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Shilpa Yadav
White अरे तुम सुसुप्त से प्रदर्शित होते हो ,लेखनी मुरझाई सी लगती है क्या लिखे इसी सोच में ,बड़ी अलसाई सी लगती है विरह बचा है या श्रृंगार का संयोग वियोग अलंकृत होते होते संधियां हो जाती अनकही बातों और मासूम मुस्कुराहट इतर के चक्कर में तितर बितर हो जाती निहारती कभी नहर या जलकुंभी ये जीवन की परछाई सी लगती है मैं में अहम हैया बिखर रहा भरी ओज है पर तडप रहा कपाट के पीछे से आवाज आती दंभी समाज के दर्पणों के चक्कर में पडें सारे मायने अब खोते खोते जीवन की सच्चाई भरी दुपहरी सी देखा है छोटे से बडे होते होते आशा है या उन्माद बचा है खोई अस्मिता या कायम है तुच्छ या वृहद प्रमाण बचा है बड़ी होती बातें जहां जहां मुरझाये से प्रसून उपवन के मन झूम उठे निर्झल भाव से ऐसी अब सेवा भाव कहां ©Shilpa Yadav #hindi_diwas#nojotohindi#Shilpayadavpoetry#अरे Sethi Ji ANOOP PANDEY Vishalkumar "Vishal" Shiv Narayan Saxena Vijay Kumar अरे तुम सुसुप
#hindi_diwas#nojotohindi#shilpayadavpoetry#अरे Sethi Ji ANOOP PANDEY Vishalkumar "Vishal" Shiv Narayan Saxena Vijay Kumar अरे तुम सुसुप #कविता
read moreVandana Rana
White मुड़कर अब पीछे देखूँगी नहीं नए सफ़र में , जो छूट गया पीछे वो मेरा हमसफ़र कभी था ही नहीं। ©Vandana Rana मुड़कर अब पीछे देखूँगी नहीं नए सफ़र में , जो छूट गया पीछे वो मेरा हमसफ़र कभी था ही नहीं।
मुड़कर अब पीछे देखूँगी नहीं नए सफ़र में , जो छूट गया पीछे वो मेरा हमसफ़र कभी था ही नहीं। #Quotes
read moreParasram Arora
White मुझे मालूम है तुम पर्दों के पीछे से भी मुझे टकटकी बांधे देख रहीं थीं ज़ाहिर है तुम्हे सामने आकर मिलने मे शर्म महसूस हो रहीं लेकिन सच तो यह है कि शर्म गैरों क़ी जाती है अपनों से नही ©Parasram Arora पर्दों के पीछे
पर्दों के पीछे #कविता
read moreChandrawati Murlidhar Gaur Sharma
White आज़ मैंने एक बच्चे को बाहर जाते हुए और पीछे मुड़-मुड़ कर देखते हुए देखा, तो मुझे अपने बचपन की बात याद आई। मैंने सोचा, इसे साझा कर दूं, क्योंकि हो सकता है कि आपने भी ऐसा किया हो। जब हम बचपन में अंधेरे से डरते थे, और हमें रात को किसी काम से बाहर भेजा जाता था, या फिर किसी पड़ोसी के घर पर खेलते-खेलते देर हो जाती थी और अंधेरा छा जाने के कारण डर लगने लगता था, लेकिन घर भी तो जाना था। तो हम अपने ताऊजी, मां, काकी, या दादी से कहते थे कि "घर छोड़ कर आ जाओ।" और वे कहते, "हां, चलो छोड़ आते हैं।" जब घर का मोड़ आता तो वे कहते, "अब चल जा," लेकिन डर तो लग रहा होता था। तो हम कहते, "आप यहीं रुकना," और वे बोलते, "मैं यहीं हूँ, तेरा नाम बोलते रहूंगा।" जब तक वे हमारा नाम लेते रहते थे और जब तक हम घर नहीं पहुंच जाते थे, हमें यह विश्वास होता था कि वे हमारे साथ ही हैं, भले ही वे घर लौट चुके होते। लेकिन जब तक हमारा दरवाजा नहीं खुलता था, तब तक डर लगता था कि कोई हमें पीछे से पकड़ न ले। और जैसे ही दरवाज़ा खुलता, हम फटाफट घर के अंदर भाग जाते थे। फिर, जब घर के अंधेरे में चबूतरे से पानी लाने के लिए कहा जाता था, तो हम बच्चों में डर के कारण यह कहते, "नहीं, पहले तू जा, पहले तू जा।" एक-दूसरे को "डरपोक" भी कहते थे, लेकिन सभी डरते थे। पर जाना तो उसी को होता था, जिसे मम्मी-पापा कहते थे। वह डर के मारे कहता, "आप चलो मेरे साथ," और वे कहते, "नहीं, तुम जाओ, तुम तो मेरे बहादुर बच्चे हो। मैं तुम्हारा नाम पुकारूंगा।" और फिर जब वह पानी लेकर आता, तो वे कहते, "देखो, डर नहीं लगा न?" लेकिन सच कहूं तो डर जरूर लगता था। पर यही ट्रिक हम दूसरे पर आजमाते थे। आज देखो, हम और हमारे बच्चे क्या डरेंगे, वे तो डर को ही डरा देंगे! 😂 बातें बहुत ज्यादा हो गई हैं, कुछ को फालतू भी लग सकती हैं, लेकिन हमारे बचपन में हर घर में हर बच्चे के साथ यही होता था। अब आपकी प्रतिक्रिया देने की बारी है। क्या आपके साथ भी यही हुआ ChatGPT can make ©Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma कैप्शन में पढ़े 🤳 आज़ मैंने एक बच्चे को बाहर जाते हुए और पीछे मुड़-मुड़ कर देखते हुए देखा, तो मुझे अपने बचपन की बात याद आई। मैंने सोचा, इसे
कैप्शन में पढ़े 🤳 आज़ मैंने एक बच्चे को बाहर जाते हुए और पीछे मुड़-मुड़ कर देखते हुए देखा, तो मुझे अपने बचपन की बात याद आई। मैंने सोचा, इसे #विचार #love_shayari
read morePoet Maddy
महफिल में बैठकर वो हमको इशारा करते हैं, बाज़ार में हमको पीछे से वो पुकारा करते हैं......... हमको ये समझ नहीं आता यारों कि वो कैसे, हमारी गैर-मौजूदगी में अपना गुज़ारा करते हैं........ ©Poet Maddy महफिल में बैठकर वो हमको इशारा करते हैं, बाज़ार में हमको पीछे से वो पुकारा करते हैं......... #Sit#Gathering#Signal#Market#Friends#Happen#Live#
RAVI PRAKASH
White तुम्हारी कामयाबी के पीछे सबसे बड़ा हाथ किसी और का नहीं बल्कि तुम्हारे बुरे वक्त का होता है ©RAVI PRAKASH #Sad_shayri तुम्हारी कामयाबी के पीछे
#Sad_shayri तुम्हारी कामयाबी के पीछे #शायरी
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