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Anuj Ray
महिला दिवस पर विश्व की सभी महिलाओं को अभिनंदन.. हम महिलाएं निकल चुकी हैं अब पुरुषों के चुंगल से। अब हर बात सोचते हैं हम ,अपने अपने एंगल से। बहुत किया अपमान हमारा , और शोषण की तो बात ही छोड़ो। अगर चाहिए भविष्य सुनहरा, चल कर कदम कदम से जोड़ो। फूल के बदले दिल दे देती, कडवा चौथ में मांग संवारे। सीमा पर प्रहरी बन सकतीं, सब जग ज़ाहिर हैं रूप हमारे। हम विक्रांत के सजग चौकसी, हम ही तेजस की गति संवारे। अब सोचे ना अज्ञानी कोई, हमें घर में बांध रखेगा सांकल से। हम महिलाएं निकल चुकीं हैं अब पुरुषों के चुंगल से। ©Anuj Ray हम महिलाएं ..
हम महिलाएं .. #न्यूज़
read moreGondwana Sherni 750
महिला दिवस मनाने के बावजूद भी आज तक कोई लड़की सुरक्षित नहीं 1 दिन का महिला दिवस मनाने से रेप ,अत्याचार, हत्याकांड यह सब खत्म हो सकता है क्या अगर खत्म हो सकता है तो ही महिला दिवस मनाए वरना कोई फायदा नहीं है जब महिलाएं सुरक्षित ही नहीं रहेगी तो महिला दिवस क्यों मनाओगे palli 8/3/21 ©Gondwana sherni सुरक्षित महिलाएं #standAlone
सुरक्षित महिलाएं #standAlone #बात
read moreANUBHUTI
कितना कुछ सहती हैं महिलाएं फिर भी मार दी जाती हैं महिलाएं....... कुछ की सहयोगी भी महिलाएं...... #stopacidattacks
read moreVijay Vidrohi
#महिलाएं गुलाम ना होती# सुबह न होती शाम ना होती चर्चा ये सरेआम ना होती। भारत में यदि विदेशी आर्य न आते तो महिलाएं गुलाम ना होती।। बाल विवाह ना होते पर्दा प्रथा ना होती दहेज प्रथा ना होती कन्या भ्रूण हत्या ना होती महिलाओं की नाक में नथनी रूपी लगाम ना होती ... भारत में यदि विदेशी आर्य न आते तो महिलाएं गुलाम ना होती। घरेलू हिंसा ना होती महिला उत्पीड़न ना होता जेंडर इनइक्वेलिटी ना होती समाज का दमन ना होता दहेज के कारण महिलाओं की हत्या गाम गाम ना होती। ...... भारत में यदि विदेशी आर्य न आते तो महिलाएं गुलाम ना होती। घर के अंदर कैद ना होती आर्थिक दुर्दशा ना होती लोक लाज के नाम पर सारे बंधन-नियम लागू ना होते मातृ- प्रधान देश में संपत्ति कभी पुरुषों के नाम ना होती। ...... भारत में यदि विदेशी आर्य न आते तो महिलाएं गुलाम ना होती। और वैसे नारी पत्थर रूप में है पूजी जाती लेकिन वास्तव में इनकी अस्मत लूटी जाती मान सम्मान अधिकार नहीं है बराबर इनको घर की लक्ष्मी कह रखते बहका कर इनको बलात्कार की घटनाएं रोज सरेआम ना होती। ... भारत में यदि विदेशी आर्य न आते तो महिलाएं गुलाम ना होती। ©Vijay Vidrohi #महिलाएं गुलाम ना होती#
Vipin Misra
अर्ध नग्न महिलाओं को देख कर 90℅ कौन मजे लेता है...... एक दिन किसी ख़ास अवसर पर महिला सभा का आयोजन किया गया, सभा स्थल पर महिलाओं की संख्या अधिक और पुरुषों की कम थी..!! मंच पर तकरीबन *पच्चीस वर्षीय खुबसूरत युवती, आधुनिक वस्त्रों से* *सुसज्जित, माइक थामें कोस रही थी पुरुष समाज को..!!* वही पुराना आलाप.... कम और छोटे कपड़ों को जायज, और कुछ भी पहनने की स्वतंत्रता का बचाव करते हुए, पुरुषों की गन्दी सोच और खोटी नीयत का दोष बतला रही थी.!! तभी अचानक सभा स्थल से...बत्तीस पैंतीस वर्षीय सभ्य, शालीन और आकर्षक से दिखते युवक ने खड़े होकर अपने विचार व्यक्त करने की अनुमति मांगी..!! अनुमति स्वीकार कर माइक उसके हाथों मे सौप दिया गया .... हाथों में माइक आते ही उसने बोलना शुरु किया..!! "माताओं, बहनों और भाइयों, मैं आप सबको नही जानता और आप सभी मुझे नहीं जानते कि, आखिर मैं कैसा इंसान हूं..?? लेकिन पहनावे और शक्ल सूरत से मैं आपको कैसा लगता हूँ बदमाश या शरीफ..?? सभास्थल से कई आवाजें गूंज उठीं... पहनावे और बातचीत से तो आप शरीफ लग रहे हो... शरीफ लग रहे हो... शरीफ लग रहे हो.... बस यही सुनकर, अचानक ही उसने अजीबोगरीब हरकत कर डाली... सिर्फ हाफ पैंट टाइप की अपनी अंडरवियर छोड़ कर के बाक़ी सारे कपड़े मंच पर ही उतार दिये..!! ये देख कर .... पूरा सभा स्थल आक्रोश से गूंज उठा, मारो-मारो गुंडा है, बदमाश है, बेशर्म है, शर्म नाम की चीज नहीं है इसमें.... मां बहन का लिहाज नहीं है इसको, नीच इंसान है, ये छोड़ना मत इसको.... ये आक्रोशित शोर सुनकर... अचानक वो माइक पर गरज उठा... "रुको... पहले मेरी बात सुन लो, फिर मार भी लेना , चाहे तो जिंदा जला भी देना मुझको..!! अभी अभी तो....