Find the Latest Status about सागवान डोर डिजाइन from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, सागवान डोर डिजाइन.
Anjali Singhal
"प्रेम की डोरी से तेरी, बँध चली मेरे मन की पतंग। डोर तू ये संभाले रखना हरदम, बन पतंग मैं उड़ती रहूँगी तेरे संग।।" #AnjaliSinghal #Shayari
read morePrerna Singh
कुछ लोगों का नाम पवित्र और कर्म दुश्चरित्र वाला होता हैं। जैसे #इन्द्र नाम देवता का हैं और कर्महीन मनुष्य रख लेता हैं.... ©Prerna Singh लाइफ कोट्स जिंदा लाशों के बारे में पढ़ते पढ़ते बड़ी हो गई और इतनी बड़ी हो गई कि वक्त ही कम पड़ गया। इतनी बड़ी कैसे हो गई????? पता ही नही
लाइफ कोट्स जिंदा लाशों के बारे में पढ़ते पढ़ते बड़ी हो गई और इतनी बड़ी हो गई कि वक्त ही कम पड़ गया। इतनी बड़ी कैसे हो गई????? पता ही नही
read moreAnjali Singhal
"कौन हो तुम मेरे, कोई तो नहीं; फिर साँसें चलती हैं क्यूँ नाम से तेरे, पता भी तो नहीं। तरसती हैं आँखें तुझे देखने को, तुझे कभी देखा भी नहीं;
read moreBhupendra Rawat
White रिश्तों मे एहसां नहीं जताएं जाते शतरंज के मोहरे रिश्तों मे नहीं आजमाए जाते रिश्तों की डोर बंधी होती है विश्वास से अक्सर झूठ बोलकर रिश्तें नहीं निभाए जाते ©Bhupendra Rawat #love_shayari डोर बंधी होती है विश्वास से अक्सर झूठ बोलकर लव शायरी हिंदी में
#love_shayari डोर बंधी होती है विश्वास से अक्सर झूठ बोलकर लव शायरी हिंदी में
read moreSarita Kumari Ravidas
White जीवन के संगम की डोर खुशियों से ज़्यादा एहसासों से जुड़ी होती है क्या फर्क पड़ता है ऐसों आरामों से हां, पर इन सबसे साथी खुश हैं या नहीं इसका असर ज़रूर पड़ता है। ©Sarita Kumari Ravidas #love_shayari जीवन की डोर #Nojoto #poem #Love #Relationship कविताएं कविता कोश प्रेरणादायी कविता हिंदी प्रेम कविता प्यार पर कविता
#love_shayari जीवन की डोर #poem Love #Relationship कविताएं कविता कोश प्रेरणादायी कविता हिंदी प्रेम कविता प्यार पर कविता
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
उल्लाला छन्द :- छोटी-छोटी बात पर , करते क्यों तकरार हो । तुम ही जब रघुनाथ हो , तुम ही जब संसार हो ।। मुझसे ऐसी भूल क्या , हुई बताओ नाथ अब । जो रहकर भी साथ में , छोड़े मेरा हाथ अब ।। जीवन के हर मोड़ पर , चलना हमको साथ है । याद रहे इतना पिया , थामा तेरा हाथ है ।। अब तो तेरे संग ही , इन साँसो की डोर है । ले जाओ अब तुम जिधर , चलना अब उस ओर है ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR उल्लाला छन्द :- छोटी-छोटी बात पर , करते क्यों तकरार हो । तुम ही जब रघुनाथ हो , तुम ही जब संसार हो ।। मुझसे ऐसी भूल क्या , हुई बताओ नाथ अब ।
उल्लाला छन्द :- छोटी-छोटी बात पर , करते क्यों तकरार हो । तुम ही जब रघुनाथ हो , तुम ही जब संसार हो ।। मुझसे ऐसी भूल क्या , हुई बताओ नाथ अब ।
read morekatha Darshan
शुभ जन्माष्टमी Happy Jjanmashtami नटखट कान्हा, माखन चोर बाल गोपाल की लीला अनमोल नटखट कन्हैया, तू दिल का चोर तेरी हंसी में बसी है सबकी डोर
read more