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Updated Mirzapuri
White पिंड दान कीजिए ऐसे रिश्तों का जो आपके होकर भी आपके नहीं है ©Updated Mirzapuri #good_night #रिश्ता #पिंड दान
#good_night #रिश्ता #पिंड दान #Life
read moreArvind Arora
s गोल्डी
कुछ लड़कियों को न ही नसीब हुआ गुलाब और न ही सिंदूर, उन्हें नसीब हुआ अपार प्रेम, वो भी उस लड़के से जिसने चुना उसके घाव भरके उसे जीवन पर्यंत चाहना ! ❤️ और असल में ऐसे पुरुषों के माथे चूमे जाने चाहिए, जिन्होंने प्रेम में मृत हुई लड़कियों को जीवन दान दिया है उन्हें अथाह प्रेम देकर !!♥️🥀 ©s गोल्डी कुछ लड़कियों को न ही नसीब हुआ गुलाब और न ही सिंदूर, उन्हें नसीब हुआ अपार प्रेम, वो भी उस लड़के से जिसने चुना उसके घाव भरके उसे जीवन पर्यंत
कुछ लड़कियों को न ही नसीब हुआ गुलाब और न ही सिंदूर, उन्हें नसीब हुआ अपार प्रेम, वो भी उस लड़के से जिसने चुना उसके घाव भरके उसे जीवन पर्यंत #Life
read moreDevesh Dixit
White गुरु (दोहे) गुरु मिलता जब शिष्य को, मिलती खुशी अपार। देते विद्या दान हैं, भरे ज्ञान भंडार।। गुरु की महिमा है बड़ी, शिक्षा दे भरपूर। बिन पानी साबुन बिना, दोष करे वो दूर।। शिष्य करे जो अर्चना, गुरु का हो सम्मान। विद्या से जीवन खिले, पूरे हों अरमान।। गुरु जैसा ज्ञानी नहीं, वही ज्ञान का सार। निर्माता ये भाग्य के, जीवन का आधार।। गुरु बिन है विद्या नहीं, और कहाँ फिर ज्ञान। पशुवत होती जिंदगी, पाता कष्ट महान।। विद्या जो धारण करे, बनता वही महान। गुरु को रहती लालसा, सबका हो सम्मान।। ........................................................ देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #teachers_day गुरु (दोहे) गुरु मिलता जब शिष्य को, मिलती खुशी अपार। देते विद्या दान हैं, भरे ज्ञान भंडार।। गुरु की महिमा है बड़ी, शिक्षा द
#teachers_day गुरु (दोहे) गुरु मिलता जब शिष्य को, मिलती खुशी अपार। देते विद्या दान हैं, भरे ज्ञान भंडार।। गुरु की महिमा है बड़ी, शिक्षा द #Poetry #Sethi
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
गीत :- तुम जननी हो इस जग की , रच लो एक नया संसार । क्यों घुट-घुट कर फिर जीती हो , क्यों सब सहती आत्याचार ।। तुम जननी हो इस जग की .... पुरुष वर्ग नारी पर भारी , क्यों होता है करो विचार । निकल पड़ो हाथो में लेकर , घर से अपने आज कटार ।। बेटे भाई पति को अपने , दान करो अपने शृंगार । तुम जननी हो इस जग की .... कितनी बहनें कितनी बेटी , होंगी कब तक भला शिकार । चुप बैठी है सत्ता सारी , विवश हुआ है पालनहार ।। मन में अपने दीप जलाओ , नहीं मोम से जग उँजियार । तुम जननी हो इस जग की ..... छोड़ों चकला बेलन सारे , बढ़कर इन पर करो प्रहार । बहुत खिलाया बना-बना कर , इन्हें पौष्टिक तुम आहार ।। बन चंडी अब पहन गले में , इनको मुंडों का तू हार । तुम जननी हो इस जग की .... बन्द करो सभी भैय्या दूज , बन्द करो राखी त्यौहार । ये इसके हकदार नही है , आज त्याग दो इनका प्यार ।। जहाँ दिखे शैतान तुम्हें ये , वहीं निकालो तुम तलवार । तुम जननी हो इस जग की .... सिर्फ बेटियाँ जन्म लिए अब , सुतों का कर दो बहिष्कार । खो बैठें है यह सब सारे , बेटा होने का अधिकार ।। मिलकर जग से दूर करो यह , फैल रहा जो आज विकार । तुम जननी हो इस जग की .... तुम जननी हो इस जग की , रच लो एक नया संसार । क्यों घुट-घुट कर फिर जीती हो , क्यों सब सहती आत्याचार ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत :- तुम जननी हो इस जग की , रच लो एक नया संसार । क्यों घुट-घुट कर फिर जीती हो , क्यों सब सहती आत्याचार ।। तुम जननी हो इस जग की .... पुरुष
