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Deepak verma
आसमानों में उड़ने की ख्वाइश थी। पर जमीं पे चल भी ना पा रहे हैं। परिवारों कि हर ख्वाहिश, पुरा करने कि चाह थी। पर अपने लिए दो वकत कि, रोटी भी ना कमा पा रहे हैं। आसमानों में उड़ने की ख्वाइश थी। पर जमीं पे चल भी ना पा रहे हैं। अमिरी कि एहसास ख़्वाबों में आ गई थी। पर राहो में खाई कि एहसास ना थी। आसमानों में उड़ने कि ख्वाइश थी। पर जमीं पे चल भी ना पा रहे हैं। ©Deepak verma बेरोजगारी कविता #hangout
बेरोजगारी कविता #hangout
read morePurushottam Rajput
जागो जागो हे सरकार , गरीब हो रहे हैं बेहाल....... भूख से तड़प रहे हैं। इंसान अब भड़क रहे हैं.... भ्रष्टाचार बढ़ रहा है,। लाठी अभी पढ़ रहा है...... गलियों में तो सन्नाटा है घर पर बचाना आता है...... हाल यह बेहाल है, सरकार को पुकार है.... बहुत हुआ यह भ्रष्टाचार जागो जागो हे सरकार, PurushottamRajput ...... 🙏🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 कोरोनावायरस पर सबसे नई कविता..... बढ़ती बेरोजगारी पर प्रश्न चिन्ह......
कोरोनावायरस पर सबसे नई कविता..... बढ़ती बेरोजगारी पर प्रश्न चिन्ह...... #poem
read moreRaj Mani Chaurasia
आज मिली इतनी आजादी है, की बढ़ती गई इंसानों की आबादी है। अब हर जगह भीड़ सा दिखता है, पेड़ों को काट नया बस्तियां बनता है। इसी लिए तो भूख है प्यास है, रोजगार का कहा अब आस है। जंगल सब ख़तम हुवे, जानवर सारे भस्म हुवे, प्रकृति भी डगमगाया है, इसी लिए नया नया रोग बिखर आया है। आज इस बढ़ती आबादी ने, क्या कोहराम मचाया है, देखो चप्पे चप्पे पे, एक अजब सा शोर छाया है।। ©Raj Mani Chaurasia आबादी ( कविता ) # भीड़# बेरोजगारी# प्रकृति
आबादी ( कविता ) # भीड़# बेरोजगारी# प्रकृति #शायरी
read moreNirankar Trivedi
#Pehlealfaaz बेरोजगारी पर सरकार से सवाल देश के सत्ताधारियों को मेरी ये ललकार है| कैसे चले घर मेरा रोजगार का सवाल है | आन बान मान शान देश में सब निहाल है | बेरोजगारी से अब युवाओं का खस्ता हाल है | देश के ज़न ज़न का पहला ये सवाल है | जुमलो में ही कहते थे युवाओं का खयाल है | जाति धर्म की राजनीति नेताओं की चाल है | नेता जी कैसे चले घर मेरा बेरोजगारी का सवाल है | रातों को हराम किये, मेहनत से पेपर दिये घर की सारी खुशियां भी पढ़ाई मे नीलाम है | अगली सुबह ही पढ़ता है, ये भी मेहनत अब निष्काम है | देदो हमे न्याय अब, ये रोजगार ही नहीं मेरे जीवन का परिणाम है | कश दो घोटालों पे शिकंजे, जिनसे देश बर्बाद है | मेरे घर की कैद खुशियां भी जिससे आबाद है | #बेरोजगारी पर सरकार से सवाल |
#बेरोजगारी पर सरकार से सवाल | #Pehlealfaaz
read moreAjab Singh
जैसे नेता जी की धन संपत्ति को बढ़ाने क लिए घोटाला जरूर होता है वैसे ही देश को आगे बढ़ाने के लिए बेरोजगारी को मिटाना और देश को आगे बढ़ाने के लिए रोजगार देना भी जरूरी होता है ©Ajab Singh बेरोजगारी पर। भारत में बढ़ती बेरोजगारी पर प्रश्न। नेताओं के घोटाले पर प्रश्न चिन्ह प्रशिक्षण
बेरोजगारी पर। भारत में बढ़ती बेरोजगारी पर प्रश्न। नेताओं के घोटाले पर प्रश्न चिन्ह प्रशिक्षण #प्रेरक
read moreShweta Jain
बेरोजगारी (तर्ज़:है अपना दिल तो आवारा) है अपना युवा तो बेरोजगार कैसे देश विश्वगुरु बन पाएगा। की थी जो पढ़ाई सोचा था उसने भाई मिलेगी नौकरी तो चलेगी ज़िन्दगी पर अब नौकरी तो है मुश्किल पढ़ कर के क्या हुआ हासिल। है अपना युवा...... होती जो परीक्षाएं तो नतीजा नहीं आए जो नतीजा कभी आए तो होती ना भर्ती। बड़ी बेबसी है अब तो छाई करे तो क्या करे वह भाई। है अपना युवा....... I will appriciate if anyone can give voice to the lyrics🙏 Have a good day ©Shweta Jain बेरोजगारी # बेरोजगारी
बेरोजगारी # बेरोजगारी #संगीत
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी देखो फिर चुनाव आ गया है वायदों की फसलें उगायी जा रही है मसीहा बनकर,फौजे गली मोहल्लों में उतारी जा रही है वेशर्मी की हद तो देखो पुराने वायदे भूलकर, नये वादों से जनता फुसलाही जा रही है छाती पर चढ़ी महँगाई बेरोजगारी विज्ञापनो में विकास की दुहाई दी जा रही है लोकतंत्र में जनता कैसे भरमाई जा रही है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #binod छाती पर चढ़ी महँगाई बेरोजगारी
Prashant Mishra
रोजगारों का इतना हरण होगा अब GDP का कितना छरण होगा अब क्या यही आपके 'अच्छे दिन' हैं भला हर विभागों का निजीकरण होगा अब --प्रशांत मिश्रा बेरोजगारी
बेरोजगारी
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