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Hariom Pathak
खफा रहने का शौक भी पूरा कर ले वो, लगता है उन्हें हम जिंदा अच्छे नहीं लगते। #Emotional
read moreshailesh chaudhari
Kaun Kahta Hai Ishq Ek Bar Hota Hai Jitni bar dekhta hun Tumhe Har Bar Hota Hai Pal Kitne Bhi Gujar Lun Tere Sath Per Sans kahati Hain Dil abhi Bhara Nahin Ishq Mein Ham Kuchh Is Tarah masroof Hain Unhen Humse Fursat Nahi Hamen Unse Fursat Nahi ©shailesh chaudhari #कौन कहता है इश्क एक बार होता है जितनी बार देखता हूं तुम्हें हर बार होता है पल कितने भी गुजार लूं तेरे साथ पर सांस कहती है दिल अभी भरा नहीं
Anjali Singhal
"अब कौन उन्हें समझाए, कि हम उनके बिना न रह पाएँ; मोहब्बत नहीं है उन्हें अगर, हमसे यूँ नज़रें तो न चुराएँ! ये एहसास ही काफ़ी है उनका, कि देख #Poetry #AnjaliSinghal
read morePaakhi Sharma
कभी कभी... कुछ अनजाने भी करीब से आने लगते हैं जाने क्यों बिना सोचे समझे उन्हें हम भी चाहने लगते हैं ये दिल था... या बातें दिल की कुछ भी समझ नहीं आता क्या वजह है जो बेवजह की उम्मीदें बढ़ाने लगते हैं एक रिश्ता सा... तुमसे जुड़ गया यूं ही एक बंधन में तुमसे बंध गए यूं ही न उम्र का बंधन न प्यार की सीमा जानते हैं न होगा तुम्हारे संग जीना फिर भी जाने क्यों समझ नहीं आता बस तुम्हें बस तुम्हें चाहने लगते हैं... ©Paakhi जाने क्यों बिना सोचे समझे उन्हें हम भी चाहने लगते हैं ये दिल था... या बातें दिल की कुछ भी समझ नहीं आता क्या वजह है जो बेवजह की उम्मीद
जाने क्यों बिना सोचे समझे उन्हें हम भी चाहने लगते हैं ये दिल था... या बातें दिल की कुछ भी समझ नहीं आता क्या वजह है जो बेवजह की उम्मीद #Love #nojotohindi
read moreAshutosh Mishra
गुरु ही ब्रह्मा, गुरु ही विष्णु, गुरू ही गंगा जमुना है। बिना गरू जीवन जड़ है, गुरु की महिमा अपरम्पार। गरू ज्ञान दे सरल करें जीवन,करें,,,, भगवान से मिलने की राह आसान। संसार रूपी सागर में ज्ञान का दीप जला कर, सदमार्ग, परमार्थ,का ज्ञान दे, वैकुंठ की राह करें आसान। आज शिक्षक दिवस के अवसर पर आप सभी को शुभकामनाएं और बधाई। अल्फ़ाज़ मेरे ✍️🙏🏻🙏🏻 ©Ashutosh Mishra #शिक्षकदिवस हम सब जीवन भर किसी ना किसी से अक्सर कुछ ना कुछ सीखते हैं। फिर चाहे वो हमारी पहली गुरु माता पिता हो या हमें शिक्षा प्रदान करने व
#शिक्षकदिवस हम सब जीवन भर किसी ना किसी से अक्सर कुछ ना कुछ सीखते हैं। फिर चाहे वो हमारी पहली गुरु माता पिता हो या हमें शिक्षा प्रदान करने व #विचार
read moreArchana Tiwari Tanuja
बहता लम्हा :- *************** पानी की तरह बहता लम्हा न मिले दुबारा, मुर्झा गए जो फूल इक बार न खिलें दुबारा। जो लिखा था मुकद्दर में उससे न भाग पाए, खुले जो ज़ख्म पुराने उन्हें हम सिले दुबारा। दरमियां ढ़ह चुकी है जो भरोसे की इमारत, मरम्मत से न होगें पहले से वो किले दुबारा। पथरीली राहों से भरा है सफ़र ज़िन्दगी का, भरे जो घाव बर्षो में वो! आज छिले दुबारा। भूली बिसरी यादों पे चढ़ी थी ये गर्द कब से, हमें याद आ गये हैं वहीं शिकवे-गिले दुबारा। छोड़ आए जिस कहानी को अंधेरे मोड़ पर! अब नहीं करना हमें शुरू!सिलसिले दुबारा। लगा रहता था कभी हुज़ूम इर्द-गिर्द मेरे भी! कहां मिलते हैं! बिछड़े हुए काफ़िले दुबारा। अर्चना तिवारी तनुजा ✍️✍️ ©Archana Tiwari Tanuja #BehtaLamha #Nojoto #kavita #MyThoughts 12/08/2023 बहता लम्हा :- ************ पानी की तरह बहता लम्हा न मिले दुबारा, मुर्झा गए जो फूल इक ब
