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New प्रतियोगिता दर्पण february 2018 Quotes, Status, Photo, Video

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aditi the writer

#दर्पण आगाज़ Niaz (Harf) vineetapanchal shraddha.meera #कविता

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White दर्पण जो देखा एक दिन सच पता चल गया

दर्पण जो देखा एक दिन, सच पता चल गया,
चेहरे पर हँसी थी लेकिन, मन का रंग बदल गया।
आँखों की चमक तो थी, पर आंसू भी छिपे थे,
जो सोचा था सजीव था, वो तो बस सपने थे।

चेहरे पर थे नक़ाब कई, हँसी थी अधूरी,
आत्मा की पुकार थी, दिल में छिपी मजबूरी।
जीवन की इस दौड़ में, खो दिया था ख़ुद को,
भीड़ में ढूँढा ख़ुद को, पर कोई ना मिला था वो।

सपनों के पीछे भागते, हकीकत भूल बैठे,
दर्पण ने दिखा दिया, हम कहाँ से गुजर बैठे।
असली ख़ुशी वो नहीं, जो बाहरी रूप में दिखती,
ख़ुशी तो वही होती है, जो दिल की गहराई से उठती।

अब जाना ये सच्चाई, जो दर्पण ने सिखाई,
ख़ुद से प्यार करना है, यही तो है सफ़ाई।
चेहरे के पीछे की रौनक, मन से ही आती है,
दर्पण जो देखा एक दिन, सच्चाई समझ आती है।

©aditi the writer #दर्पण  आगाज़  Niaz (Harf)  vineetapanchal  shraddha.meera

poonam atrey

#दर्पण #पूनमकीकलमसे #नोजोटोहिन्दी Sunita Pathania Sethi Ji Ravi Ranjan Kumar Kausik @_hardik Mahajan अदनासा- सायरी मोटिवेशन #मोटिवेशनल

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White #दर्पण  

समझा  सदा  कमज़ोर  ख़ुद  को ,अपनी काबलियत को कब जाना,
जकड़ी रही ज़माने की बेड़ियों में ,मेरा वजूद भी रहा मुझसे अंजाना,

एक कठपुतली के जैसे मै, जिंदगी भर नाचती रही,
रो रोकर  अपना  गुमनाम सा ,   भाग्य बांचती रही, 

खो    गए    थे    ख़्वाब भी, मेरे    वक़्त की बयार में,
चल    रही      थी  जिंदगी मेरी, अपने  पूरे  रफ्तार में,

बिलखे        थे    अरमान मेरे,मेरी  अपनी नाकामी पर,
कितने   गहरे ज़ख्म लगे थे ,मेरी बेनाम जिंदगानी पर,

फिर    एक    दिन जब 'दर्पण' में ख़ुद की, परछाई को निहारा था ,
पहचाना      था     तब ख़ुद को मैंने  , मिला एक सहारा था,

तोड़ कर हर बन्धन मैंने ,ज़ब ज़माने से नज़र मिलाई,
मुझको   मेरी शक्ति, मेरे मन  दर्पण ने दिखलाई,

निकल पड़ी फ़िर एक दिन ,अपनी पहचान बनाने को,
कमज़ोर    नही मैं साहसी हूँ , ये दुनिया को दिखलाने को ,।।
                             
पूनम आत्रेय

©poonam atrey #दर्पण 
#पूनमकीकलमसे 
#नोजोटोहिन्दी  Sunita Pathania  Sethi Ji  Ravi Ranjan Kumar Kausik  @_hardik Mahajan  अदनासा-  सायरी मोटिवेशन

Ravendra

आयोजित हुई थाल प्रतियोगिता 62 प्रतिभागी हुए शामिल #वीडियो

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person

गणपति बप्पा मोरया मंगल मूर्ति मोरया 🙏 🙏🕉️ गणेश जी का ज्ञान प्रभु गणेश जी ने एक प्रतियोगिता में अपने भाई से पहले विजय प्राप्त की थी उसे प #Bhakti

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गणपति बप्पा मोरया मंगल मूर्ति मोरया 🙏 
गणेश जी का ज्ञान 
प्रभु गणेश जी ने 
एक प्रतियोगिता में अपने भाई से पहले विजय प्राप्त की थी 
उसे प्रतियोगिता में उन्होंने यह ज्ञान दिया था कि माता-पिता में ही संसार समाया हुआ हैं 
माता-पिता के चक्कर लगाने से ही संसार के चारों धाम के चक्कर लगा लिए जाते हैं

©person गणपति बप्पा मोरया मंगल मूर्ति मोरया 🙏 
🙏🕉️
गणेश जी का ज्ञान 
प्रभु गणेश जी ने 
एक प्रतियोगिता में अपने भाई से पहले विजय प्राप्त की थी 
उसे प

MiMi Flix

"मोनू हाथी की समझदारी: प्रतियोगिता और बुद्धिमत्ता की कहानी" - एक जंगल प्रतियोगिता में मोनू हाथी ने समझदारी का प्रमाण दिया। जब उसे दो रास्तों

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत :- आजादी का दिवस मनाऊँ ,  भूखा अपना लाल सुलाऊँ । कर्ज बैंक का सर के ऊपर, #कविता

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गीत :-
आजादी का दिवस मनाऊँ ,भूखा अपना लाल सुलाऊँ ।
कर्ज बैंक का सर के ऊपर, खून बेचकर उसे चुकाऊँ ।।
आजादी का दिवस मनाऊँ....

सरकारें करती मनमानी , 
पीने का भी छीने पानी ।
कैसे जीते हैं हम निर्धन ,
 कैसे तुमको व्यथा सुनाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ...

मैं ही एक नहीं हूँ निर्धन , 
आटा दाल न होता ईर्धन ।
जन-जन का मैं हाल सुनाऊँ , 
आओ चल कर तुम्हें दिखाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ...

शिक्षा भी व्यापार हुई है , 
महँगी सब्जी दाल हुई है
आमद हो गई है आज चव्न्नी, 
कैसे घर का खर्च चलाऊँ । आजादी का दिवस मनाऊँ...

सभी स्वस्थ सेवाएं महँगी ,
जीवन की घटनाएं महँगी ।
आती मौत न जीवन को,
फंदा अपने गले लगाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ...

ज्यादा हुआ दूध उत्पादन,
बिन पशु के आ जाता आँगन ।
किसको दर्पण आज दिखाऊँ 
दिल कहता शामिल हो जाऊँ ।। आजादी का दिवस मनाऊँ.....
आजादी का दिवस मनाऊँ ,भूखा अपना लाल सुलाऊँ ।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत :-


आजादी का दिवस मनाऊँ ,

 भूखा अपना लाल सुलाऊँ ।

कर्ज बैंक का सर के ऊपर,

Anjali Singhal

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Anjali Singhal

"एक नारी छोड़कर माँ-बाबुल का घर-बार, सींचती है नयन-जल से अपने पी का आंगन, फूल पी के प्यार का खिला पाकर, महकने लगता है उसके मन का उपवन, पतझड़ #Poetry #AnjaliSinghal

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