गीत :- तुम जननी हो इस जग की , रच लो एक नया संसार । क्यों घुट-घुट कर फिर जीती हो , क्यों सब सहती आत्याचार ।। तुम जननी हो इस जग की .... पुरुष #कविता
read moreDevesh Dixit
मोदीकेयर (दोहे) मोदीकेयर छा गया, बना यही आधार। जीवन भी सुखमय हुआ, कलयुग में अवतार।। हिय से सोचो जान लो, तुम इसके उपयोग। भ्रम में मत रहना कभी, वरना घेरें रोग।। मंजिल पानी है अगर, देना है श्रम दान। कहते कुछ विद्वान हैं, इसमें मिलता मान।। नासमझी में छोड़ते, कहते यह बेकार। दूजों को भी रोकते, समझ उसे उपकार।। मोदीकेयर ने दिया, हमको यह उपहार। रोग ग्रसित जो हैं अभी, उनका बेडापार।। धन वर्षा भी कर रहा, घुमा रहा परदेश। मोदीकेयर से मिला, हमको यह परिवेश।। उत्पादों की खासियत, पर हमको अभिमान। क्यों छोड़ें अब हम इसे, यहीं मिला वरदान।। मैं भी इसमें जुड़ गया, पाने को वरदान। सेहत भी इससे मिली, और जगे अरमान।। मोदीकेयर में बढ़ें, और कई उत्पाद। हम सबकी यह लालसा, रहे नहीं अवसाद।। मानूँ मैं देवेश हूँ, इसका ही आभार। मोदीकेयर प्राण हैं, हम सबका आधार।। ............................................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #मोदीकेयर #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry मोदीकेयर (दोहे) मोदीकेयर छा गया, बना यही आधार। जीवन भी सुखमय हुआ, कलयुग में अवतार।। हिय
#मोदीकेयर #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry मोदीकेयर (दोहे) मोदीकेयर छा गया, बना यही आधार। जीवन भी सुखमय हुआ, कलयुग में अवतार।। हिय #Poetry #sandiprohila
read moreDevesh Dixit
मोदीकेयर (दोहे) मोदीकेयर छा गया, बना यही आधार। जीवन भी सुखमय हुआ, कलयुग में अवतार।। हिय से सोचो जान लो, तुम इसके उपयोग। भ्रम में मत रहना कभी, वरना घेरें रोग।। मंजिल पानी है अगर, देना है श्रम दान। कहते कुछ विद्वान हैं, इसमें मिलता मान।। नासमझी में छोड़ते, कहते यह बेकार। दूजों को भी रोकते, समझ उसे उपकार।। मोदीकेयर ने दिया, हमको यह उपहार। रोग ग्रसित जो हैं अभी, उनका बेडापार।। धन वर्षा भी कर रहा, घुमा रहा परदेश। मोदीकेयर से मिला, हमको यह परिवेश।। उत्पादों की खासियत, पर हमको अभिमान। क्यों छोड़ें अब हम इसे, यहीं मिला वरदान।। मैं भी इसमें जुड़ गया, पाने को वरदान। सेहत भी इससे मिली, और जगे अरमान।। मोदीकेयर में बढ़ें, और कई उत्पाद। हम सबकी यह लालसा, रहे नहीं अवसाद।। मानूँ मैं देवेश हूँ, इसका ही आभार। मोदीकेयर प्राण हैं, हम सबका आधार।। ............................................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #मोदीकेयर #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi मोदीकेयर (दोहे) मोदीकेयर छा गया, बना यही आधार। जीवन भी सुखमय हुआ, कलयुग में अवतार।। हिय
#मोदीकेयर #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi मोदीकेयर (दोहे) मोदीकेयर छा गया, बना यही आधार। जीवन भी सुखमय हुआ, कलयुग में अवतार।। हिय #Poetry #sandiprohila
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