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Andy Mann

#good_night Sethi Ji vinay panwar Arshad Siddiqui Dr. uvsays अदनासा-

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White रब की भी जातीय जनगणना होनी चाहिए? पता तो चले किस जाति के ईश्वर ज्यादा जन्म लिए, और किस जाति के बिलकुल भी नही!

©Andy Mann #good_night  Sethi Ji  vinay panwar  Arshad Siddiqui  Dr. uvsays  अदनासा-

Andy Mann

#life_quotes अदनासा- Rakesh Srivastava Arshad Siddiqui Santosh Narwar Aligarh (9058141336) Dr. uvsays

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White वह पहले 
धार्मिक आधार पर बांटेंगे
 फिर दंगों के लिए उकसाएंगे
 फिर सिद्ध करेंगे कि 
बंटे थे इसलिए कटे थे

©Andy Mann #life_quotes  अदनासा-  Rakesh Srivastava  Arshad Siddiqui  Santosh Narwar Aligarh (9058141336)  Dr. uvsays

Reena Sharma

हक से हक Ayesha Aarya Singh udass Afzal khan Arshad Siddiqui Dr. Amarjeet Thakur "Amar" Monu Kumar

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Andy Mann

#मर्द Arshad Siddiqui Ashutosh Mishra Santosh Narwar Aligarh (9058141336) Dr. uvsays Hardik Mahajan

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White ये सोच कर ही मर्दों ने 
पूरी उम्र गुजार दी..
मैं कैसे भी रहूं मेरा परिवार 
सुकून से रहे...

©Andy Mann #मर्द   Arshad Siddiqui  Ashutosh Mishra  Santosh Narwar Aligarh (9058141336)  Dr. uvsays  Hardik Mahajan

Andy Mann

#वो_सुनहरा_दौर Ravi Ranjan Kumar Kausik अदनासा- Arshad Siddiqui Santosh Narwar Aligarh (9058141336) Dr. uvsays

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White #जीवन का वो दौर जब गेहूं से भरे कट्टे को कैरियर पर रखकर उसको पापा की साइकिल पर काली रबर की ट्यूब से गद्दी से होते हुए दो-तीन बार लपेटकर ठीक से सेट करना कोई आसान टास्क नहीं रहा,, खैर!! ये सब करने के बाद साइकिल को रोड पर संभालना और ज्यादा जटिल हो जाता था जब कैरियर के चिमटे कमजोर हों क्योंकि उस condition में वो भारी भरकम कट्टा इधर उधर लहराता था तो उसे साधने के लिए एक हाथ पीछे कर कट्टे का मुहँ पकड़ना पड़ता था,, चक्की करीब आधा किलोमीटर दूरी थी पर वो आधा किलोमीटर मील का पत्थर हो जैसे ऐसी लगती थी! अब जैसे तैसे चक्की पर पहुंचता तो वो चक्की वाले बड़के भैया पसीने में तर एक बार में खींचकर उतार देते थे पर साइकिल पूरी ट्रेन के पुल की तरह झंझना जाती थी!
भैया ने कट्टा तोल दिया है और उसी पर 39 किलो 500 ग्राम पिंक स्याही से लिख दिया है,, पापा का नाम पल्ली तरफ लिखा हुआ है पहले से ही,, अब चलता हूं हवा खाता हुआ उसी खटारा साइकिल पे शर्ट के बटन खोले हुए मस्त एक दम ये सोचते हुए कि कल फिर इसे लेने आना है वाली टेंशन के साथ!

©Andy Mann #वो_सुनहरा_दौर Ravi Ranjan Kumar Kausik  अदनासा-  Arshad Siddiqui  Santosh Narwar Aligarh (9058141336)  Dr. uvsays

Andy Mann

#भगत_सिंह Arshad Siddiqui Ravi Ranjan Kumar Kausik Dr. uvsays अदनासा- Neel

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White उन्हें यह फ़िक्र है हरदम, नयी तर्ज़-ए-ज़फ़ा क्या है?
हमें यह शौक है देखें, सितम की इन्तहा क्या है? दहर से क्यों ख़फ़ा रहें, चर्ख का क्या ग़िला करें। सारा जहाँ अदू सही, आओ! मुक़ाबला करें॥
इन जोशीली पंक्तियों से उनके शौर्य का अनुमान लगाया जा सकता है। चन्द्रशेखर आजाद से पहली मुलाकात के समय जलती हुई मोमबती पर हाथ रखकर भगतसिंह ने कसम खायी थी कि उनकी जिन्दगी देश पर ही कुर्बान होगी और उन्होंने अपनी वह कसम पूरी कर दिखायी।

