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Shiv Narayan Saxena
पितरों से पहचान है पितरों से सम्मान तन मन धन सब हम पे कर देते कुर्बान कूकुर कागा को सदा दिलवाते हैं मान भूल क्षमा करिए दया हे पितर भगवान ©Shiv Narayan Saxena पितरों से सम्मान.....
पितरों से सम्मान..... #Poetry
read moreSarkaR
White पिता वो शख्स है जो अपने बच्चो के भविष्य के लिए खुद बच्चो के नजरो में सक्त इंसान बन जाता है। ©SarkaR #पिता
Deepali Singh
पिता ज़िम्मेदारियों की कसौटी पर वो बैठा ख्वाहिशें अपनी अंदर ही रौंदाता, सर पर मेरेउसके आशीष का पहरा दुःख क्लेश पर उनके प्रेम का परदा, परेशानियाँ खुद की खुद तक छिपाये संकट संतान के वो खुद पर ले आये, जैसे पास कोई उनके रामबाण हो समस्या उनके लिए कोई आम बात हो, जो भी मुसीबत आये चाहे जब भी दिखाये जैसे कुछ हुआ ही नहीं, पता नहीं कैसे करते ये सब अब भी हर पल बिताता होगा बस चिंता में ही, नींद -चैन जो अपने दिन- रात गँवाए तो दर्द कोई हमको कैसे छु पाए..? पिता की उन पावन चरणों की हम तो भाग्यशाली धूल माटी.., प्रणाम है ऐसे संकट मोचन को..! जो मोती बनाया हम धूल कणों को । ©Deepali Singh पिता
पिता #Motivational
read moreSatish Kumar Meena
जब भी सीने की धड़कन बढ़ती है, वो पिता अपने परिवार की सोच रहा होता है। आंखो के आंसू की कीमत कितनी है,, बेटा अंगुलियां गिन के बालों को नोच रहा होता है। पिता के अंदर कितनी जरूरतों का बोझ है, उसी बोझ तले पिता दब जाता है। वक्त की धुरी को पिता रोक नहीं पाता,, और उस धुरी के नीचे ही पिता आ जाता है।। एक पिता ही है जनाब जो मां की ममता को, अपने परिवार के ऊपर न्यौछावर कर देता है। और लाड प्यार का सारा हिस्सा जो उन्हें मिला,, अपने परिवार पर चंद लम्हों में लुटा देता है। पिता का हाथ जब तक माथे पर रहता है, संतान को कभी दुख महसूस नहीं हो पाता है। वक्त की धुरी को पिता रोक नहीं पाता,, और उस धुरी के नीचे ही पिता आ जाता है।। ©Satish Kumar Meena पिता
पिता #कविता
read moreNegi Girl Kammu
अपने खून पसीने की कमाई को, अपने सुख को भूल कर । अपने जमा किये पाई- पाई को ,जो बिना कुछ बोले हमपें लूटाता है। जो अपने मन की इच्छाओ को ,मार -मार यू हमें सफल बनाता है। जग चाहे जो भी कहता हो उसको ,पर वो अपना सब कुछ हम पर ही लूटाता है। वो भी तो ईन्सान ही है ,होगी उसकी भी ख्वाहिसें लाखों पर वो विशाल हृदय का मालिक हैं ,जो अपनी लाखों ख्वाहिसों को मार गिराता है। हम जब भी जो मॉगें उससे ,हमको लाकर वो दे देता है। कहने को तो हम मात्र अंश है उसके ,पर वो तो हमें ही अपना सम्पूर्ण शरीर बताता है। जब से हम आये जीवन में उसके ,वो अपना हर पल हमको ही देता आया है। जीता हर पल हमारे लिये,कोई और नहीं जग में उससा , वो पिता बस एक ही होता है, जो हमको सब कुछ लाकर देता है। ©Negi Girl Kammu पिता ।
पिता । #Poetry
read moreJyotsna Joshi