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Shivank Shyamal
बुरे हालातों का मारा हूं, ठुकराए वक्त का किनारा हूं । और मध्य दरिया में डगमगा गए हैं कुछ सपने मेरे, मैं कोलंबस सा भटका, नाविक आवारा हूं।। #nojoto #nojotohindi #nojotolucknow बुरे हालातों का मारा हूं, ठुकराए वक्त का किनारा हूं । और मध्य दरिया में डगमगा गए हैं कुछ सपने मेरे, मैं
#Nojoto #nojotohindi #nojotolucknow बुरे हालातों का मारा हूं, ठुकराए वक्त का किनारा हूं । और मध्य दरिया में डगमगा गए हैं कुछ सपने मेरे, मैं
read moreDr Jayanti Pandey
जब वक्त मिलेगा तो अपने शौक भी देखेंगे अभी तो हम सिर्फ जिंदा रहने में मसरूफ़ हैं खोज लेंगे अपनी दुनिया कोलंबस की तरह तुम्हारी दुनिया के तरीके हमें ज़रा कम पसंद हैं चटक कर टूट गया भ्रम तुम्हारी जिंदादिली का कल ही तुम्हें अपने घर में चिल्लाते हुए सुना था जो देख सको तो हर शख्स में नज़र आता है तुम्हारा खुद को खुदा कहना,ठीक नहीं लगता रिश्तों की सुन्दरता 'जया' निभाने वालों पर है वर्ना हर रिश्ते की बदसूरती नुमाया है हर तरफ For easy reading जब वक्त मिलेगा तो अपने शौक भी देखेंगे अभी तो हम सिर्फ जिंदा रहने में मसरूफ़ हैं खोज लेंगे अपनी दुनिया कोलंबस की तरह तुम्ह
For easy reading जब वक्त मिलेगा तो अपने शौक भी देखेंगे अभी तो हम सिर्फ जिंदा रहने में मसरूफ़ हैं खोज लेंगे अपनी दुनिया कोलंबस की तरह तुम्ह #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine #नज़रिया #jayakikalamse
read moreShivank Shyamal
आवाज़ों के जंगल में, इक शोर सुनाई देता है, जो कानों के दरवाज़ों पर, ख़ूब ढिंढोरा पीटता है।। मैं सपनों में उठ जाता हूं, फ़िर बड़ी चपलता से उठकर, वही आवाज़ ढूंढने लगता हूं। और पूरा दिन फ़िर कोलंबस सा, मैं चप्पा चप्पा छानता हूं, फ़िर सूरज की छिपती किरणों से, मैं मदद मांगने लगता हूं।। एक इशारा वह कर देता है, वो आवाज़ जहां से आती है, मैं सुन्न हो गया वह जगह देखकर, मैं ठहर गया वह महल देख कर, जिसपर मृत देह सजी पड़ी थी। लकड़ी के उस जंगल पर, तमाम आवाजें उठती हैं, और वहीं कहीं पर मैंने देखा, तमाम आवाज़ें भी मरती हैं।। Shivank Srivastava 'Shyamal' #InspireThroughWriting आवाज़ों के जंगल में, इक शोर सुनाई देता है, जो कानों के दरवाज़ों पर, ख़ूब ढिंढोरा पीटता है।। मैं सपनों में उठ जाता हू
InspireThroughWriting आवाज़ों के जंगल में, इक शोर सुनाई देता है, जो कानों के दरवाज़ों पर, ख़ूब ढिंढोरा पीटता है।। मैं सपनों में उठ जाता हू
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