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Kumar Manoj Naveen
*कोरोना वायरस आरती* जय वायरस देवा, बाबा जय वायरस देवा। आपकी महिमा के डर से, सारा जग थर्राया ।। महाशक्ति जो खुद को बोले, उसको भी पसीना लाया। बड़े-बड़े धंधे हुए चौपट, मास्क सेनेटाइजर वालों को भाया। गंदे लोगों को भी ,हाथ धोना सिखाया ।। भारत से ही है प्यार, ये दुनियां को दिखलाया। विदेशियों को भी नमस्ते, उनका शेक-हैंड भुलाया। देखो पश्चिम वालों, हमारी संस्कृति की माया।। करो अनुसरण हमारी, मिलेगी बाबा की छाया।। विनती आप से है ये, भारत में कष्ट ना बढाओ। हम सच्चे-अच्छे लोगों की, दूर करो बाधा।। वायरस बाबा की आरती जो कोई जन गावे , बाबा दूर रहेंगे, नहीं होगी उनकी छाया।। जै वायरस देवा....... मनोज कुमार (नवीन) नमस्ते की महत्ता o_tum_sochteho
नमस्ते की महत्ता o_tum_sochteho
read moreAuthor Munesh sharma 'Nirjhara'
भीग रही हूँ ख़्यालातों की किस बारिश में सर्दियों की दोपहर में सिरहन है कंपकपी है थरथराहट है क्या यही मन में मेरे किसी के आने की आहट है...! 🌺 सर्दियों की दोपहर....
सर्दियों की दोपहर....
read moreWriter Abhishek Anand 96
वो पहली अभी तक,बात याद है दिसंबर के महिने में मिले थे, वो दोपहर याद है वो मिलन, जन्म से कम नही था खुशी ही, खुशी थी, गम नही था फिर अचानक वक्त,बदलने लगा वक्त के साथ तू भी,बदलने लगी अभी तक मुझे वो,पहली फोन याद है दिसंबर के महिने में मिले थे वो दोपहर याद है फिर कुछ लोग मेरा गुरूर ले गए मेरे पास से मेरा,कोहिनूर ले गए अफसोस मुझे दिल लगाने का है अचानक ये तेरे,बदल जाने का है वो सारे कसमे वादे, तू तोड़ गई तड़पता हुआ अकेला, छोड़ गई हांँ मुझसे दूर तेरी, तकदीर बनी है किसी और हाथों में तेरी,लकीरे बनी है वो पहली वाली फोन याद है दिसंबर के महिने में मिले थे, वो दोपहर याद है तेरे हाथों में,मेरा भी नाम लिखा है तू गौर से देख प्रभु राम ने वहीं पर मेरे हर सांस का हिसाब लिखा है जो ये लिखा है,उसको सब देखेंगे एक तुमसे ही उसकी किस्मत दुर लिखी है तेरे मुंह से निकली हर बात याद है दिसंबर के महिने में मिले थे वो दोपहर याद है ©a æbhîßhêk ßïñgh दिसंबर की दोपहर #dusk
दिसंबर की दोपहर #dusk
read moreAnamika
कितनी कड़क धूप है, मेरे शहर में, कमबख्त नींद न जाने कहां, टहलने निकल गई।। @@open collab@@ दोपहर की नींद
@@open collab@@ दोपहर की नींद
read moreNidhi Dhankhar
मिलना दिन की दोपहरी में कभी कहि तू अपनी मुलाक़ात रात को ना लाओ और आँखे खोलूँ मैं जो कहि तुम रात का एक ख़्वाब ना हो जाओ ©Nidhi Dhankhar दोपहर की मुलाक़ात❤️ #Love
दोपहर की मुलाक़ात❤️ #Love
read morevikash agarwal
दिल का खिलौना बिकता है सस्ते बाजारों में कोई लाखों हजारों में एक दिल का दिलदार होता है केवल जिस्म की आरज़ू होती है अक्सर सच्चा प्यार तो मुश्किल से होता ह (विकास अग्रवाल ) ©vikash agarwal नमस्ते
नमस्ते
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