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Parasram Arora
खून को पानी का पर्यायवाची मत मान. लेना अनुभन कितना भी कटु क्यों न हो वो.कभी कहानी नही बन सकताहै उस बसती मे सच बोलने का रिवाज नही है यहां कोई भी आदमी सच.को झूठ बना कर पेश कर सकता है ताउम्र अपना वक़्त दुसरो की भलाई मे खर्च करता रहा वो ऐसा आदमी कुछ पल का वक़्त भी अपने लिये निकाल नही सकता है ©Parasram Arora पर्यायवाची......
पर्यायवाची...... #शायरी
read more( W.T) ग्रुप अनवर अनवर हु यार
तौबा गुनाहो का होता है ये बार बार किसि का दिल तोड़ कर खुदा खुश नहि होता ©अनवर अनवर हु यार तौबा गुनाहों का होता है #moonnight
तौबा गुनाहों का होता है #moonnight #जानकारी
read moreAnkit Mishra
टूटा दिल Day 04 खुद़ कि गलतियो को एहतराम करता हू यू ही मैं ये किस्सा तमाम करता हू.. तकलीफ़ ये नही कि वो तोड़ गयी मुझको पर वास्ते मेरे एक टूटा हुआ दिल छोड़ गई मुझको मैं वो हाल-ए-टूटा हुआ दिल उसी के सर इल्जाम करता हू.. ये दिल प्यार मोहब्बत ये इश्क़ वाला जुनू आज से सब अपने लिए हराम करता हू। तौबा
तौबा
read moreAshraफ Ali (اشرف علی)
अभी ना बुला ऐ-खुदा अभी मेंने गुनाहों से तौबा नही की.... ✍-Aahraफ ©Ashraफ Ali (اشرف علی) #तौबा
TAHIR CHAUHAN
हुस्न वालो पर ऐतबार करते थे। तौबा। कुछ ऐसे हम प्यार करते थे। तौबा। तू ने सज़ा भी दी तो उन्हें मौत की , जो दिन में कई बार तुम पर मरते थे। तौबा ताहिर।।। #तौबा
Ràját SèThí
अब इश्क़ नहीं करना हम दिल हार बैठे हैं। तौबा इश्क़ नहीं करना हम दिल हार बैठे हैं।। आज भी तेरी मोह्बत मै हम बीमार बैठे हैं। तौबा इश्क़ नहीं करना।। # रजत सेठी तौबा
तौबा
read moresandeep badwaik(ख़ब्तुल) 9764984139 instagram id: Sandeep.badwaik.3
एक अरसा हो गया है ग़म को गुज़रते हुए ... आँखॆं फ़रार थी सब की, आँसू उतरते हुए ..। लंबी मुलाक़ात में ये बातॆ मालूम हुई... आईने हंसते है लड़कियाँ संवरते हुए..। मुझको तो फिर नयी साज़िश की बू आ रहीं हैं... रोज इस समंदर को साहिल पे ठहरते हुए..। कल इसी बात से हम रात भर सो नहीं पाये... क्योंकि, खुद देखा है उसको चाँद कुतरते हुए..। कुछ तो सूरज के साथ अनबन हुई हो शायद... मैने देखा है शाम, रात को टहलते हुए..। ये उम्र भी ना जवानी की कितनी तौबा...हैं... फिर एक आँख टकरा गयी मुझसे सिहरते हुए..। रोज देखा करता हूँ उम्मीद कॆ मक़ान को... आँख के आगे पत्तों की तरह बिखरते हुए..। आज वक़्त ने सब को औक़ात मे ला दिया हैं... फिर भी हया नहीं है वादों से मुक़रते हुए..। - ख़ब्तुल संदीप बडवाईक ©sandeep badwaik(ख़ब्तुल) 9764984139 instagram id: Sandeep.badwaik.3 तौबा
तौबा
read moreराज एस. मेहरा
खैर किताबों की मोहोबत से कहां दिल भरने वाला था मेरा ये तो हुकुमत -ऐ-बेरोजगारी है, कर ली तौबा मैंने तौबा.....
तौबा.....
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