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Bharat Bhushan pathak

सब्ज़ियों को देख रोटी मुँह फुलाती इस तरह। जन्म-जन्मांतरों के सौत लड़ती जिस तरह।। डुब जाए रोटियाँ सब्ज़ियों की ख़्वाहिश है। उग जाने रोटियों म

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सब्ज़ियों को देख रोटी मुँह फुलाती इस तरह।
  जन्म-जन्मांतरों के सौत लड़ती जिस तरह।।
 डुब जाए रोटियाँ सब्ज़ियों की ख़्वाहिश है।
 उग जाने रोटियों में देखिये ज़ोर-आजमाईश है।।
 सब्ज़ियों का रोटियों से मुहब्बत मुमकिन नहीं।
 दूर रहती हैं ये जैसे साथ चीनी नमकीन नहीं।।

©Bharat Bhushan pathak सब्ज़ियों को देख रोटी मुँह फुलाती इस तरह।
जन्म-जन्मांतरों के सौत लड़ती जिस तरह।।
डुब जाए रोटियाँ सब्ज़ियों की ख़्वाहिश है।
उग जाने रोटियों म

Dhaneshdwivediwriter

#Books चलो, किताबों के इस सफर पर, हम फिर से मिलें, नई उम्मीदों के संग। #BooksBestFriends #Stories कविताएं प्रेरणादायी कविता हिंदी हिं

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चलो, किताबों के इस सफर पर,  
हम फिर से मिलें, नई उम्मीदों के संग।













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©Dhaneshdwivediwriter #Books 
 चलो, किताबों के इस सफर पर,  
हम फिर से मिलें, नई उम्मीदों के संग।
#BooksBestFriends 
#Stories 
 कविताएं प्रेरणादायी कविता हिंदी हिं

Sawan Sharma

जब सवेरा हो, तो दिखे चेहरा तेरा तस्वीर में नहीं, अपने पास में तेरी आवाज़ जाए सबसे पहले कानो में जागू तो मिले उंगलियां तेरे बालो में उलझी हु

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White जब सवेरा हो, तो दिखे चेहरा तेरा
तस्वीर में नहीं, अपने पास में
तेरी आवाज़ जाए
सबसे पहले कानो में 
जागू तो मिले उंगलियां
तेरे बालो में उलझी हुई 
जिन्हें सहलाते हुए
रात मुझे नींद आ गई थी
जीवन की कुछ इच्छाओं में 
एक इच्छा ये भी है।

बाहर निकल कर कमरे से
तेरे हाथ की चाय मिले
चीनी हो उसमें थोड़ी 
थोड़ी प्रेम की मिठास हो
संवरने लगे जाने को ऑफिस 
मैं देखु तुझे संवरते हुए
दराज़ से निकाले तू झुमके
मैं पहना दु अपने हाथों से 
जीवन की कुछ इच्छाओं में 
एक इच्छा ये भी है।

मैं सारा दिन घर रहकर
प्रेम की किताबें लिखू
शाम को घर आते ही 
चाय तुझे तैयार मिले
थकान मिटाने दिन भर की 
घर आते ही गले लगे 
फ़िर हम दोनों साथ बैठकर 
वो प्यार से बनी चाय पीये
जीवन की कुछ इच्छाओं में 
एक इच्छा ये भी है।

©Sawan Sharma जब सवेरा हो, तो दिखे चेहरा तेरा
तस्वीर में नहीं, अपने पास में
तेरी आवाज़ जाए
सबसे पहले कानो में 
जागू तो मिले उंगलियां
तेरे बालो में उलझी हु

Himanshu Prajapati

#Sad_Status सफर सफर की बात है सफर सफर का मजा सफर में ही हमसफ़र मिलें, सफर में मिलें मजा..! #hpstrange #36gyan Kartik Aaryan आज का विचार बे

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White  सफर सफर की बात है 
सफर सफर का मजा
सफर में ही हमसफ़र मिलें,
सफर में मिलें सजा..!

©Himanshu Prajapati #Sad_Status सफर सफर की बात है 
सफर सफर का मजा
सफर में ही हमसफ़र मिलें,
सफर में मिलें मजा..!
#hpstrange #36gyan  Kartik Aaryan आज का विचार बे

Himanshu Prajapati

#love_shayari मिलें भी तो बड़े मुद्दों के बाद, फिर ना होश रहा, ना खबर..! #hpstrange #36gyan

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White मिलें भी तो बड़े मुद्दों के बाद, 
फिर ना होश रहा, ना खबर..!

©Himanshu Prajapati #love_shayari मिलें भी तो बड़े मुद्दों के बाद, 
फिर ना होश रहा, ना खबर..! #hpstrange #36gyan

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- करे सनातन धर्म यह , हर युग का आभार । हर युग की ही भाँति हो , कलयुग की जयकार ।। कलयुग में भी हो रहे , दैवीय चमत्कार । कहीं पान दातून

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दोहा :-
करे सनातन धर्म यह , हर युग का आभार ।
हर युग की ही भाँति हो , कलयुग की जयकार ।।
कलयुग में भी हो रहे , दैवीय चमत्कार ।
कहीं पान दातून अब , दिखे भक्त उपहार ।।
कलयुग में होंगे वही , सुन लो भव से पार ।
जो कर्मो के संग में , करते प्रभु जयकार ।।
कर्मो का पालन करो , मिल जायेंगे राम ।
तेरे अंदर भी वही , बना रखे हैं धाम ।।
रिश्ते हैं अनमोल ये , करो नही तुम मोल ।
रिश्ते मीठे बन पड़े , अगर मधुर तू बोल ।।
आटो बाइक में नही, करें यहाँ जो  फर्क ।
मिलें उन्हें यमराज जी , ले जाने को नर्क ।।
जीवन से मत हार कर , बैठो आज निराश ।
कर्मो से ही सुन यहाँ , होता सदा प्रकाश ।।
जो भी सुत सुनती नहीं , मातु-पिता की बात ।
वे ही पाते हैं सदा, सुनो जगत में घात ।।
मातु-पिता की बात जो , सुने अगर औलाद ।
तो पछतावा क्यों रहे , फिर गलती के बाद ।।
मातु-पिता हर से कहे,  प्रखर जोड़ कर हाथ ।
अपनी खातिर भी जिओ , रह के दोनों साथ ।।
मातु-पिता गुरुदेव का , करता नित सम्मान ।
जिनकी इच्छा से बना , मैं अच्छा इंसान ।।
तीनों दिखते हरि सदृश , मातु-पिता गुरुदेव ।
वह ही जीवन के सुनो , मेरे बने त्रिदेव ।।
मातु-पिता के बाद ही , मानूँ मैं संसार ।
पहले उनका ही करूँ , व्यक्त सदा आभार ।।
मातु-पिता क्यों सामने, क्यों खोजूँ भगवान ।
उनकी मैं सेवा करूँ , स्वतः बढ़े अभिमान ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :-
करे सनातन धर्म यह , हर युग का आभार ।
हर युग की ही भाँति हो , कलयुग की जयकार ।।
कलयुग में भी हो रहे , दैवीय चमत्कार ।
कहीं पान दातून
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