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Kavya Goswami
Please go through... - Vikram Thacker ji Please go through. Some thing we throw to the sky, it will go up to a height according to our thrust and Weight of that thing, that height
Please go through. Some thing we throw to the sky, it will go up to a height according to our thrust and Weight of that thing, that height
read moreChetan Thareja
जीत किसके लिए,हार किसके लिए, जिन्दगी भर यह तकरार किसके लिए, जो भी आया है वो जाऐगा एक दिन, फिर ये अहंकार किसके लिए। फर्क होता है खुदा और फ़क़ीर में, फर्क होता है किस्मत और लकीर में.. अगर कुछ चाहो और न मिले तो समझ लेना.. कि कुछ और अच्छा लिखा है तक़दीर में। #chetan
Chetan Savkar
#आदीHUMAN01 इंजिनिअर मित्रांनो नमस्कार... आठवतंय का....काही वर्षांपूर्वी शाळा,कॉलेजच्या निमित्ताने आपण एकत्र होतो तसे आज नाहीत... त्यावेळेस प्रत्येकाची आपापली एक वेगळी स्वप्न होती,शिकुन मोठा व्हायचं आणि पैसे कमवायचे त्यापैकी काही पुर्ण झाली तर काही पुर्ण होतायेत. परंतु आज आपल्याला एका स्वप्नासाठी पुन्हा एकत्र यायचे आहे.त्यासाठी हा एक संदेश आपणास मी पाठवत आहे.त्यासंदर्भात आपले मत कळवा. chetan
chetan #आदीHUMAN01
read moreChetan Savkar
तुमचे कान खरंच, 'खरं' ऐकतात का? आम्ही तुमचे कान भरवायला येतोय तुमच्या गावात...!!! विळ्या भोपळ्यांच्या नात्यांना गोड-आंबट लावायला. #chetan
CHETAN.......!!
घड़ी की सुइयाँ आगे बढ़ती रही पर समय थम गया था... जब देखा एक माशूम को, चहरे से माशूमियत झलक रहा था, और आँखों से उसके हालात। ऐसा लग रहा था जैसे उसने कुछ दिनों से वो कुछ खाया न हो। वो आशा भरी निगाहों से कहिं देख रहा था, जब मैंने अपनी नजर घुमाया तो देखा एक माँ अपने बच्चे को बड़े प्यार से आइसक्रीम खिला रही थी । मैं उसके पास गया और पूछा बेटा... कुछ खायेगा ? उसने उस आइसक्रीम खाते बच्चे को देखते हुए मेरे हाथ को पकड़ के कहा भईया जोर से भूख लगी है, जैसे ही उसने मेरा हाथ पकड़ा आँख तो नही, लेकिन मन रो पड़ा...........😥 #Nojoto #Story-of-life #life #chetan #जिंदगी Satyaprem
Chetan Sharma
परशुराम की कथा परशुराम जी त्रेता युग (रामायण काल) में एक ब्राह्मण ऋषि के यहाँ जन्मे थे। जो विष्णु के छठा अवतार हैं[1]। पौरोणिक वृत्तान्तों के अनुसार उनका जन्म महर्षि भृगु के पुत्र महर्षि जमदग्नि द्वारा सम्पन्न पुत्रेष्टि यज्ञ से प्रसन्न देवराज इन्द्र के वरदान स्वरूप पत्नी रेणुका के गर्भ से वैशाख शुक्ल तृतीया को मध्यप्रदेश के इन्दौर जिला में ग्राम मानपुर के जानापाव पर्वत में हुआ। वे भगवान विष्णु के आवेशावतार हैं। महाभारत और विष्णुपुराण के अनुसार परशुराम जी का मूल नाम राम था किन्तु जब भगवान शिव ने उन्हें अपना परशु नामक अस्त्र प्रदान किया तभी से उनका नाम परशुराम जी हो गया। पितामह भृगु द्वारा सम्पन्न नामकरण संस्कार के अनन्तर राम कहलाए। वे जमदग्नि का पुत्र होने के कारण जामदग्न्य और शिवजी द्वारा प्रदत्त परशु धारण किये रहने के कारण वे परशुराम जी कहलाये। आरम्भिक शिक्षा महर्षि विश्वामित्र एवं ऋचीक के आश्रम में प्राप्त होने के साथ ही महर्षि ऋचीक से शार्ङ्ग नामक दिव्य वैष्णव धनुष और ब्रह्मर्षि कश्यप से विधिवत अविनाशी वैष्णव मन्त्र प्राप्त हुआ। तदनन्तर कैलाश गिरिश्रृंग पर स्थित भगवान शंकर के आश्रम में विद्या प्राप्त कर विशिष्ट दिव्यास्त्र विद्युदभि नामक परशु प्राप्त किया। शिवजी से उन्हें श्रीकृष्ण का त्रैलोक्य विजय कवच, स्तवराज स्तोत्र एवं मन्त्र कल्पतरु भी प्राप्त हुए। चक्रतीर्थ में किये कठिन तप से प्रसन्न हो भगवान विष्णु ने उन्हें त्रेता में रामावतार होने पर तेजोहरण के उपरान्त कल्पान्त पर्यन्त तपस्यारत भूलोक पर रहने का वर दिया। वे शस्त्रविद्या के महान गुरु थे। उन्होंने भीष्म, द्रोण व कर्ण को शस्त्रविद्या प्रदान की थी। उन्होनें कर्ण को श्राप भी दिया था। उन्होंने एकादश छन्दयुक्त "शिव पंचत्वारिंशनाम स्तोत्र" भी लिखा। इच्छित फल-प्रदाता परशुराम गायत्री है-"ॐ जामदग्न्याय विद्महे महावीराय धीमहि, तन्नः परशुराम: प्रचोदयात्।" वे पुरुषों के लिये आजीवन एक पत्नीव्रत के पक्षधर थे। उन्होंने अत्रि की पत्नी अनसूया, अगस्त्य की पत्नी लोपामुद्रा व अपने प्रिय शिष्य अकृतवण के सहयोग से विराट नारी-जागृति-अभियान का संचालन भी किया था। अवशेष कार्यो में कल्कि अवतार होने पर उनका गुरुपद ग्रहण कर उन्हें शस्त्रविद्या प्रदान करना भी बताया गया है। ©Chetan Sharma chetan
chetan #पौराणिककथा
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