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Sonuzwrites

#WoRaat अकेला हु तनहा हु खुद से हारा हु ऐं मेरे दिल अब तू भी मुझे अकेला छोड़ जा Sethi Ji बाबा ब्राऊनबियर्ड Krisswrites Srk writes Dr.J

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Shishpal Chauhan

#हारा हुआ दिल

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White उम्मीद लगाए खड़े हैं,
इस दुनिया में बेदर्द लोग बड़े हैं।
क्या होगा इस रात के अंधेरे में 
किसी को पता नहीं है,
धक धक हो रही सीने में 
ऐसे लगता है जैसे जान शरीर में नहीं है।
आंखें तक रही है
इक रोशनी के लिए,
जान शरीर से निकली जा रही है 
 दीदार उनका बिना किए।
वो अपनी जिद पर अड़े हैं,
अरमान हजारों दिल में दबे पड़े हैं।
आ जाओ अब और ना सताओ
वरना हम दुनिया छोड़ कर चले हैं,
झलक एक बार दिखाओ
हम दिल तुम पर वार चुके हैं।।

©Shishpal Chauhan #हारा हुआ दिल

Himanshu Prajapati

#Sad_Status मोहब्बत में हारा, ना लड़ाई में हारा, लिया था जिससे उधार उसी ने 4-5 लोगों के साथ मिलकर मारा..! #36gyan #hpstrange लव स्टोरी E

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White ना‌ मोहब्बत में हारा,
ना लड़ाई में हारा,
लिया था जिससे उधार 
उसी ने 4-5 लोगों के साथ 
मिलकर मारा..!

©Himanshu Prajapati #Sad_Status  मोहब्बत में हारा,
ना लड़ाई में हारा,
लिया था जिससे उधार 
उसी ने 4-5 लोगों के साथ 
मिलकर मारा..!
#36gyan #hpstrange  लव स्टोरी E

Praveen Jain "पल्लव"

#Ram_Navmi देखी जग ने इनकी मर्यादा,इसलिये हर युग मे पूजे जाते है #nojotohhindi

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White पल्लव की डायरी
आदर्श व्यकित्व था श्री राम का
कर्तव्य हमेशा निभाते थे
नही चिंता की कभी अधिकारों की
राजपाट तज,वन को जाते है
देखी जग ने इनकी मर्यादा 
इसलिये हर युग मे
  राम ही युगपुरुष कहलाते है
कल्पना राम राज्य की सब करते है
 उनके पदचिन्हों को आदर्श बनाना चाहते है
राम राम का स्वर सबके मुख से उच्चरता
ह्रदय ह्रदय में जाप चलता है
जग की वैतरणी पार करने में
आधार राम का ही लेना पड़ता है
                                              प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #Ram_Navmi देखी जग ने इनकी मर्यादा,इसलिये हर युग मे पूजे जाते है
#nojotohhindi

Ankit Singh

सब रूठा तो जग रूठा 👈👈👈👈🤘🤟🤘🤟❤❤❤

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GoluBabu

जिस-जिस को जग हंसा। उस-उस इतिहास रचा।। #Spreadlove #waiting

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Praveen Jain "पल्लव"

#Sad_Status शाकाहार पनपे जग में, मूक प्राणी भी जीवित रह पाये #nojotohindi

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White पल्लव की डायरी
सब जीवों पर करुणा दया ही
जीवन की सारभौमिक्ता है
शाकाहार पनपे जग में
निरीह और मूक प्राणी को
मांसाहारीयो से बचाना है
नामीबिया के सूखे का संकट
घोषणा पशुओं के कत्ल की सरकारी है
जैन समाज की पहल,मदद वहाँ पहुँचती है
वहाँ की सरकार अपना आदेश वापस करती है
उठ खड़े हो जाये सारे समाज और धर्म
माँसाहार बंद कर,पशुओं पक्षियों के
प्राणों की रक्षा हो सकती है
                                         प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #Sad_Status शाकाहार पनपे जग में, मूक प्राणी भी जीवित रह पाये
#nojotohindi

Mr_Silent_prajapati

अभी हारा नही हूं मैं.... #engineers_day Broken💔Heart #SAD Oneside❤Love❤😢😢😢 #sad_feeling_with_love

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White         अभी हारा नही हूं मैं...

अभी कुछ तो शेष है 
मुझमें अभी हारा नही हूं मैं !

एक दिन चमकना है मुझको भी 
भले ही तारा नहीं हूं मैं !

मेरे भीतर भी प्रवाह रहता है 
पर जल की धारा नहीं हूं मैं !

मैं किस्मत को दोष नही देता 
क्योंकि किस्मत का मारा नही हूं मैं !

मेरे हृदय में भी प्यार पलता है 
भले ही सूरत का प्यारा नहीं हूं मैं !

सबके सामने अक्सर खुश ही नजर आता हूं
 पर खुश भी सारा का सारा नहीं हूं मैं !

©Mr_Silent_prajapati अभी हारा नही हूं मैं....
#engineers_day 
#Broken💔Heart 
#SAD 
#Oneside❤Love❤😢😢😢 
#sad_feeling_with_love

deepmala kumari

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत :- तुम जननी हो इस जग की , रच लो एक नया संसार । क्यों घुट-घुट कर फिर जीती हो , क्यों सब सहती आत्याचार ।। तुम जननी हो इस जग की .... पुरुष

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गीत :-
तुम जननी हो इस जग की , रच लो एक नया संसार ।
क्यों घुट-घुट कर फिर जीती हो , क्यों सब सहती आत्याचार ।।
तुम जननी हो इस जग की ....

पुरुष वर्ग नारी पर भारी , क्यों होता है करो विचार ।
निकल पड़ो हाथो में लेकर , घर से अपने आज कटार ।।
बेटे भाई पति को अपने , दान करो अपने शृंगार ।
तुम जननी हो इस जग की ....

कितनी बहनें कितनी बेटी , होंगी कब तक भला शिकार ।
चुप बैठी है सत्ता सारी , विवश हुआ है पालनहार ।।
मन में अपने दीप जलाओ , नहीं मोम से जग उँजियार ।
तुम जननी हो इस जग की .....

छोड़ों चकला बेलन सारे , बढ़कर इन पर करो प्रहार ।
बहुत खिलाया बना-बना कर , इन्हें पौष्टिक तुम आहार ।।
बन चंडी अब पहन गले में ,  इनको मुंडों का तू हार ।
तुम जननी हो इस जग की ....

बन्द करो सभी भैय्या दूज , बन्द करो राखी त्यौहार ।
ये इसके हकदार नही है , आज त्याग दो इनका प्यार ।।
जहाँ दिखे शैतान तुम्हें ये , वहीं निकालो तुम तलवार ।
तुम जननी हो इस जग की ....

सिर्फ बेटियाँ जन्म लिए अब , सुतों का कर दो बहिष्कार ।
खो बैठें है यह सब सारे , बेटा होने का अधिकार ।।
मिलकर जग से दूर करो यह , फैल रहा जो आज विकार ।
तुम जननी हो इस जग की ....

तुम जननी हो इस जग की , रच लो एक नया संसार ।
क्यों घुट-घुट कर फिर जीती हो , क्यों सब सहती आत्याचार ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत :-
तुम जननी हो इस जग की , रच लो एक नया संसार ।
क्यों घुट-घुट कर फिर जीती हो , क्यों सब सहती आत्याचार ।।
तुम जननी हो इस जग की ....

पुरुष
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