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Sanjay Ni_ra_la
इज़हार ए इश्क़ तन्हाई में किया तो क्या किया इंतज़ार ए इश्क़ का जिक्र ग़र ना किया तो क्या किया कभी किया ही नहीं इज़हार तो कैसे हो भला मेहसूस मिलने का ग़र कोई इंतजाम ना किया तो क्या किया... ©Sanjay Ni_ra_la इज़हार ए इश्क़
इज़हार ए इश्क़ #लव
read morePOETRYWITHNEERAJ
ये जो हमसे उकता गए हैं, कभी हमारे नाम के क़सीदे पढ़ा करते थे ~बज़्म-ए-'इश्क़ बज़्म-ए-'इश्क़
बज़्म-ए-'इश्क़
read moreMaan Singh Suthar
इज़हार-ए-इश्क को , बेताब हूँ मैं आज दिल के हर राज , बताने को बेताब हूँ मैं आज मौका भी है और दस्तूर भी है , कह दूँ आज दिल की बेताबी को , बताने को बेताब हूँ आज हर इश्क़ की एक मंजिल होती है , मुझे भी मिले बस अब और सब्र नहीं , तुम्हे पाने को बेताब हूँ आज मुदद्तों से दिल के अरमान , छुपाए है मैंने मेरे अब अरमानों को पँख , देने को बेताब हूँ मैं आज ये दूरियां अब कब तक सहूँ , अब और नहीं बस मिलन की चाहत है और मिलने को बेताब हूँ मैं आज ये उम्र कहीं , यूँ ही धीरे धीरे तन्हा न गुजर जाए , डरता हूँ दिल कहता है , कह दूँ उनको मिल के , की मिलने को बेताब हूँ मैं आज... ©M.S. Suthar इजहार ए इश्क़...
इजहार ए इश्क़... #लव
read moreDeepali Singh
दर्द - ए - इश्क हालातों ने किया गुनाह या ये इश्क़ था लापरवाह यूं तुम छोड़ गए तन्हा क्यूं तुम दूर गए इस तरह अंधेरा ही दिखता है हर जगह खामोशियां चिखतीं हैं यहां दर्द सब दबा ही रह गया खुद ही क़ैद हूं इस तरह कैसे समझाऊं खुद को बता अब रौशनी भी देती है सजा मैं जान ना पाई वो वजह क्यूं तुम रूठ गए बेवजह ? #दर्द - ए- इश्क़
#दर्द - ए- इश्क़
read more*Life Has No Control Z*
रहा नहीं कुछ अब दुनिया की कहानी में, सारे इश्क़ डूब जाते है, नई जवानी में। सफर ए इश्क़....
सफर ए इश्क़....
read moreanuvrat raj meharu
तू कहे तो राह ए वफ़ा को ही अपना घर बना लु... मंज़िल से मोहब्बत बस अकेले मुसाफ़िर करते है... मंज़िल किसे चाहिए,अगर सफ़र ए इश्क़ के हर हालात के साथ में तू हो... वक़्त बेशक युही गुज़र जाए,बस शर्त ये है कि हर बात में तू हो... -anuvrat राज़! #सफ़र ए इश्क़
#सफ़र ए इश्क़
read moreJay Dubey
जितना खुशियों से रिश्ता जोड़ना चाहा. उतना ही ग़मों से नाता गहरा किया । जिसके जितना भी करीब जाना चाहा. उससे उतनी ही दूर होता गया । जिसको जितना भी अपना बनाना चाहा. उसको उतना ही पराया बना लिया । जिस बात को जितना भी भुलाना चाहा. उस बात को उतना ही याद किया । जितना किसी को हँसाना चाहा. उसको उतना ही रुला दिया । जितना भी किसी की नज़रों में उठना चाहा . उतना ही खुद को गिरा लिया । जब जब खुशियों से रिश्ता जोड़ना चाहा . तब तब ग़मों से नाता गहरा हुआ ।। दास्तां ए इश्क़
दास्तां ए इश्क़ #कविता
read moreankit saraswat
इजहार-ए-इश्क़ जब तुमने किया होगा, एक आँसू आँख से ज़रूर निकला होगा, जब छुआ होगा तुमने हाथ उसका, मेरा एक रोंआ जरूर खड़ा हुआ होगा, जब लगे होगे सीने से उस गैर के, एक बार दिल धड़का जरूर होगा, मैं रोम रोम में बसता हुँ तुम्हारे, कहाँ कहाँ से बाहर निकालोगे, खत्म हो जाएगा वजूद तुम्हारा, जो मेरे वजूद के बल पर खड़ा था।। #अंकित सारस्वत# #इज़हार ए इश्क़
आशीष मौर्य
वो एक दर्द जो मेरा भी है तुम्हारा भी वही सज़ा है मगर, है वही सहारा भी तेरे बग़ैर कोई पल गुज़र नहीं पाता तेरे बग़ैर ही, इक उम्र को गुजारा भी दर्द ए इश्क़
दर्द ए इश्क़
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