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Richa Dhar
White गाय के खुरों से उड़ती धूल जैसे आसमान घेर लेती हैं गौधुली बेला में तुम्हारी स्मृतियाँ मुझको घेर लेती हैं सूर्यास्त के समय जब हल्का अंधकार होता है तुम्हारी स्मृतियाँ भागती हुई मेरे पास आ जाती हैं न जाने क्यों ये हृदय देह का संचालन नही कर पाता है बुझते हुए लौ की भांति मेरी अवस्था हो जाती है ये मन का कहीं न लग पाना,तुम्हारी स्मृतियों बार बार आ जाना ठहरे हुए सागर में,नदियों सी हलचल मचा जाती है। ©Richa Dhar #GoodMorning स्मृति
#GoodMorning स्मृति
read moreRamkishor Azad
तुम मेरे वो गुलाब हों कि मेरे मदहोश सपनों का एक अनमोल ख्वाब हो तुम, तेरे अंगों की एक-एक पत्ती ऐसे महकती है जो कभी न उतरने वाली शराब हों तुम! डीयर आर एस आज़ाद... ©Ramkishor Azad #गुलाब #मदहोशी_ए_इश्क #शराब #अंग #शायरी #Trending #rsazad #Love #viral #Life लव शायरियां शायरी लव रोमांटिक लव कोट्स priya Krishna G Sethi
Ramkishor Azad
तुम मेरे वो गुलाब हों कि मेरे मदहोश सपनों का एक अनमोल ख्वाब हो तुम, तेरे अंगों की एक-एक पत्ती ऐसे महकती है जो कभी न उतरने वाली शराब हों तुम! डीयर आर एस आज़ाद... ©Ramkishor Azad #गुलाब #मदहोशी_ए_इश्क #शराब #अंग #शायरी #Trending #rsazad #Love #viral #Life लव शायरियां शायरी लव रोमांटिक लव कोट्स priya Krishna G Sethi
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तुम मेरे वो गुलाब हों कि मेरे मदहोश सपनों का एक अनमोल ख्वाब हो तुम, तेरे अंगों की एक-एक पत्ती ऐसे महकती है जो कभी न उतरने वाली शराब हों तुम! डीयर आर एस आज़ाद ©Ramkishor Azad #गुलाब #मदहोशी_ए_इश्क #शराब #अंग #शायरी #Trending #rsazad #Love #viral #Life लव शायरियां शायरी लव रोमांटिक लव कोट्स priya Krishna G Sethi
Prachi Sharma
White संगहीन जीवन के घाव स्वरूप दुर्लभ हो गया है चाव संगति थी क्या विशेष? कुचली इच्छाओं के वेश धरे स्मृति पद अतीत नीर नयन, व्याकुल चित्त ©Prachi Sharma #good_night संगहीन जीवन के घाव स्वरूप दुर्लभ हो गया है चाव संगति थी क्या विशेष? कुचली इच्छाओं के वेश धरे स्मृति पद अतीत नीर नयन, व्याकुल चि
#good_night संगहीन जीवन के घाव स्वरूप दुर्लभ हो गया है चाव संगति थी क्या विशेष? कुचली इच्छाओं के वेश धरे स्मृति पद अतीत नीर नयन, व्याकुल चि
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