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अज्ञात
कभी मिलने आता नहीं ये और बात है वो दिल से जाता नहीं ये और बात है मर्ज-ए-इश्क़ छुपता नहीं छुपाने से तुझे नज़र आता नहीं ये और बात है है तो कुछ और ही तेरे दिल में मगर जुबाँ तक आता नहीं ये और बात है रौनक़ मकाँ की उसके होने से है वो कुछ कमाता नहीं ये और बात है पलकें बिछा रख्खी है उसकी राहों में वो आता जाता नहीं ये और बात है हाले दिल बताता है अंदाज-ए-शेर में वो पर्दा उठाता नहीं ये और बात है हमारे लिये तड़प उन आँखों में खूब है वो सच बताता नहीं ये और बात है ©अज्ञात #बात
Mohan Sardarshahari
मौसम तो आते जाते हैं मौसम की रवानी का क्या कहना बात पुरानी कहकर देखो फिर जानो क्या होता है दिल में रहना ।। ©Mohan Sardarshahari पुरानी बात
पुरानी बात
read morePoonam Ahlawat
White चलने की कौशिक, लेकिन कदम भारी हैं। शांत रखने की कौशिक, लेकिन दिमाग में हलचल है। बोलने की कौशिक, लेकिन कंठ रुद्ध गया है। आँसुओं को रोकने की कौशिक, लेकिन आँखे नहीं मानती हैं। जिंदगी है ये कहाँ रुकती है, अपना हर रूप दिखती है । सुख की आशा में भागते हैं , लेकिन दुःख को कहाँ कम कर पाते हैं ©Poonam Ahlawat जिंदगी के रूप
जिंदगी के रूप
read moreANJANA MALI
कहते हैं मां का दिल, मोम जैसा होता है। पर कभी-कभी मां को, अपने असली स्वरूप, महाकाली का रूप भी, धारण करना पड़ता है।। जय माताजी... 🙏🪔🌹 ©ANJANA MALI #navratri मां का महाकाली रूप
#navratri मां का महाकाली रूप
read morekunti sharma
जो बात अब वो कैसे बनेगी इश्क में टूटना जरूरी होता है ये रीत कैसे बदलेगी ©kunti sharma #बात
Parasram Arora
White जैसे जैसे वक्त बीता और वक्त बदलता गया.. हम लोगो ने भी इबादत और पूजा के त्तथाकथित ढंग मे बदलाव कर दिया हैँ क्योंकि इबादत के ढंग बदलने से पहले हमारे धर्म और मज़हबो ने भी अपना रूप बदल लिया है तभी तो आज आये दिन हमें खून खराबो और नफरतों के हिंसक रूप से मुख़ातिब होना पड़ता है झूझना पडता है ©Parasram Arora बदलता रूप
बदलता रूप
read moreMadhusudan Shrivastava
White राहों में जो मिलें उन्हें अपना बना के चल दुश्मन भी हों तो उनको गले से लगा के चल कुर्सी पे आज वो हैं तो उनको सलाम है अपना भी दिन आएगा ये उनको बता के चल सांसें उखड़ रहीं हैं औ बैरी हुआ जहां दुश्मन हुई है आज ये आब ओ हवा के चल पत्ते दरख़्त से गिरे तो आएंगे नए लौटेगा दिन सभी का रख ये हौसला के चल सुनने सुनाने की है ये महफ़िल अता करो गीत ओ ग़ज़ल या नज़्म रूबाई सुना के चल जो दोस्त थे वो दुश्मनी की राह चल पड़े दौर ए जहां यहां का है दुश्मन हुआ के चल रस्ते सभी खुलेंगे जो तुम मुस्कुराओगो दुश्मन भी साथ देंगे तेरा मुस्कुरा के चल ©Madhusudan Shrivastava #गजल मुस्कुरा के रूप
#गजल मुस्कुरा के रूप
read moreRoopsingh Doi
खामोश चेहरों पर भी बगावत आ जाती है जब सहन करते करते बात सिर पर आ जाती है रूपसिंह गुर्जर ©Roopsingh Gurjar सच बात
सच बात
read moreGhumnam Gautam
रूप सुहाना कर देती है दूर ठिकाना कर देती है माँग की ये सिंदूरी रेखा कितनों को बेगाना कर देती है ©Ghumnam Gautam #सिन्दूर #रूप #ghumnamgautam