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Khushi Kandu
गहरे घाव छोड़ जाते हैं सुनकर ज़माने भर की बातें अगर मुदावा हो सकता तो सुकून से कटती मेरी रातें *मुदावा- इलाज ©Khushi Kandu #galiyaan #इलाज #गहरे #घाव #khushikandu #cure #Wounds हिंदी शायरी शेरो शायरी शायरी खूबसूरत दो लाइन शायरी
Anjali Singhal
"यादें हैं थकी हुईं और एहसास पड़ा निढाल है, टूट रहा मुझमें कुछ आज दिल उदास है। साँसों का बिखरना लाज़िमी और दर्द का रुकना मुहाल है, दिल के इ
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी खो गयी आजादी नैतिकता सरकारों ने खो दी है सर्व समाज को खतरे में डाल धर्म सम्प्रदाय की तान छेड़ी है टेक्स और कानून इतने बढ़ा दिये भर भर हाथों से लूट रहे है गाँधी वाद बौना कर दिया नस्ले फसले बर्बादी की गाथा कह रहे जोर जुल्म अंग्रेजो वाला है हिंसा से भारत को लहुलुहान कर रहे है अहिँसा का हथियार, वनवास झेलता गांधी की आजादी खतरे में है सर्वहारा वर्ग जुल्मो का शिकार हुआ प्रताड़ना शासन सत्ताओ की सहता है केंसर गुलामी का भारत में पनप रहा इलाज कोई गाँधी बन नही करता है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #gandhi_jayanti इलाज कोई गाँधी बन नही करता है #nojotohindi
#gandhi_jayanti इलाज कोई गाँधी बन नही करता है #nojotohindi
read moreप्रा.शिवाजी ना.वाघमारे
का कुणावर प्रेम कराव ? का कुणासाठी झुरायच ,का कुणासाठी मरायच, देवाने आई बाबा दिले आहे त्यांच्यासाठी सगळं करायच.. ©प्रा.शिवाजी ना.वाघमारे का
का
read moreranjit Kumar rathour
आज़ से पचीस साल पूर्व ढेर सारी नसीहतो के साथ पापा ने मुझे पटना तब भेजा था ज़ब गांव का सामान्य आदमी शायद हीं हिम्मत जुटा पाता था पापा ने बस स्टैंड तक छोड़ा था और भाई भागलपुर स्टेशन तक हम दो भाइयों को ट्रेन मे छोड़ने बोला नहीं था कुछ लेकिन नजरो से एक वादा ले लिया था जाओ आप पापा के सपने बनाना मंझला था बोला हमें नहीं पढ़ना तब हम नहीं समझ पाए थे लगा ये शैतानी कर रहा है अपनी जिंदगी बर्बाद कर रहा है आज ज़ब समझा तो लगा की हम बड़े होकर भी कितने छोटे हप गए और मेरा छोटा कितना बड़ा हप गया ठीक 25साल बाद वही नजारा सामने था बस स्टेशन दूसरा था मुझे नहीं मै छोड़ने आया था अपने दोनों बेटों को लेकिन इस बार नसीहत मेरे थे और उम्मीदों को बोझ बेटों पर उदास ट्रेन मे सवार पटना जाने के लिए एक तपस्या के लिए घर से दूर हा बेटे यही है दस्तूर हा यही है दस्तूर ©ranjit Kumar rathour पचीस साल बाद
पचीस साल बाद
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