आखिर ये क्यूं नहीं रहतीं ? बनना पड़ा , तुमको इनका संहारक *तथाकथित मर्द जात , तुम्हे तरक्की मुबारक* कि सबसे बड़ी , खता इनकी ये है जो गर्भ में पाली , तुम्हें आज ये है हृदय से लगा करके सींचा तुम्हे क्यूं मसल दो इन्हें , सजा इनकी ये है डटे तुम रहो गर , तो बनेगा स्मारक *तथाकथित मर्द जात , तुम्हे तरक्की मुबारक.....* *✍️ *अपर्णा त्रिपाठी "मासूम"* ✍️ ✍️ *महराजगंज ✍️**से ©मासूम तथाकथित मर्द जात तुम्हें तरक्की मुबारक#outofsight गोल्डन कोट्स इन हिंदी
तथाकथित मर्द जात तुम्हें तरक्की मुबारकoutofsight गोल्डन कोट्स इन हिंदी
read moreParasram Arora
White कई मनीषयो से सुना था हमने कि मौत एक झपकी की तरह आती है और एक मीठी लम्बी नींद मे इंसान को सुला जाती है लेकिन मैंने तो कई लोगो को देखा है ढेरों झपकीया लेते हुए ....फिर भी उनकी साँसे. कभी थमती नही है ©Parasram Arora झपकी या मौत
झपकी या मौत
read moreParasram Arora
White एक लम्बे अर्से से मैं समुन्दर के तट पर टहलता रहता था पर अचानक एक दिन. समुन्दर ने एक बड़ी लहर. को उठा दिया और उस लहरने मुझे तट से उठा कर समुन्द्र के हवाले कर दिया था मैं शुक्रगुज़ार हू उस लहर का जिसने मुझ जैसे एक तुच्छ कतरे को समुन्द्र मे गिरा कर. मुझे समुन्द्र बना दिया था ©Parasram Arora कतरा या समुन्द्र
कतरा या समुन्द्र
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