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नवनीत ठाकुर
मुसाफिर हूँ मैं, सफर की कोई मंजिल नहीं, हर मोड़ पे कोई नई दास्तान बाकी है। कदम कदम पर मिलते हैं कुछ हमसफर, मगर इस राह में अकेले चलने का इरादा बाकी है।। वक्त की चाल ने कितने राज़ छुपा रखे हैं, हर लम्हे में एक तजुर्बा बाकी है। बीते वक्त को कभी रोक न सके हम, मगर हर आने वाले लम्हे से मिलना बाकी है।। बरसात में हर बूंद में उसका एहसास बहता है, यादों की बारिश में उसका नाम बाकी है। भीगी ज़मीं पर वो पाँव के निशाँ छोड़ जाए, ऐसे मौसम में उसका आना बाकी है।। खामोशी में भी एक गूंज सी बसी रहती है, हर सन्नाटे में कोई बात बाकी है। ये खामोश लब्ज़ कुछ कहने को हैं आतुर, बस सुनने वाला कोई अजनबी बाकी है।। ©नवनीत ठाकुर #उसका आना बाकी है
#उसका आना बाकी है
read moreSunil Kumar Maurya Bekhud
कभी गाड़ी पर नाव कभी नाव पर गाड़ी वक्त बदलते ही राजा बनता कोई कबाड़ी समय बहुत बलवान है सबको नाच नचाए सारी दुनिया को अपने कदमों तले झुकाए बाजी पल में पलट दे हारा बने विजेता खुशी बाँटता कभी यह कभी छीन है लेता बेखुद कहता है खुद पर करिए नहीं घमंड वर्ना आज नहीं तो कल मिलेगा इसका दंड (समय) ©Sunil Kumar Maurya Bekhud #समय
Pushpeshwar Tiwari
White मैसिज वाले इस युग में अब, सोचा है कोई तार लिखूं मैं। जिस दिन दो पल चैन के जी लूँ, बस वो पल इतवार लिखूँ मैं। दिल में दर्द छिपाये बैठे, चेहरे पर मुस्कानें लेकर, सिक्के के दोनों पहलू का, कुछ ऐसा व्यवहार लिखूँ मैं। कथा, कहानी किस्सों की दुनियाँ में, मैं भी बहुत चला हूँ, सात जन्म के बंधन वाले, उस रिश्ते को प्यार लिखूँ मैं। घर से दूर निकल आये हैँ, घर पर जाने की ही खातिर, घर पर ही जो जाने ना दे, ये कैसा रोजगार लिखूँ मैं। शहर की रौनक में खोया है, मेरा गांव का छोटा सा घर, जिस दिन लोटूं उस चौखट पर, बस उस दिन त्यौहार लिखूँ मैं। ।।पुष्पेश्वर तिवारी।। ©Pushpeshwar Tiwari समय
समय
read moreAjay Chaurasiya
White सुनो तुम लौट क्यों नहीं आते, माना जो चला जाता है वो लौटता नहीं, लेकिन तुम लौट सकते हो, जैसे लौट आते है पत्ते दरख़्त पर, पतझड़ के बाद, वो जगह, वो यादें वैसी ही है, तुम्हारे लौटने के इंतजार में, लौट आओ और जीवित कर दो, उन सब जगहों को और मुझको, जो मुरझा से गए है राह ताकते तुम्हारी, तुम लौटोगे ना, लौट आना जरूर, अपने लिए ना सही, मेरे लिए, उन मौसमों के लिए, जो खिल उठते थे, तुम्हे देखकर, उन फूलों के लिए, जो महक उठते थे, तुम्हारे स्पर्श से, उस चेहरे , उन आंखों के लिए, जिन्हें सुकून मिलता है, तुम्हे मुस्कुराते देख... तुम लौटना, तुम लौट आना... ©Ajay Chaurasiya #लौट आना
#लौट आना
read moreseema patidar
White तुम आना ..... जब ऊंची उड़ान से पर थक जाए तुम्हारे तुम तब आना जब जगत की चमक से आंखे भर जाए तुम्हारी तुम तब आना जब भीड़ में तन्हाई महसूस हो तुम्हे तुम तब आना जब शोर में सुकून की चाह हो मन में तुम तब आना पर तुम आना उस वक्त...... जब तुम्हारा साथ पाकर मैं सारे गम भूल जाऊ तुम्हे गले लगाकर मैं झूम उठू तुम आना उस वक्त ...... जब तुम्हारा आना मुझे यथार्थ लगे। ©seema patidar तुम आना .........
तुम आना .........
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