Find the Latest Status about किस्सा from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, किस्सा.
आधुनिक कवयित्री
White दिल से कोई रिश्ता नहीं तुमसे, पर मेरी हर कविता का किस्सा हो। निभा न पाऊं इस जन्म में मैं, ऐसा ही तुम एक रिश्ता हो। हर बार जिंदगी में आ जाते हो, जैसे कोई जिंदगी का हिस्सा हो। मेरे हर गम में साथ खड़े हो जाते, जैसे कोई फरिश्ता हो। मेरे जीवन का संगीत नहीं हो तुम, पर हर संगीत जैसे तुझ पर लिखा हो। धड़कने भी थम सी जाती हैं देखकर तुम्हें, मानो हर सुकुन तुमसे मिलता हो। कलियां भी छिप गई तेरे जानें से, मानो हर फूल तेरे आने से ही खिलता हो। समझ जाते हर खामोशी, मानो मेरी हर सांस का तुम्हें पता हो। ©आधुनिक कवयित्री तेरा किस्सा......
तेरा किस्सा......
read moreBROKENBOY
सारी दुनिया से लड़ सकता हूं , बस एक तुझसे ना लड़ पाऊंगा, तेरे साथ की गई लड़ाई में , जीतने से अच्छा मैं हार जाऊंगा, डर लगता है तुझे खोने से, तेरे दूर होने से, मेरे लबों पर बैठी कविता तू है, तुम ही मेरे जख्मों की दवा भी , तेरे ही दिल के कोने में मिले मुझे बंदगी , भले देता रह सजा ही, जिस ख्याल से यह कलम चले वो किस्सा तूं ही है, जिसके बिना मेरी कहानी और मैं अधूरा हूं, वो हिस्सा तू ही है, दूरियों की मजबूरियों के नीचे हम दोनों की चीखें दबी है, तुझे खोने से बेहतर है हांरूगा हर जंग में, यह कहकर मैं गलत और तू सही है, ©BROKENBOY #UskeHaath सारी दुनिया से लड़ सकता हूं , बस एक तुझसे ना लड़ पाऊंगा, तेरे साथ की गई लड़ाई में , जीतने से अच्छा मैं हार जाऊंगा, डर लगता है त
#UskeHaath सारी दुनिया से लड़ सकता हूं , बस एक तुझसे ना लड़ पाऊंगा, तेरे साथ की गई लड़ाई में , जीतने से अच्छा मैं हार जाऊंगा, डर लगता है त
read moreनवनीत ठाकुर
वक़्त का हर लम्हा संभालकर रखना, जो गुज़र गया, उसे यादों में बसा कर रखना। ख़ैर, वो कल नहीं रहेगा, जाहिद,हर लम्हा जी के रखना।। हर पल को जियो कुछ इस तरह, कि फिर लौटकर वो कभी न तरसे। वक़्त की साज़िश को समझ लो यारों, ये वो मेहमां है जो कभी ना ठहरे।। इन लम्हों का साया संभाल, ये गुज़रे तो बन जाएं किस्सा कमाल। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर जाहिद, इन लम्हों का साया संभाल, ये गुज़रे तो बन जाएं किस्सा कमाल।
#नवनीतठाकुर जाहिद, इन लम्हों का साया संभाल, ये गुज़रे तो बन जाएं किस्सा कमाल।
read moreShivkumar barman
Unsplash "Jindagi" कि किताब में...📖 हर पन्ने पर अलग किस्सा लिखा हैं...📝 कही खुशियों का जिक्र हैं...😀 तो कही गमों का हिस्सा लिखा हैं...🥹 कही लिखा है चैन और सुकून...😌 तो कही मुश्किलों का सामना लिखा हैं...🥴 कही अपनों का सहारा...🫶 तो कही अकेलापन भी लिखा हैं...🥺 "Jindagi" कि किताब में...📖 हर पन्ने पर अलग किस्सा लिखा हैं...📝 ©Shivkumar barman Jindagi" कि #किताब में...📖 हर पन्ने पर अलग किस्सा लिखा हैं...📝 कही #खुशियों का जिक्र हैं...😀 तो कही #गमों का हिस्सा लिखा हैं...🥹 कही ल
अदनासा-
बेजुबान शायर shivkumar
White मैं अपने बारे में लिखूं भी तो क्या लिखूं थोड़ा अच्छा या काफी बुरा लिखूं !!🕊️ मैं कहानी हूं पूरी या किस्सा अधूरा लिखूं ✨ मैं कौन हूं मैं खुद को क्या लिखूं !!🕊️ अपनी उम्र से तजुर्बों में बढ़ा लिखूं ✨ या उम्मीदों की लाशों पर चला लिखूं!!🕊️ ना समझेगा कोई भला मैं क्या लिखूं✨ लोग समझते हैं सुलझा हुआ तो खुद को क्या उलझा हुआ लिखूं !!🕊️ हम अपने बारे में और जानते ही नहीं ✨ चलो छोड़ो भी आज खुद को सरफिरा लिखूं !!✨❣️ ©बेजुबान शायर shivkumar Sethi Ji Kshitija poonam atrey angel rai puja udeshi कविता कविताएं हिंदी कविता कविता कोश मैं अपने बारे में लिखूं भी तो क्या लिखूं
Sethi Ji Kshitija poonam atrey angel rai puja udeshi कविता कविताएं हिंदी कविता कविता कोश मैं अपने बारे में लिखूं भी तो क्या लिखूं
read moreRakesh frnds4ever
White बदहाली में जो गुजरी सारी उम्र,, गुमनामी में जो गुजारी सारी साल.... मैं भले ही उतार डालूं बेशक अपनी खाल,, मालूम है मुझको तुम कभी ना पूछोगे मेरा हाल..... विडंबना है कि,, दिखावे को तो मैं कोई हिस्सा हूं, पर क्या? कहीं ना कोई, किसी भी चीज का मैं किस्सा हूं !!! जागे हुए कि तो मुमकिन ही नहीं, कभी सोते हुए भी ना आया है,ना आएगा ,,,,, तुमको कभी भी मेरा ख्याल,,,.... जनता हूं ;:!:;,,... तुम्हारे दिल की, मन की , भीतर की हर बात, हर राज, हरेक सोच विचार,,, पर तुम क्या जानो कि,,, पागल है, बुद्धू है , मूर्ख है बावला है जो कि मैने,,, कभी किया ना कोई सवाल!!!! बदहाली की जो तुमने मेरी सारी उम्र,, घूटन में जो चल रही मेरी सभी साल देखना कभी मुझमें उमड़ेगा कोई भूकंप और अंतर्मन की विवशता और जर्जता की लावा और ज्वाला से धधकेगा, कोई भूचाल लेकिन बाहर नहीं अंदर!!!! ©Rakesh frnds4ever #बदहालीमेंजोगुजरीसारीउम्र,, #गुमनामी में जो गुजारी सारी साल.... मैं भले ही उतार डालूं बेशक अपनी #खाल , मालूम है मुझको तुम कभी ना पूछोगे #मे
#बदहालीमेंजोगुजरीसारीउम्र,, #गुमनामी में जो गुजारी सारी साल.... मैं भले ही उतार डालूं बेशक अपनी #खाल , मालूम है मुझको तुम कभी ना पूछोगे मे
read more