ये बहन जी कम कपड़े , तंग और बदन नुमाया छोटे-छोटे कपड़ों की पक्ष के साथ साथ स्वतंत्रता की दुहाई देकर गुहार लगाकर..."नीयत और सोच में खोट" बतला रही थी...!! तब तो आप सभी तालियां बजा-बजाकर सहमति जतला रहे थे..फिर मैंने क्या किया है..?? सिर्फ कपड़ों की स्वतंत्रता ही तो दिखलायी है..!! "नीयत और सोच" की खोट तो नहीं ना और फिर मैने तो, आप लोगों को... मां बहन और भाई भी कहकर ही संबोधित किया था..फिर मेरे अर्द्ध नग्न होते ही.... आप में से किसी को भी मुझमें "भाई और बेटा" क्यों नहीं नजर आया..?? मेरी नीयत में आप लोगों को खोट कैसे नजर आ गया..?? मुझमें आपको सिर्फ "मर्द" ही क्यों नजर आया? भाई, बेटा, दोस्त क्यों नहीं नजर आया? आप में से तो किसी की "सोच और नीयत" भी खोटी नहीं थी... फिर ऐसा क्यों?? " सच तो यही है कि..... झूठ बोलते हैं लोग कि... "वेशभूषा" और "पहनावे" से कोई फर्क नहीं पड़ता हकीकत तो यही है कि मानवीय स्वभाव है कि किसी को सरेआम बिना "आवरण" के देख लें तो कामुकता जागती है मन में... रूप, रस, शब्द, गन्ध, स्पर्श ये बहुत प्रभावशाली कारक हैं इनके प्रभाव से “विस्वामित्र” जैसे मुनि के मस्तिष्क में विकार पैदा हो गया था..जबकि उन्होंने सिर्फ रूप कारक के दर्शन किये..आम मनुष्यों की विसात कहाँ..?? दुर्गा शप्तशती के देव्या कवच में श्लोक 38 में भगवती से इन्हीं कारकों से रक्षा करने की प्रार्थना की गई है.. “रसे_रुपे_च_गन्धे_च_शब्दे_स्पर्शे_च_योगिनी। सत्त्वं_रजस्तमश्चैव_रक्षेन्नारायणी_सदा।।” रस रूप गंध शब्द स्पर्श इन विषयों का अनुभव करते समय योगिनी देवी रक्षा करें तथा सत्वगुण, रजोगुण, तमोगुण की रक्षा नारायणी देवी करें.!! आज के समाज की सोच ये है कि अपने घर की बेटियां अपने बदन को ढके या ना ढके लेकिन बहु मुंह छिपाकर घुंघट में रहनी चाहिए आज के समाज में बदन ढकना जरूरी नहीं पर मुंह ढकना जरूरी है। आज के समाज में घूंघट के लिए कोई जगह नहीं है वैसे ही इन अर्ध नग्न वस्त्रों के लिए भी कोई जगह नहीं है। ©Vipin Misra महिलाएं अवश्य पढ़ें #rain
seema singh rathore
•ऐ स्त्री, तू अपनी मर्यादा में रहना छोड़ अपनी ख्वाहिशें, सारो की फरियादें पूरी करना। भूल अपने वजूद को,बेटी-बहु-माँ ओर सास बनने का रोल अदा करना ।। •ऐ स्त्री, तू अपनी मर्यादा में रहना नौकरी करने का सपना मत देखना,तुम बस अपना घर सम्भालना। कुल के वंश को आगे बढ़ाना,बस यही है तुम से करवाना,ओर याद रखना बेटी मत लाना__घर पर थाली ही बजवाना ।। •ऐ स्त्री, तू अपनी मर्यादा में रहना सब को समझना और गलत होता देख चुप रहना । ससुराल ही है तुम्हारा असली गहना, पीहर जाने का नाम भी मत लेना, जुबान पर काबू रखना ओर सबकी सुनना अरे___ओ स्त्री तुम अपनी मर्यादा में रहना ।। •ओ स्त्री, छोड़ सभी गलत कानूनों को,एक नया सवेरा लाना । पीहर-ससुराल दोंनो को एक साथ सम्भालना, एक आदर्श बहु-बेटी बनना| •ओ स्त्री तुम अपनी मर्यादा में रहकर एक नया दीप जलाना, पति के कंधे से कंधा मिला खड़ी होना । आने वाली पीढ़ी को समानता का पाठ पढना, ओ महान स्त्री तुम्हें ही है सबकुछ बदलना ।। || सीमा सिंह राठौड़ || ©seema singh rathore #महिलाएं #womenempowerment #womenpower💪 #shaheeddiwas
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