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Deepa Ruwali
पत्तियां दरख़्तों से छूटने लगती हैं, पतझड़ जब आता है तो.. उनकी बर्बादी के रास्ते खुल जाते हैं।। ©Deepa Ruwali #autumn #nature #Life #SAD #Poetry
Schizology2
Ten to ten Ten minutes to ten The evening ends Nighttime begins Tonight's events Ten until ten Ten minutes and then It will be ten pm I think I said it again Ten before ten And then comes eleven There's no exemption And no question After eleven It's midnights inception Twelve o'clock dimension This is my impression ©Schizology2 Ten to ten #ten #pm #poem✍🧡🧡💛
kavi Abhishek Pathak
रात भर एक चाँद का साया रहा, दिल में कोई खामोश उजाला रहा। तारों ने कहानियाँ बुन दी कई, पर मेरी आँखों में बस वो ही चेहरा रहा। चुपके से हवाओं ने कुछ कहा, जैसे कोई राज़ धीरे से बयां किया। दिल की किताब में एक पन्ना खुला, और उसमें तेरा नाम ही लिखा रहा। ©kavi Abhishek Pathak #poem
diya the poetter
White नई सुबह एक नई सुबह एक नया एहसाह करा देती है जीवन के पथ पर चलने की राह दिखाती है सूर्य सिर पे चढ़ता है । मानव नित नए आयाम रचता है महकती फूलों की क्यारियों में तितलियां बैठती है भंवरे गीत सुनाते है। नई सुबह नए गीत गुनगुनाती है। मां की रसोई महकती है दादी के भजन से घर उमंग में डूबा जाता है नन्हे नन्हे भाई बहन आंगन में भागे जाते है घर उजाले में डूब जाता है नई रोशनी हमे मानसिक रूप से स्वस्थ बनाती है नई सुबह एक नया एहसाह करा देती हैं। दिया आर्या (दक्षिता) ©diya the poetter #poem
love you zindagi
Autumn महफूज रखना अपनी मोहब्बत को तुम मेरी जवानी का एक हिस्सा हो तुम, महफूज रखना अपने आप को तुम मेरी कहानी का अधूरा ही सही मगर एक किस्सा हो तुम ।। @तुम्हारा अहसास ©love you zindagi #autumn #salamat #pyar #mohabbat #maehfooz
S Priyadarshini
White जिंदगी में ठोकरे हमें मजबूर नहीं अंदर से कठौर बना देते हैं l 🙏 ©S Priyadarshini #good_night #Nojoto #poem#poetry#poem
#good_night #poempoetry#poem
read moredil_ki.dhun
ସେଇ ଶରତ ଋତୁର ହାଲୁକା କୁହୁଡ଼ି ମନଲୋଭା ଗଗନ ସବୁଜ ଗଛଲତା ଦେଖି ମନ ହୁଏ ଆର ଜନମେ ଜନମି ନେବି ପକ୍ଷୀ ଟିଏ ହୋଇ ଉଡ଼ିଯିବି ସେହି କୁହୁଡ଼ି ସହିତ ପୁଣି ଫେରି ଆସିବି ସବୁଜ ଗଛଲତା ଦେଖି ।। ©dil_ki.dhun #autumn
Amod Kumar Jaiswal
White कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥ २-४७ तू कर्म को प्रधान मान और चल दे अपनी राह पर, संघर्ष तेरा कर्म पर हो तू फल की ना कोई चाह कर । तू कर्म को प्रबल बना खुद को उसमें झोंककर , मिलेगी तुझको ही विजय तू कर्म पर विश्वास कर। कर्म से ही तेरी भाग्य का निर्माण होगा , आज जिसकी चाह है तुझको कल वो तेरे पास होगा । -Amod Jaiswal ©Amod Kumar Jaiswal #poem