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Jitender Kumar
#sad_shayari हम उन्हें वो हमें भुला बैठे दो गुनहगार ज़हर खा बैठे हाल-ए-ग़म कह के ग़म बढ़ा बैठे तीर मारे थे तीर खा बैठे #shayri #Lafz #urduposts #shayrioftheday #urdupoetrylines #shayari_challenge #top_newser
read morepuja udeshi
White गहरी बात...... दर्द का एहसास सब क़ो पता हैं दर्द से बचना हर कोई सीख गया हैं पर जब दर्द देने की बात आती हैं तो खुद क़ो नहीं दूसरो क़ो आसानी से दर्द दिया जाता हैं ना उम्र का लिहाज ना कोई पर्दा होता हैं बस जिस्म की प्यास और पागल पन का जनून जो इतना घातक हैं खुद के लिए भी और जिसको दे रहे हो, अपने लिए मौत माँग रहे हो क्या जो सही गलत का एहसास जाता रहा दर्द,,,, तुम्हे भी होगा पर तब तक बहुत देर हो चुकी होंगी, फंदा गले मे कस जाएगा जान अटक जाएगी गर्दन टूट कर झूल जाएगी और पाँव ज़मीन छू ना पाएगे ऐसी मौत का इंतज़ाम ना कर दर्द क़ो जान ले रे बंदे जुल्म ना कर,,, please जुल्म ना कर.. 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻, 🥹🥹 ©puja udeshi #sad_quotes #pujaudeshi #crime गहरी बात...... दर्द का एहसास सब क़ो पता हैं दर्द से बचना हर कोई सीख गया हैं पर जब दर्द देने की बात आती हैं त
#sad_quotes #pujaudeshi #crime गहरी बात...... दर्द का एहसास सब क़ो पता हैं दर्द से बचना हर कोई सीख गया हैं पर जब दर्द देने की बात आती हैं त #Life
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
गीत :- धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव । नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।। धरती माँ के सीने पर अब... यहीं तो जन्में वीर अनेक, आल्हा उदल और मलखान । भूल गये हो तुम सब शायद, वीर शिवा जी औ चौहान ।। धर्म और धरती माँ पर जो, दिए प्राण का है बलिदान । देख रहा मैं क्रूर काल को , जिसका होता बुरा प्रभाव ।। धरती माँ के सीने पर अब.... वही डगर फिर से चुन लो सब , जो दिखलाये थे रसखान । जिसको जी कर मीरा जी ने , पाया जग में था सम्मान ।। इसी धरा पर राम नाम का , हनुमत करते थे गुणगान । नहीं हुई है अब भी देरी , जला हृदय में प्रेम अलाव ।। धरती माँ के सीने पर अब.... निर्मल पावन गंगा कहती , यह है परशुराम का धाम । रूष्ट नहीं कर देना उनको , झुककर कर लो उन्हें प्रणाम ।। अधिक बिलंब उचित क्यों करना , बढ़कर लो अब तुम संज्ञान । ईर्ष्या द्वेष मिटाओ जग से , पनपे हृदय प्रेम के भाव ।। धरती माँ के सीने पर अब..... नीर नदी का सूख रहा है , आज जमा ले अपना पाँव । गली-गली कन्या है पीडित, भूखे ग्वाले घूमें गाँव ।। झुलस रहें हैं राही पथ के , बता मिले कब शीतल छाँव । धीरे-धीरे प्रकृति सौन्दर्य , में दिखता क्यों हमें अभाव ।। धरती माँ के सीने पर अब.... धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव । नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत :- धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव । नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।। धरती माँ के सीने पर अब... यहीं तो जन्
गीत :- धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव । नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।। धरती माँ के सीने पर अब... यहीं तो जन् #कविता
read moreParul Sharma
White सबने वंदेमातरम् गाया है हिम्मत नहीं कि आँख उठा के देख ले कोई जुर्रत जिसने भी की मिट गया वहीं का वही गगन में तिरंगा लहराया है सबने वंदेमातरम् गाया है मिट्टी का तिलक लगाने वाले धरती के पाँव छूते है जिस जमीन तिरंगा लगे उसके सजदे करते हैं भगत आजाद झांसी की रानी जैसा सब पर देश भक्ति का जुनून छाया है गगन में तिरंगा लहराया है सबने वंदेमातरम् गाया है गगन में तिरंगा लहराया है सबने वंदेमातरम् गाया है ©Parul Sharma गगन में तिरंगा लहराया है सबने वंदेमातरम् गाया है हिम्मत नहीं कि आँख उठा के देख ले कोई जुर्रत जिसने भी की मिट गया वहीं का वही गगन में तिर
गगन में तिरंगा लहराया है सबने वंदेमातरम् गाया है हिम्मत नहीं कि आँख उठा के देख ले कोई जुर्रत जिसने भी की मिट गया वहीं का वही गगन में तिर #Indian_flag
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