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Stories related to गैरोला नूर मोहम्मद

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Anjali Singhal

"अगर तुम ना होते, ये फिज़ा ना होती, महकी-महकी एहसास की। नूर आँखों में भरकर, तुम्हारे प्रेम रंग में डूबी है, हर धड़कन श्वास की।।" AnjaliSi #Shayari #status #shayaristatus #AnjaliSinghal

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Kiran Chaudhary

तेरी आँखों में जो मोहब्बत का नूर है.. #Shayari

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तेरी आँखों में जो मोहब्बत का नूर है,
वो किसी हसीं ख़्वाब से भी ज़्यादा खुशनुमा है।
तुझसे बिछड़ने का ख्याल भी अब आता नहीं,
क्योंकि तू मेरी ज़िंदगी का सबसे हसीन हिस्सा है।

©Kiran Chaudhary तेरी आँखों में जो मोहब्बत का नूर है..

The Unstoppable thoughts

गुल्लक-ए-दिल में मैंने बस तुम्हें ही रखा हैं हालात जैसे भी हो मैंने तुम्हें ही लिखा हैं मिरे ख़्वाबों में हंसी जन्नत-ए-नूर सी तुम मैंने ए #nojotohindi #nojotowriters #nojotoapp #nojotourdu

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ARTI DEVI(Modern Mira Bai)

#Sad_Status #love_shayari #लव #शायरी #कविता #viral Love #कॉमेडी हज़रत मुहम्मद जी का रुझान जन्म से लेकर मृत्यु तक अध्यात्मिक रहा। बहुत से #भक्ति #SaintRampalJi #AlKabir_Islamic

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ARTI DEVI(Modern Mira Bai)

#good_morning_quotes #love_shayari #लव #शायरी #कविता #viral Love #कॉमेडी अल्लाहु अकबर, आशादू अल्लाह इलाहा इल्लल्लाह ‘माह-ए-मोहर्रम ‘ इस्ल #भक्ति #muharram #muharram2024

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Nirankar Trivedi

आपकी ग़ज़ल सुंदर है, लेकिन कुछ छोटे बदलाव इसे और भी बेहतर बना सकते हैं:दिल की गहराइयों में तू बसा है कहीं, तेरी चाहत में ये दिल हर वक्त तड़प #Love #love_shayari #lovegazal

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- नाम तेरा सदा गुनगुनाता रहा । मन ही मन सोचकर मुस्कराता रहा ।। जब कभी ख्वाब में आप आये मेरे । रात फिर सारी  घूँघट उठाता रहा ।। क्या ह #शायरी

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ग़ज़ल :-
नाम तेरा सदा गुनगुनाता रहा ।
मन ही मन सोचकर मुस्कराता रहा ।।

जब कभी ख्वाब में आप आये मेरे ।
रात फिर सारी  घूँघट उठाता रहा ।।

क्या हुआ मुश्किलों से जो रोटी मिली ।
प्रेम से तो निवाला खिलाता रहा ।।

बद नज़र है जमाने की सारी नज़र ।
हाथ से उसकी सूरत छुपाता रहा ।

शब न आयी कभी ज़िंदगी में मेरे ।
नूर उसका अँधेरा मिटाता रहा ।।

देख लो आज भी उसका कोमल हृदय  ।
मन को मेरे मयूरा बनाता रहा ।।

छेड़ती होंगी सखियाँ ये कहकर उसे ।
नैन कैसे प्रखर कल लडाता रहा ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :-
नाम तेरा सदा गुनगुनाता रहा ।
मन ही मन सोचकर मुस्कराता रहा ।।

जब कभी ख्वाब में आप आये मेरे ।
रात फिर सारी  घूँघट उठाता रहा ।।

क्या ह
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