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Arora PR
White कांच की अलमारी में पडी किताबे हसरत भरी निगाह से मुझे झाँक कर देखती थी ज़ब मै उनके नज़दीक से बिना उन्हें अभिवादन किये गुज़र जाता हू वे तरसती हैँ मेरा स्नेहसिक्त स्पर्श पाने के लिए ....जो उन्हें एक कम्बे अर्से से नहीं मिला हैँ .. ©Arora PR स्पर्श
स्पर्श
read moreMiss poojanshi
तू ध्यान से देख मेरे हाथों की हर एक लकीर पर सिर्फ और सिर्फ तेरा नाम है तू बुलाकर तो देख तेरी आवाज़ का हर रास्ता गुजरता तो हमारी ही धड़कन से है। ©Miss poojanshi #स्पर्श
Vivek
हर शब्द का काम है वह मौन को व्यक्त करे हर भाव भी यही सोचे वह स्वयं को अभिव्यक्त करे वाणी सच को कहने के लिए सदा ही ख़ुद को सशक्त करे भाषा हो जो मधुर मेरी तो क्यों न तुम्हें स्पर्श करे ...!!! ©Vivek #स्पर्श
Manmohan Dheer
प्रेम उत्कर्ष अधूरे हैं तुम सुनते क्यों नहीं तुम्हारे स्पर्श अधूरे हैं— % & स्पर्श
स्पर्श
read moreTubeLights
बैठा के सामने तुझे, सीने से लगा लूँ तस्वीर तेरी, आज की रस्म भी पूरी हो जाये और हद पार भी न हो ।। ©TubeLight स्पर्श ...
स्पर्श ...
read moresomnath gawade
होता स्पर्श तुझा.. स्पंदने ही मंदावली रात्र डोळ्यात अंधारली सहवास तुझा झाला बोलता अन श्वास ही झाला मुका. #स्पर्श
Babita Buch
तुम्हारे स्पर्श से मै मुकम्ल हो गई दो जिस्म एक जान हो गई तुम्हारी संसो की खुशबू मेरी संसो में बस गई जुल्फें लेहरा के तुमको अपना दीवाना बना गई जाओ तुम कही भी मेंरी मोहब्बत खिंच लयेगी छूड़ना चाहो लाख दामन फिर भी नजरे इनायत मुझी पर होगी है कुछ ऐसा मेरे खुदा का कमर आशिकी इनायत मुझी पर होगी ©Babita Bucha #स्पर्श
Pushpvritiya
नई सी लग रही हूँ मैं, सब कुछ नया नया सा हैं, कल प्रेम से मिली थी मैं, प्रेम ने छुआ सा हैं........ अलग सा ही खुमार हैं, नज़र में इक नशा सा हैं, ये कौन हैं जो इस तरह, अंतस में आ बसा सा हैं......... हाव भाव में मेरे, इक हर्ष सा घुला सा हैं, उलझी सी भंगिमाओं से,भेद भी खुला सा हैं.......... मैं प्रेम रंग में रंगी या जहां रंगा रंगा सा हैं, प्रीत ने अपना लिया, सब राख हैं धुआँ सा हैं.......... स्पर्श से इस भाव के, सब कुछ निखर निखर गया, देह आत्मा की छवि, कल क्या अब क्या सा हैं......... प्रीत ने अपना लिया सब राख हैं धुआँ सा हैं.......... ©Pushpvritiya #स्पर्श
Dr Mangesh Kankonkar
स्पर्श स्पर्श म्हणजे नेमक काय असते जे हाताना अनुभवते ते की जेव्हा पावसाचे थेंब शरीरावर पडल्यावर जे मनाला अनुभवते ते की पहिला पाऊस पडल्यावर ओल्या मातीचा जो दरवळ श्वास अनुभवते ते सांगा ना हो कुणी मला स्पर्श म्हणजे नेमक काय असते -मंगेश काणकोणकर स्पर्श
स्पर्श
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