28 सितंबर को शहीद भगतसिंह का जन्मदिन है। आज के समय में उन्हें याद करने का हमारे लिए बहुत महत्व है। शहीद भगतसिंह की क़ुर्बानी, बहादुरी, और ख़ुशी-ख़ुशी फाँसी के तख़्ते पर झूल जाने के बारे में कमोबेश देश के ज़्यादातर लोग जानते हैं।

“किसी ने सच ही कहा है, सुधार बूढ़े आदमी नहीं कर सकते । वे बहुत ही बुद्धिमान और समझदार होते हैं। सुधार तो होते हैं युवकों के परिश्रम, साहस, बलिदान और निष्ठा से, जिनको भयभीत होना आता ही नहीं और जो विचार कम और अनुभव अधिक करते हैं ।”
   - भगत सिंह -
क्या आप कल्पना कर सकते हैं, एक हुकूमत, जिसका दुनिया के इतने बड़े हिस्से पर शासन था, जिसके बार में कहा जाता था कि उनके शासन में सूर्य कभी अस्त नहीं होता। इतनी ताकतवर हुकूमत, एक 23 साल के युवक से भयभीत हो गई थी।
क्या थे भगत सिंह के आखिरी शब्द -
फांसी के समय जो कुछ आधिकारिक लोग शामिल थे उनमें यूरोप के डिप्टी कमिशनर भी शामिल थे। जितेंदर सान्याल की लिखी किताब भगत सिंह के अनुसार ठीक फांसी पर चढऩे से पहले के वक्त भगत सिंह ने उनसे कहा, मिस्टर मजिस्ट्रेट आप बेहद भाग्यशाली हैं कि आपको यह देखने को मिल रहा है कि भारत के कांतिकारी किस तरह अपने आदर्शों के लिए फांसी पर भी झूल जाते हैं। 
मैं नास्तिक क्यों हूं -
यह लेख भगत सिंह ने जेल में रहते हुए लिखा था और यह 27 सितम्बर 1931 को लाहौर के अखबार “ द पीपल “ में प्रकाशित हुआ । इस लेख में भगतसिंह ने ईश्वर कि उपस्थिति पर अनेक तर्कपूर्ण सवाल खड़े किये हैं और इस संसार के निर्माण , मनुष्य के जन्म , मनुष्य के मन में ईश्वर की कल्पना के साथ साथ संसार में मनुष्य की दीनता , उसके शोषण , दुनिया में व्याप्त अराजकता और और वर्गभेद की स्थितियों का भी विश्लेषण किया है । यह भगत सिंह के लेखन के सबसे चर्चित हिस्सों में रहा है।


            🙏🏻💐🙏🏻

©Andy Mann #भगत_सिंह  Arshad Siddiqui  Ravi Ranjan Kumar Kausik  Dr. uvsays  अदनासा-  Neel

Hisamuddeen Khan 'hisam'

#HisamuddeenKhanHisam #actor #Bollywood Love Dr. uvsays Sethi Ji BOND Ravi singh007 Arshad Siddiqui Vishalkumar "Vishal"

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frame. finder

Nawazuddin Siddiqui

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Hisamuddeen Khan 'hisam'

#HisamudeenKhanHisam #actor #Love love status Pradeep Kumar Mishra Arshad Siddiqui Dr. uvsays Prakhar Kaushal Mohd Kamruzzama

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puja udeshi

#बुढ़ापा #pujaudeshi Kavi Himanshu Pandey MD Raja chetan parihar Arshad Siddiqui Dr. uvsays बुढ़ापा क्यो आता हैं????? जवानी ले जाता हैं,

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White बुढ़ापा क्यो आता हैं????? जवानी ले 
जाता हैं, एक नहीं 100 दर्द दिए जाता हैं 
शरीर क्यो कमजोर पड़ जाता हैं सहारा 
भी छूट जाता हैं जब पति चला जाता हैं 
अब उम्मीद बेटे से वो भी बहु की सुनता हैं 
कोई शिकवा शिकायत नहीं करती दिन तो 
कट ही जाता हैं मौत का इंतज़ार कर रही 
हूँ कब चली जाऊ...... क्या पता  बेटा भी 
 शायद यही चाहता हैं 🥹

©puja udeshi #बुढ़ापा #pujaudeshi  Kavi Himanshu Pandey  MD Raja  chetan parihar  Arshad Siddiqui  Dr. uvsays बुढ़ापा क्यो आता हैं????? जवानी ले 
जाता हैं,
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