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kavi Dinesh kumar Bharti
टीका बन गया रोग ©kavi Dinesh kumar #टीका बन गया रोग कविता
#टीका बन गया रोग कविता
read moreArjun Rawat पार्थ
Poonam Ahlawat
हर चेहरे ने एक, दास्ताँ छुपा रखी है, हर चेहरे ने अपने, होठों पर एक बनावटी, मुस्कान ला रखी है। मजबूत है बाहर से, कमजोर है अंदर से, अपने को बहला रहा है, फिर भी खुश दिखने की, कोशिश कर रहा है। ©Poonam Ahlawat चेहरा
चेहरा
read moreF M POETRY
White मैं हर इक फूल देखा करता हुँ.. तेरा चेहरा दिखाई देता है.. यूसुफ आर खान... ©F M POETRY #तेरा चेहरा दिखाई देता है..
#तेरा चेहरा दिखाई देता है..
read moreF M POETRY
White फूल जैसा है तुम्हारा चेहरा.. इसलिए फूल देखा करता हुँ.. यूसुफ आर खान... ©F M POETRY #फूल जैसा है तुम्हारा चेहरा...
#फूल जैसा है तुम्हारा चेहरा...
read mores गोल्डी
हमने जब जब नशा किया चाय का भाप बनके तेरा चेहरा नज़र आया ✍️ ©s गोल्डी हमने जब जब नशा किया चाय का भाप बनके तेरा चेहरा नज़र आया ✍️
हमने जब जब नशा किया चाय का भाप बनके तेरा चेहरा नज़र आया ✍️
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी मन के संचित भावो ने ही आवरण भव भवो के ओड़े है आकुल व्याकुल हर्ष विषाद में अनजाने पापो के पाप आत्मा में जोड़े है करो चिकित्सा इनकी अब दस दिन दसधर्म को प्रगटाओ एक एक धर्म का सार समझो बोधिसत्व चेतना तक पहुँचायो कैम्प समझो आत्मशुद्धि का दस दिन विकारों को दूर भगाये सत्य शौच संयम त्याग तपस्या और व्रतों से मुक्तिपथ अपनाकर जन्म मरण का रोग भगाये प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Buddha_purnima जन्म मरण के रोग भगाये #nojotohindi
#Buddha_purnima जन्म मरण के रोग भगाये #nojotohindi
read moreHeer
रोग ऐसा रोग लगा मुझे की, अब नहीं दिखता कोई अपना, जकड़ा मुझको इसने ऐसे की, रहा न कोई अपना। छाया अब घनघोर अंधेरा, कैसी दुविधा है आई, चारो ओर उदासी है लाई, इंतजार जीवन भर पाया। चेहरे पर खुशी नहीं अब, ऐसा साल आया अब, पैसे रहा न अपने रहे,रहा न कोई अपना। शुरुआत में लगा मुझे भी, सलामत घर को लौट जाऊंगा, सब कुछ ठीक फिर हो जायेगा,पहले जैसा बन जायेगा। लेकिन फिर अचानक से, इस बीमारी ने अपना रंग दिखाई, दिखाया मुझको फिर आइना, मुझसे मेरी पहचान कराई। अब पूछते है एक दूसरे से, कब होगा सब पहले जैसा, कब तक रहेगा सब ऐसा, हर सुबह करते है अब सब, सवाल नए एक दूसरे से। कही ऐसा न हो जाए, उड़ जाए पंछी अकेला, रह जाए बस खाली पिंजरा, समझ आया जब रोग ये लगा, रहा न कोई अपना। Alfazii 🖊️💙 ©Heer #रोग