#BehtaLamha #kavita #MyThoughts 12/08/2023 बहता लम्हा :- ************ पानी की तरह बहता लम्हा न मिले दुबारा, मुर्झा गए जो फूल इक ब #कविता
read moreDevesh Dixit
कुत्तों का शौचालय एक बार कुत्तों ने अपनी सभा बुलाई, हर कुत्ते ने अपनी उसमें अर्जी लगाई। कहने में संकोच हो रहा है, पर कहना तो पड़ रहा है। काश हम कुत्तों का शौचालय भी होता, सरकार का ध्यान हमारी ओर भी होता। शौचालय में हम भी जाते, इधर उधर न धक्के खाते। इंसानों ने तो बनवा लिए शौचालय, हम सब के लिए केवल औषधालय। वो भी केवल उन पालतू के लिए, हम सब तो फालतू हैं उनके लिए। बीमारी दुखारी जो कुछ भी है, वो सब उन पालतू के लिए है। कुछ भी तकलीफ हो अगर उन्हें, तुरंत औषधालय ले जाते उन्हें। हम कुत्ते सड़क पर रहने वाले, हमारे लिए तो सब जगह ताले। हमारी कौन खबर रखने वाला, यहां हर कोई हमें धमकाने वाला। जख्मी हो जाएं कभी अगर हम तो, कौन ले जाए औषधालय हम को। तड़प - तड़प कर रह जाते हैं, क्या करें हम सब सह जाते हैं। कुछ तो ख्याल हमारा रखा होता, शौचालय ही बनवा दिया होता। तो गंदगी न होती चारों तरफ, सफाई ही होती तब हर तरफ। बाद में एक कुत्ता बोला, उसने अपना मुंह खोला। अरे हमारी तो छोड़ो, अब उधर को देखो। वो पालतू भी यहीं को चला आ रहा है, हमारी तरह सड़क को गंदा कर रहा है। क्या इनके लिए भी नहीं है शौचालय, तो क्या ही बनेगा हमारे लिए शौचालय। चलो इससे हम सब पूछते हैं, इसकी समस्या को हम बूझते हैं। क्यों आया यह यहां हमारे बीच, पर मालिक रहा है उसको खींच। उसकी समस्या को देख चौंकने लगे, जानने के लिए उस पर भौंकने लगे। पालतू कुत्ता उन पर गुर्राने लगा, उन सबको अब धमकाने लगा। मुझे नहीं कोई भी कमी यहां, मालिक ऐसा मिलेगा कहां। बहुत खुश हूं मैं वहां पर, मेरा मालिक है जहां पर। फिर एक कुत्ता बोला उनमें से, कमी नहीं तो क्यों बंधा पट्टे से। हमारे इलाके में भटक रहा है, मार्ग को भी गंदा कर रहा है। क्या शौचालय नहीं तुम्हारा भी, जैसे नहीं बना कभी हमारा भी। तब वह कुछ कह नहीं पाया, उनका ही समर्थन वह कर पाया। कुत्तों को समझ में आ चुका था, व्यथा को सबकी जान चुका था। जो नहीं बनने वाला उनकी खातिर, फिर बुद्धि क्यों लगाएं अपनी शातिर। यूं हीं मार्ग को गंदा करते रहते हैं, ढूंढ कर खाना खाते हैं फिर सो जाते हैं। .............................................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #कुत्तों_का_शौचालय कुत्तों का शौचालय एक बार कुत्तों ने अपनी सभा बुलाई, हर कुत्ते ने अपनी उसमें अर्जी लगाई। कहने में संकोच हो रहा है, पर कह
#कुत्तों_का_शौचालय कुत्तों का शौचालय एक बार कुत्तों ने अपनी सभा बुलाई, हर कुत्ते ने अपनी उसमें अर्जी लगाई। कहने में संकोच हो रहा है, पर कह #Poetry #sandiprohila
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