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Ek villain
विश्व के लगभग सभी देश पर्यावरण संरक्षण की बात तो करते हैं लेकिन किसी भी देश का बजट आम तौर पर पर्यावरण को ध्यान में रखकर नहीं मनाया जाता भारत सरकार ने मंगलवार को प्रस्तुत बजट में ऐसा करने का साहस दिखाया ऐसे करते हुए निश्चित रूप से भारत ने इस नई पहल से विश्व समुदाय के सामने आज एक रोड में प्रस्तुत किया है हाल ही में संपन्न गलो से सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने जिस प्रकार से विश्व समुदाय के समक्ष 111 वनडे और 1 ग्रेड का संकल्प दोहराया था वैसे ही बजट में स्पष्ट रूप से दिखता है इस बजट में समाज के सभी वर्ग के हितों की चिंता की गई है परंतु यदि हम केवल धारणीय विकास की बात करें तो इस देश में यह मील का पत्थर साबित होगा यह बजट को हम पर्यावरण के दृष्टिकोण से देखें तो इसके कोई प्रावधान इसे साबित करते हैं प्रधानमंत्री गति शक्ति को ही देखे तो इस परियोजना को मास्टर प्लान के माध्यम से पर्यावरण के साथ सामंजस्य स्थापित करते हुए आधुनिक बुनियादी ढांचे के युग की शुरुआत मानी जा सकती है बजट में अगले 3 वर्ष ऊर्जा दक्षता वाली 4 ट्रेनों की घोषणा के योगदान की दिशा में एक बड़ा कदम है इस क्रम में मल्टी मोड को बढ़ावा देने के लिए मेट्रो स्टेशन रेलवे स्टेशन से जोड़ने की दिशा में उल्लेखनीय है ग्रीन परिवहन की दिशा में ही एक और महत्वपूर्ण पहल है पीपीपी मोड की तहत राष्ट्रीय रोपर विकास कार्यक्रम देश के भौगोलिक रूप से जिन दुर्गम इलाकों में पारंपरिक जल परिवहन प्रणाली संभव नहीं है ©Ek villain #पर्यावरण और सतत विकास पर जोर भारत का #roseday
Madhusudan Shrivastava
प्रकृति और विकास भावनाओं का भी अब अनुवाद होना चाहिए। मानवीय गुण में नहीं विषाद होना चाहिए। मनुज के ही लोभ ने शोषण किया है प्रकृति का, मनुज का इस प्रकृति से संवाद होना चाहिए। मानवीय गुण में नहीं विषाद होना चाहिए। लोभ बस ही मनुज यह होता प्रकृति से दूर है। जीवन चलाने के लिए देती प्रकृति प्रचुर है। अब मनुजता में नहीं अवसाद होना चाहिए। लाभ-चिन्ता धर्म के अब बाद होना चाहिए। मनुज का इस प्रकृति से संवाद होना चाहिए। आज तक हम लोग ने प्रकृति का दोहन किया। प्रकृति के संतुलन का मानव ने है भंजन किया। भोग और विकास की चर्चा बहुत अब हो चुकी, अब प्रकृति के पक्ष में, अनुनाद होना चाहिए। मनुज का इस प्रकृति से संवाद होना चाहिए। प्रकृति और विकास
प्रकृति और विकास #कविता
read moreShubham"Sambhav"
कभी अल्पवृष्टि कहीं अतिवृष्टि फिर ओलावृष्टि ओ!प्यारी प्रकृति ऐ हमारी संस्कृति ऐ विकास की अश्वगति। !! शुभम्"सम्भव"!! हमारा विकास और प्रकृति
हमारा विकास और प्रकृति #कविता
read moreRajesh Kumar
अगर जीवन आपको कुछ ऐसा सृजन करने देता है जो आपसे विशाल है तो या किसी इंसान के लिए सबसे बड़ा शौभागय और तृप्ति प्रदान करने वाला होता है! ©Rajesh Kumar जीवन और विकास ## #Travelstories
जीवन और विकास ## Travelstories
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी चलता हूं में सच्चाई की राह में भावनाओ का सिपाही हूँ मानवता मेरा धर्म है उगते सूरज का हमराही हूँ बाँट लू झंडों में धर्मो को दंगे कराने वाला कसाई नही हूँ गूँजे चौपालों पर खुशहाली गाँवो की मिट्टी संसद की करे रखवाली फसलो के दाम खुद तय करे खेत किसानी सियासतों को अब विदा करो खूब खून चूस लिया हुन्दुस्तानी सतत हो भारत का अब विकास गगन चूमे जनता का आत्म विश्वास प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" सतत हो भारत का विकास गगन चूमे अब जनता का आत्म विश्वास #farmersprotest
सतत हो भारत का विकास गगन चूमे अब जनता का आत्म विश्वास #farmersprotest
read moreAshish kumar
"हर कोई एक प्राकृतिक उत्पाद चाहता है, लेकिन यह प्रकृति के बिना कैसे संभव है। प्रकृति को बचाओ, प्रकृति का सम्मान करो।" ©Ashish kumar प्रकृति संरक्षण और विकास #hills
अमित चौबे AnMoL
Anmol #हिंदी #वाद_विवाद YourQuote Dost #yourquotedidi #yourquotebaba #yourquotehindi #yourquotediary #न्यायसंगत
#हिंदी #वाद_विवाद YourQuote Dost #yourquotedidi #yourquotebaba #yourquotehindi #yourquotediary #न्यायसंगत
read moreEk villain
अर्थव्यवस्था में विकास अथवा ग्रोथ एक बहुत महत्वपूर्ण फैक्ट्री होता है लेकिन वैश्वीकरण और मुक्ति अर्थव्यवस्था का एक नया दशक बीतने के बाद ही विश्व बैंक की अर्थव्यवस्था स्त्रियों का कहना शुरू कर दिया कि विकास के बाद फिर भी नहीं समावेश भी होना चाहिए इसका सीधा सा मतलब था कि विकास केवल ऊपर से नहीं बल्कि नीचे से भी होना चाहिए विश्व बैंक ने इस तरह ध्यान आकर्षित किया था लेकिन देश के अंदर इसके लिए कार्य संस्कृति विकसित करना संस्कारों का संवेदनशीलता और निर्भर करता है क्या ऐसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केयर ट्रेनिंग के लागू होने से हो पाए हैं स्पष्ट है कि कि 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में अव्यवस्थाओं के मॉडल का विकास हो पाया था जिसमें सुरक्षा शिक्षा विकास रोजगार को चली एक साथ निश्चित हुई है बिना किसी संकाय के नहीं इस क्योंकि इससे पहले नेतृत्व के विजन में विशेषताएं प्रभावित हैं जिनका सरोकार मध्यकाल से निकाल दो प्रयास से अधिक था इसलिए इस दौरान में लोक कल्याण या उससे अधिक जैसे अर्थव्यवस्था की कल्पना मुश्किल 3 मार्च 2017 के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को सुरक्षा व समावेशी विकास के साथ-साथ हैप्पीनेस ऑफ लिविंग के साथ आगे लाने की रणनीति बनाई ©Ek villain #विकास कल्याण और खुशहाली की पहचान #MusicLove
#विकास कल्याण और खुशहाली की पहचान #MusicLove #Society
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