Find the Latest Status about आयुष्याचा पथ हा दुर्गम from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, आयुष्याचा पथ हा दुर्गम.
Rohan Roy
White आस्था पवित्र है, लेकिन आस्था से जुड़ी एक-एक तथ्य, पाखंड के पथ पर अग्रसर है। जो आस्था की अस्तित्व को मिटा रहा है। आस्था में विचारशील ऊर्जा का संचार होता तो है। किंतु यह बनावटी लिबास में लिपटा जीवन, आस्था के शाश्वत अनुभवों से ओझल हो रहा है। ©Rohan Roy आस्था पवित्र है, लेकिन आस्था से जुड़ी एक-एक तथ्य, पाखंड के पथ पर अग्रसर है | #RohanRoy | #dailymotivation | #motivation_for_life | #rohanroy
आस्था पवित्र है, लेकिन आस्था से जुड़ी एक-एक तथ्य, पाखंड के पथ पर अग्रसर है | #RohanRoy | #dailymotivation | #motivation_for_life | #RohanRoy
read moreShivkumar barman
मैं तुम्हारे लिए उस चांद तारे को इस जमीन् पर ला तो नहीं सकता लेकिन तुम्हें तुम्हारे हिस्से कि वो मै हर खुशी दे सकता जिसके तुम हकदार हों... हा शायद मैं उसमे शामिल न हो पाऊं तुम्हारे घर के हर उत्सव में आऊं लेकिन अगर कभी जो आई मुसीबत मे मुझे तुम हमेसा ही मेरा साथ जरूर पाओगे... हा शायद मैं ना दे पाऊं कभी वो, तुम्हें हर वक्त ब्रांडेड गिफ्ट्स या वो खुशियाँ लेकिन तुम मेरे साथ रहे अगर तो हमेशा वो मन, सम्मान और भरोसा भी पाओगे... हा शायद तुम्हें डर है प्यार, मोहब्बत और इश्क से, लेकिन क्या मेरे कहने से तुम एक बार , मुझ पर वो भरोसा कर पाओगे... ©Shivkumar barman मैं तुम्हारे लिए उस #चांद तारे को इस #जमीन पर ला तो नहीं सकता लेकिन तुम्हें तुम्हारे #हिस्से कि वो मै हर खुशी दे सकता जिसके तुम #हकदार
gudiya
White वह तोड़ती पत्थर; देखा उसे मैं इलाहाबाद के पथ पर - वह तोड़ती पत्थर कोई ना छायादार पेड़ वह जिसके तले बैठी हुई स्वीकार ; श्याम तन, भर बंधा यौवन, नत नयन ,प्रिय- कर्म -रत मन, गुरु हथोड़ा हाथ , करती बार-बार प्रहार ;- सामने तरु -मालिका अट्टालिका ,प्राकार । चढ़ रही थी धूप; गर्मियों के दिन दिवा का तमतमाता रूप; उठी झुंझलाते हुए लू रूई - ज्यों जलती हुई भू गर्द चिनगी छा गई, प्राय: हुई दुपहर :- वह तोड़ती पत्थर ! देखे देखा मुझे तो एक बार उस भवन की ओर देखा, छिन्नतार; देखकर कोई नहीं, देखा मुझे इस दृष्टि से जो मार खा गई रोई नहीं, सजा सहज सीतार , सुनी मैंने वह नहीं जो थी सुनी झंकार; एक क्षण के बाद वह काँपी सुघर, ढोलक माथे से गिरे सीकर, लीन होते कर्म में फिर जो कहा - मैं तोड़ती पत्थर 'मैं तोड़ती पत्थर।' - सूर्यकांत त्रिपाठी निराला ©gudiya #love_shayari #Nojoto #nojotophoto #nojotoquote #nojotohindi #nojotoenglish वह तोड़ती पत्थर; देखा उसे मैं इलाहाबाद के पथ पर - वह तोड़ती प
#love_shayari nojotophoto #nojotohindi #nojotoenglish वह तोड़ती पत्थर; देखा उसे मैं इलाहाबाद के पथ पर - वह तोड़ती प
read moreIG @kavi_neetesh
White “ निशीथ का दिया “ तुम जलो , जलना तुम्हें है तुम चलो , चलना तुम्हें है पथ तुम्हें दुर्गम मिलेंगे मन तुम्हारा वह छलेंगे हारकर रुकना नहीं है टूटकर झुकना नहीं है जय विजय का प्रण लिए निर्भीक पग चलना तुम्हें है तुम जलो, जलना तुम्हें है।। दिव्यता का दीप तुम हो सजग प्रहरी वीर तुम हो चिर निरंतर जल रहा जो धर हृदय वह धीर तुम हो सृष्टि के कल्याण परहित कठिन पथ चलना तुम्हें है तुम जलो, जलना तुम्हें है।। रोशनी के तुम शिखर हो तिमिर के शत्रु प्रखर हो हो रहा जो रण अटल उस सभ्यता का दीप तुम हो घोर गहवर इन तमों से लड़ना सदा डटकर तुम्हें है तुम जलो , जलना तुम्हें है ।। ©IG @kavi_neetesh #GoodMorning प्रेम कविता देशभक्ति कविताएँ कविताएं कविता कोश हिंदी कविता “ निशीथ का दिया “ तुम जलो , जलना तुम्हें है तुम चलो , चलना तुम्ह
#GoodMorning प्रेम कविता देशभक्ति कविताएँ कविताएं कविता कोश हिंदी कविता “ निशीथ का दिया “ तुम जलो , जलना तुम्हें है तुम चलो , चलना तुम्ह
read moreसंस्कृतलेखिकातरुणाशर्मातरु
दुनिया की सबसे खूबसूरत जोड़ी हमारी श्री लली राधे रानी और हमारे प्यारे भाई क्रिशु♥️ भाग्यशाली हैं हम जो हमें राधेश्याम के चरण शरण में स्थान
read moreसंस्कृतलेखिकातरुणाशर्मातरु
स्वलिखित संस्कृत रचना हिन्दी अनुवाद सहित शीर्षक अधूरेपन से लड़ते हैं . . विधा विचार . .
read moreseema patidar
बहुत मित्र कभी नहीं होते मित्र जीवन में कम ही हो सकते है पहचान बहुतों से हो सकती है सहजता बहुतों से हो सकती है पहचान दुनिया से हो सकती है उससे कम लोगो से संबंध हो सकते है उससे और कम लोगो से मित्रता हो सकती है उससे और कम लोगो पर विश्वास हो सकता है उससे भी और कम लोगो से प्रेम हो सकता है ऐसा प्रेम स्थायी और अनंत होता है जो जीवन की किसी परिस्थिति में समाप्त नहीं होता । ©seema patidar आनंद पथ
आनंद पथ
read morePhalak Rakesh
कि मेरे ज़ख्म ही थोड़े बहुत खुरेदे है मिरी तन्हाइ मुझे काट कर नहीं खाती ©Phalak Rakesh नहीं है ये कि कभी लाज बर नहीं आती मगर हा वो फिर भी अपने घर नहीं जाती कि मेरे ज़ख्म ही थोड़े बहुत खुरेदे है मिरी तन्हाइ मुझे काट कर नहीं
नहीं है ये कि कभी लाज बर नहीं आती मगर हा वो फिर भी अपने घर नहीं जाती कि मेरे ज़ख्म ही थोड़े बहुत खुरेदे है मिरी तन्हाइ मुझे काट कर नहीं
read moreANATH SHAYAR
हा,हूं बीबी का गुलाम #wifeandhusbandrelationship #wife love #lovestatus #follow #sedfeel #bebafasta
read more