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Shiv Narayan Saxena
White नहीं था मेरे पास और लुटाने के लिए कुछ मैं उस गली से दोबारा गुज़र के क्या करत ©Shiv Narayan Saxena #GoodMorning क्या करता.....
#GoodMorning क्या करता.....
read moreAjay Garg
White अब फिर से किसी से इश्क करूं, उतना साहस मेरे पास नहीं, दिल को फिर से किसी के नाम करूं, उतना वक्त मेरे पास नहीं, गिरकर उठने में लगता है समय, क्योंकि हर कोई उसके जितना खास नहीं। ©Ajay Garg #Sad_Status अब कोई उसके जितना खास नहीं। होना भी नहीं चाहिए। क्योंकि प्यार करने के वक्त शर्त यह नहीं रखी थी कि वे भी मेरे से प्यार करें। मैं
#Sad_Status अब कोई उसके जितना खास नहीं। होना भी नहीं चाहिए। क्योंकि प्यार करने के वक्त शर्त यह नहीं रखी थी कि वे भी मेरे से प्यार करें। मैं
read moreF M POETRY
White तुम पर मैं दिल निसार करता हुँ.. तुम पर ही ऐतिबार करता हुँ.. कोई ऐसे तो न करता होगा.. जैसे मैं तुमसे प्यार करता हुँ.. यूसुफ़ आर खान.... ©F M POETRY #जैसे मैं तुमसे प्यार करता हुँ.....
#जैसे मैं तुमसे प्यार करता हुँ.....
read moreSarkaR
White प्यार का मतलब सिर्फ साथ रहना नहीं है दूर से भी जुड़ाव महसूस करना सच्चा प्यार है ©SarkaR #प्यार
MiMi Flix
"राजा का अद्भुत खजाना – अनमोल धरोहर, गाँव की खुशियाँ, और अद्वितीय संपत्ति" - बहुत समय पहले, एक छोटे से गाँव में एक राजा का शासन था, जो अपनी
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
दोहा :- तीखे-तीखे नैन से , क्यों करती हो वार । हम तो तेरे हो चुके , पहनाओ अब हार ।। इस जीवन में आप पर , बैठा ये दिल हार । लगकर सीने से कहो , हुआ हमें भी प्यार ।। करता हूँ मैं आज कल , छोटा सा व्यापार । लेना देना दिल यही , अपना कारोबार ।। कुछ तो मेरी भी सुनो , अब मेरे दिलदार । भर दो झोली आज यह , पड़ा तुम्हारे द्वार ।। कब तक बैठा मैं रहूँ , बोलो अब सरकार । पहनाओ मुझको गले , इन बाँहों का हार ।। महकी महकी यह फिजा , महकी आज बहार । अब तो तेरे नाम से , यह जीवन उजियार ।। अब तो इतनी हैं सनम , मेरी भी दरकार । तेरी बाहों का प्रखर , पड़े गले में हार ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :- तीखे-तीखे नैन से , क्यों करती हो वार । हम तो तेरे हो चुके , पहनाओ अब हार ।। इस जीवन में आप पर , बैठा ये दिल हार । लगकर सीने से कहो
दोहा :- तीखे-तीखे नैन से , क्यों करती हो वार । हम तो तेरे हो चुके , पहनाओ अब हार ।। इस जीवन में आप पर , बैठा ये दिल हार । लगकर सीने से कहो
read moreHARSHIT369
कभी किसी रोज बात तुमसे हुई थी कभी चुपके से हम मिले,प्यार बड़ गया था कभी दुख सुख के साथी बने थे हम दोनो कभी राते गुजारा करते थे एक दुजे के वियोग मे कभी गम और खुशी के पकोड़े हमने खाये थे कभी अब कहां गये वो दिन वो राते..बिछढ़ गयी मुझसे अब देखते है मिल जाये दुसरा प्यार कभी कही...!! ©HARSHIT369 #पुराना प्यार प्यार पर कविता
#पुराना प्यार प्यार पर कविता
read moreShashi Bhushan Mishra
White बेड़ा स्वयं ग़र्क़ करता है, घण्टा नहीं फ़र्क पड़ता है, बेमतलब की बातों पर भी, मूरख सदा तर्क करता है, अपनी ही करतूतों से वह, जन्नत जहाँ नर्क करता है, सच्चा वैद्य हरे दुःख पीड़ा, जड़ी पीस अर्क करता है, सूरज की गर्मी से मतलब, नाहक मकर कर्क करता है, अंतर्घट की प्यास बुझा लो, गुरुवाणी सतर्क करता है, 'गुंजन' विला जरूरत के भी, बस दिन-रात वर्क करता है, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' समस्तीपुर बिहार ©Shashi Bhushan Mishra #बेड़ा स्वयं ग़र्क़ करता है#
#बेड़ा स्वयं ग़र्क़ करता है#
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