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F M POETRY
White हाँ परेशान तो रहता हुँ मैं.. फिर भी कहता हुँ करम है तेरा.. यूसुफ आर खान... ©F M POETRY #करम है तेरा..
#करम है तेरा..
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White मन तो बावरा है अटकता है कभी तो भटकता है कभी.. विरक्त है कभी तो आसक्त है कभी... धूप है प्रेम की तो छाह यादों की कभी!! डूबता उतरता सा मचलता, भटकता सा कभी, कितने रंग समेटे खुद में हो रहा बदरंग कभी रे मन.. कैसे पाऊँ थाह तेरी है तू आस कभी तो तू है निर्लिप्त कभी ©हिमांशु Kulshreshtha ए दिल..
ए दिल.. #कविता
read moreRavi Ranjan Kumar Kausik
निगाहे एक फसाना khushi _baliyan_56 Arjun Rawat Kshitija sherni Niaz (Harf) #शायरी
read more(R.j) Riya. jha...
❣️❣️ करम गोरखपुरिया Ritu Tyagi sushil Ana jeetu mishra...(vidrohi ji )...! #लव
read moreनिर्भय चौहान
White दिल को भी करार आ जाए तो फिर तू जाए बहार आ जाए तो फिर तू मुझे छोड़े देख पैदल चलता मेरे पास कार आ जाए तो फिर तेरा होके मैं हकीम हो जाऊं कोई बीमार आ जाए तो फिर आशिकी में नाम तेरा छप जाए घर पे अखबार आ जाए तो फिर यह परचम रख कर करार कर लें अपनी सरकार आ जाए तो फिर यह वस्ल में खेलने वाले लड़के किस्मत में छिनाल आ जाए तो फिर मेरे मरने की दुआ ना कर निर्भय मुझसे कोई दरकार आ जाए तो फिर ©निर्भय चौहान #sad_shayari Vishalkumar "Vishal" Madhusudan Shrivastava Kumar Shaurya Yogenddra Nath Yogi करम गोरखपुरिया
#sad_shayari Vishalkumar "Vishal" Madhusudan Shrivastava Kumar Shaurya Yogenddra Nath Yogi करम गोरखपुरिया #शायरी
read moreUrmeela Raikwar (parihar)
मशहूर @_hardik Mahajan Pyare ji Yash Mehta अmit कोठारी "राही" करम गोरखपुरिया #शायरी
read moreUrmeela Raikwar (parihar)
शिकायत Dheeraj Bakshi करम गोरखपुरिया Yash Mehta Gautam Kumar Shaurya मोटिवेशनल कोट्स
read moreनिर्भय चौहान
White जिंदगी के सफर में भला आदमी, दोष का बोझ सर पे उठाता रहा। मसखरी हो गई दर्द का फलसफा, उमर भर वो सदा मुस्कुराता रहा।। उसने साथी चुने रूठने वाले सब उसने तारे चुने टूटने वाले सब। उसने चाहा जो कम है वो ज्यादा बने। राजा रानी बने न कि प्यादा बने। बस यही सोच कर आगे बढ़ता रहा, बस यही सोच खुद को घटाता रहा। जिंदगी के सफर में भला आदमी, दोष का बोझ सर पे उठाता रहा। मसखरी हो गई दर्द का फलसफा, उमर भर वो सदा मुस्कुराता रहा।। एक जमाना लगा भूलने में उसे, याद जिसको जमाने से छुप के किया। आज नाकारा नामर्द सुनना पड़ा, रात दिन जो बुलाती थी मेरे पिया। दौलतों के अंधेरे ये घर खा गए, देहरी पे दिया वो जलाता रहा। जिंदगी के सफर में भला आदमी, दोष का बोझ सर पे उठाता रहा। मसखरी हो गई दर्द का फलसफा, उमर भर वो सदा मुस्कुराता रहा।। एक माली के आंगन के दो फूल थे, फूल दोनों बहुत उसको मकबूल थे। एक कांटा भी उस बाग में था पला। फूल का चाहता रात दिन था भला।। चार कांधों का था बोझ पर बाबला, खुद को तन्हा ही कांधा लगाता रहा। जिंदगी के सफर में भला आदमी, दोष का बोझ सर पे उठाता रहा। मसखरी हो गई दर्द का फलसफा, उमर भर वो सदा मुस्कुराता रहा।। निर्भय चौहान(निरपुरिया) ©निर्भय चौहान #sad_shayari Vishalkumar "Vishal" Kumar Shaurya करम गोरखपुरिया Nazar Madhusudan Shrivastava
#sad_shayari Vishalkumar "Vishal" Kumar Shaurya करम गोरखपुरिया Nazar Madhusudan Shrivastava #कविता
read moreनिर्भय चौहान
White बहुत लंबी कहानी में कुछ किरदारों को मरना पड़ता है।। ©निर्भय निरपुरिया #CAT नंदी Rakhee ki kalam se Madhusudan Shrivastava करम गोरखपुरिया Kumar Shaurya