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Sanjana Hada
Autumn इश्क - इश्क सी लड़की Miss Hada..🌺🌺 ************************* इस डिजिटल युग में साहित्य से प्रेम करने वाली मैं, इंस्टाग्राम के जमाने में कविताएं लिखने वालीं मैं, वेस्टर्न के जमाने में बिल्कुल सलवार सूट जैसी मैं, New गानों से कोसों दूर भागने वालीं मैं हमेशा सदाबहार गाने सुनने वाली मैं, न कोई Message न कोई Video call मुझे पसंद है Face to Face बातें करना , मुझे आता नहीं बातें बनाना मुझे तो बस अब स्वयं को है जानना , आता नहीं मुझे कोई षड्यंत्र मैं तो चाहती हूं बस अब स्वयं पर नियंत्रण, मैं हर परिस्थिति में भी पन्नों पर प्रेम बिखेरना चाहती हूं मैं अपने व्यक्तित्व को शब्दों से निखारना चाहती हूं, हां मैं स्वयं से इश्क करना चाहती हूं...🌺 ©Sanjana Hada #autumn मैं
#autumn मैं
read morelove you zindagi
Autumn महफूज रखना अपनी मोहब्बत को तुम मेरी जवानी का एक हिस्सा हो तुम, महफूज रखना अपने आप को तुम मेरी कहानी का अधूरा ही सही मगर एक किस्सा हो तुम ।। @तुम्हारा अहसास ©love you zindagi #autumn #salamat #pyar #mohabbat #maehfooz
Sanjana Hada
Autumn 🙏मां शारदे 🙏 ******** मैं लिखूं प्रित की पुस्तक, दें मां आशीष ऐसा , कि मैं सबकी प्रिय और सब मेरे प्रिय बन जाएं जिससे प्रसन्न हो जाएं चितवन मेरा ... मां मेरी कला निखार दों अन्तःकरण मेरा शुद्ध करों मां, मन को शांति देकर इसे बुद्ध करों मां, मां मेरी कलम को आशीर्वाद दो , आपके शब्दकोश का भंडार दो , मुझे बुद्धि का आशीष दो , अन्तर्मन परिशुद्ध हो जाएं ऐसा वचन दो... लगन लग जाएं बस तुझमें, मगन हो जाऊं मैं तेरे चरणों में, इस बेरंग संसार से मुझे विरक्ति दो, मुझे मुक्ति का मार्ग दो मां ...🙏🙏🌺🌸🌼 ©Sanjana Hada #autumn
Sonali Ghosh
Autumn आसक्ति से मुक्ति इस जीवन के खेल से अलग आज सौंदर्य में है सबका ध्यान जानत है बुढ़ापे की ओर चले मिटाने प्राण प्रतिस्पर्धा पहचान। ये तो मोह माया का खेल है परम सत्य से है हम विचलित रूप धन की महिमा हलाहल है परमात्मा में ही अमृत सा शांति हित। हसी में छुपी है प्राचीन गहराई विनोद से है सम्पूर्ण सत्कार संसार की मोह माया से परे निःसंगता में ही है उपकार। ©Sonali Ghosh #autumn
Adv Rudra varshney
Autumn उसे राम मंदिर सा चाहा हमनें वो अयोध्या वालों सा बेवफ़ा निकला..!! ©Adv Rudra varshney #autumn उसे राम मंदिर सा चाहा हमनें वो #अयोध्या वालों सा बेवफ़ा निकला..!! #new #viarl #thought #Poetry #alone #bjp #varshneyrudra #Life
Mr. Eram
Autumn تیری انکھوں کا نظارہ کرنا ہے مجھے رفتہ رفتہ دل میں اترنا ہے مجھے یہ سفر کتنا طویل ہے معلوم نہیں پر ایک دن تجھ سے اغاز کرنا ہے مجھے نواز . ©Mr. Eram #autumn
Narendra kumar
Autumn उर्वशी का अभिशाप। अभिशाप भी आर्शीवाद बन गया। भविष्य में आया काम,काम बन गया। विश्वास टुटा ,दिल टुटा , मन पर पड़ा आघात। मनोकामना उर्वशी का पूर्ण न हुआ तो, अर्जुन को दी अभिशाप। अर्जुन व्यथित, दुखित हुआ। दोष ढुढने का किया प्रयास। प्रयास विफल हुआ ,मन विकल हुआ। आंखों के आगे प्रकाश निष्फल हुआ। अर्जुन कुछ समझ न पाया। कहां हुआ हमसे पाप ,सहज न पाया। किस कर्म तृटि के कारण, मिला ऐसा अभिशाप। सोच- सोच कर अर्जुन हार गया। स्वीकार किया,शिश हार किया। अभिशाप को ही आर्शीवाद समझा। मिला कर्म का प्रसाद समझा। मन ही मन विचार रहा था। कुछ अच्छा ही होगा , सब स्वीकार रहा था। शिश झुकाकर किया प्रणाम, अलविदा कहा ,कहा प्रणाम। ©Narendra kumar #autumn
Mr. Eram
Autumn جو انسوں بھی ان انکھوں سے رواں ہے میرے جذبات کا وہ ہم زباں ہے عرش صہبائی . ©Mr. Eram #autumn.
Mr. Eram
Autumn دل ناداں تجھے ہوا کیا ہے آخر اس درد کی دوا کیا ہے مرزا غالب . ©Mr. Eram #autumn
Narendra kumar
Autumn काल का भय, किसको खलता है। जो छल,कपट, करके चलता है। समय का मार, किसको पड़ता है। जो समय से, कर्म नहीं करता है। अपमान का विष, किसको पीना पड़ता है। जो किसी को पीड़ा, देकर,पाप करता है। ©Narendra kumar #autumn