Find the Best गैर Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos aboutकिसी गैर से मोहब्बत है, किसी गैर की बाहों में, गैरफायदा in hindi, किसी गैर का नहीं, किसी गैर की,
Jack Sparrow
White क्युँ नही होता रहम्-ओ-करम तेरा मुझपे, इन्ही खयालों से परेशान हुआ जाता हु मैं। जरा देख मुझको बिन तेरी इनायत के ऐ संग-दिल, कोई तपता रेगिस्तान हुआ जाता हु मैं। Ct.JackOcean ©Jack Sparrow #गैर-इनायती
#गैर-इनायती
read morePrerna Singh
कुंठित इंसान कि फितरत के भी क्या कहने , फायदा उठाने के लिए जोंक बन खून चुस लेते हैं करीब रहने के लिए एक से रिश्ता पवित्र दुसरे से दुरी बनाने के लिए रिश्ता अपवित्र कह देते हैं ... कर देते हैं जीवन तहसनहस और एहसान भी जताते हैं। सामिल होते हैं इन सब सफेदपोश फायदा बेहिसाब उठाते हैं कर देना बच्चे को माँ के गोद से दुर कह कर अब स्तनपान की उसे जरूरत नही और गैर को हितैषी बता कर सौंप देना हक समझकर जैसे वो कोई वस्तु हो वस्तु बता कर जिंदगी को दोजख बनवाने वाले ही चारो तरफ बन कर बैठे है मसीहा बन कर... ©Prerna Singh कुंठित इंसान कि फितरत के भी क्या कहने , फायदा उठाने के लिए जोंक बन खून चुस लेते हैं करीब रहने के लिए एक से रिश्ता पवित्र दुसरे से दुरी बनाने के लिए रिश्ता अपवित्र कह देते हैं ... कर देते हैं जीवन तहसनहस और एहसान भी जताते हैं। सामिल होते हैं इन सब #सफेदपोश फायदा बेहिसाब उठाते हैं
कुंठित इंसान कि फितरत के भी क्या कहने , फायदा उठाने के लिए जोंक बन खून चुस लेते हैं करीब रहने के लिए एक से रिश्ता पवित्र दुसरे से दुरी बनाने के लिए रिश्ता अपवित्र कह देते हैं ... कर देते हैं जीवन तहसनहस और एहसान भी जताते हैं। सामिल होते हैं इन सब #सफेदपोश फायदा बेहिसाब उठाते हैं
read moreRabindra Kumar Ram
" यूं ताल्लुक़ात कुछ जाहिर तो हो कहीं गैर-इरादतन , बात बेशक ना हो बात कुछ तो हो इस गमें-ए-रुसवाई में , मिलने - मिलाने का सिलसिला फिर कुछ यूं चल पड़ेगा , फ़कत जैसे की हमी हो सब के सब हमनवाई में . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " यूं ताल्लुक़ात कुछ जाहिर तो हो कहीं गैर-इरादतन , बात बेशक ना हो बात कुछ तो हो इस गमें-ए-रुसवाई में , मिलने - मिलाने का सिलसिला फिर कुछ यूं चल पड़ेगा , फ़कत जैसे की हमी हो सब के सब हमनवाई में . " --- रबिन्द्र राम #ताल्लुक़ात #जाहिर #गैर-इरादतन #गमें-ए-रुसवाई #सिलसिला #फ़कत #हमनवाई
Rabindra Kumar Ram
" उन ख्यालों की नुमाइश क्या करता मैं , बात की बात थी तुझे अनजाने में क्या बात करता मैं, अजनबी तु भी गैर मैं भी ठहरा इस इल्म से, इस हलफनामे में फिर तेरी नाम कैसे लेता मैं. " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " उन ख्यालों की नुमाइश क्या करता मैं , बात की बात थी तुझे अनजाने में क्या बात करता मैं, अजनबी तु भी गैर मैं भी ठहरा इस इल्म से, इस हलफनामे में फिर तेरी नाम कैसे लेता मैं. " --- रबिन्द्र राम #ख्यालों #नुमाइश #अनजाने #गैर
Rabindra Kumar Ram
" उन ख्यालों की नुमाइश क्या करते, बात इतनी सी थी फिर उस से फिर बात क्या करते , जहाँ मिले हम अजनबी वो भी थी गैर मैं भी ठहरा, हम काफिर थे वो मुसाफ़िर ठहरी ऐसे में कहा तक साथ चलते. " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " उन ख्यालों की नुमाइश क्या करते, बात इतनी सी थी फिर उस से फिर बात क्या करते , जहाँ मिले हम अजनबी वो भी थी गैर मैं भी ठहरा, हम काफिर थे वो मुसाफ़िर ठहरी ऐसे में कहा तक साथ चलते. " --- रबिन्द्र राम
" उन ख्यालों की नुमाइश क्या करते, बात इतनी सी थी फिर उस से फिर बात क्या करते , जहाँ मिले हम अजनबी वो भी थी गैर मैं भी ठहरा, हम काफिर थे वो मुसाफ़िर ठहरी ऐसे में कहा तक साथ चलते. " --- रबिन्द्र राम
read moreamar gupta
रोल नम्बर एक.... अमर ! अरे ये तो मै सॉरी सर... तुम कहा खोये रहते हो पागल हो क्या .... सर वो अवाज तो जा चुकी है ... क्या कहा ! जा चुकी .... चुप ! नही सर सुने , जब से वो जा चुकी मे जहाँ भी हूँ , हो कर भी होता नही... जैसे अब भी नही हूँ सर आप समझे सर !...नही मैं और कुछ बताने से काशिर हूँ सर आप लिख दिजीये गैर हाजिर हूँ सर... ©amar gupta #गैर हाजिर हूँ सर... #writer
writer maurya Anil
मत करो अपनों से कुछ मशवरे, हमने तो गैरों से अपने राज सुने हैं। मत करो किसी पर भरोसा , हमनें तो अपनों को गैरों के गले लगते देखा है। ©Anil kumar maurya #अपने #गैर #भरोसा Pooja Udeshi indu singh vandna Beena Kumari Nisha
अनजान मुसाफ़िर
मेरा दिल तेरे शहर से दूर जाने का बहाने ढूंढ रहा था और वो खामोशी लेकर, गमों के महफिल से मुझे रुखसत करने आ गए ©Sujeet Sharma #यादें #अपना #गैर
अनजान मुसाफ़िर
अपनी महफ़िल में बुलाकर,इल्जाम लगाने का इंतजाम था उनका और मेरा दिल अपनों की भीड़ में है,ये सोचकर गैरों के साथ भी खुश था ©Sujeet Sharma #अपनापन #गैर