Find the Latest Status about पूज्य बापूजी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, पूज्य बापूजी.
Dr. Bhagwan Sahay Meena
White आदरणीय बापू जी अगर याद आएं तो लौट आना... हम वहीं मिलेंगे जहां तुम अकेले छोड़ गए थे... ©Dr. Bhagwan Sahay Meena #gandhi_jayanti बापूजी
#gandhi_jayanti बापूजी #शायरी
read moreSurajsingh
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
White हे गौरा के लाल , पधारो आँगन में । भक्त खडे हैं आज , सब देखो आव्हान में ।। लिए पान ओ फूल , सजाए बैठे थाली । करके हैं जयकार , बजाकर हम सब ताली ।। प्रथम पूज्य हो देव , हमारे तुम ही देवा । करते रहते नित्य , तुम्हारी हम सब सेवा ।। समझ न पाऊँ आज , करूँ मैं कैसे पूजा । राह दिखाओ आप , नही कोई मेरा दूजा ।। मैं बालक नादान , न पूजन अर्चन जानूँ । करो क्षमा सब भूल , आपको भगवन मानूँ ।। करो कष्ट अब दूर, पड़े अब किस अड़चन में । आन पड़े हैं कष्ट , हमारे कुछ जीवन में ।। दर्शन दो गजराज , भक्त के तुम्हीं सहायक । सुना सभी को आप , दियो हो शुभ फल दायक ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR #Ganesh_chaturthi हे गौरा के लाल , पधारो आँगन में । भक्त खडे हैं आज , सब देखो आव्हान में ।। लिए पान ओ फूल , सजाए बैठे थाली । करके हैं जयका
#Ganesh_chaturthi हे गौरा के लाल , पधारो आँगन में । भक्त खडे हैं आज , सब देखो आव्हान में ।। लिए पान ओ फूल , सजाए बैठे थाली । करके हैं जयका #कविता
read moreRimpi chaube
White महाभारत को लिपिबद्ध करने का अवसर आया। तो वेदव्यास के ध्यान में गणपत का स्मरण हो आया।। प्रथम पूज्य से किया निवेदन,लेखन को संपन्न करो प्रभु। गणपत ने भी शर्त बता दी.... अनवरत करूंगा श्रुतलेखन,ना लेना आप भी विराम। जो रुके बीच में ही छोड़ूंगा,अधूरा रह जाएगा काम।। अनवरत चला लेखन का कार्य तो लेखनी बीच में टूट गई। बार–बार गति अवरोधित हुई,लेखन की गति रुक कई बार गई। फिर तोड़ दंत लिया उसको काम,और ग्रंथ पूर्ण कर पाए। इसी प्रसंग के चलते गणपत एकदंत कहलाए।। ©Rimpi chaube #गणेश_प्रसंग❤️🙏 महाभारत को लिपिबद्ध करने का अवसर आया। तो वेदव्यास के ध्यान में गणपत का स्मरण हो आया।। प्रथम पूज्य से किया निवेदन,लेखन को संप
गणेश_प्रसंग❤️🙏 महाभारत को लिपिबद्ध करने का अवसर आया। तो वेदव्यास के ध्यान में गणपत का स्मरण हो आया।। प्रथम पूज्य से किया निवेदन,लेखन को संप #Quotes #GaneshChaturthi #ganesha #Ganesh_chaturthi #गणेशचतुर्थी
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
मनहरण घनाक्षरी :- फेसबुक व्हाट्सएप , छोड़ भी दो अब आप , घर माता-पिता अब , सेवा कर लीजिए । दूर हो न रिश्ते नाते , कर लो उनसे बातें , छोड़ के मोबाइल को , समय उन्हें दीजिए । व्यर्थ गँवाया समय , देख बोलता तनय , सोचिए पुनः फिर से ,शांत मन कीजिए । छोड नही घर द्वार , तेरा अच्छा परिवार, मान मेरी बात कर , नीर अब पीजिए ।। 2**************************** कर गणेश वंदना , पूर्ण हो फिर कामना , भक्त का रखते वही , सदा नित ध्यान हैं । माँ गौरा के लाल वह , भक्त पे निहाल वह , देख भक्त की श्रद्धा को , देते वरदान हैं । दूब ही अति प्यारी है , मूसक की सवारी है , भक्तों के कष्टों का वह , देते समाधान हैं । देवों में पूज्य प्रथम , जानते हैं अब हम, सारे जग में उनकी , करूणा महान है ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मनहरण घनाक्षरी :- फेसबुक व्हाट्सएप , छोड़ भी दो अब आप , घर माता-पिता अब , सेवा कर लीजिए । दूर हो न रिश्ते नाते , कर लो उनसे बातें , छोड़ के मो
मनहरण घनाक्षरी :- फेसबुक व्हाट्सएप , छोड़ भी दो अब आप , घर माता-पिता अब , सेवा कर लीजिए । दूर हो न रिश्ते नाते , कर लो उनसे बातें , छोड़ के मो #कविता
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
दोहा :- रूठ गई हैं राधिका, कृष्ण करें मनुहार । लगा रहे हैं केश में , वो फूलों का हार ।। यमुना तट पर बैठकर , रचा रहे हैं रास । आ बैठी हैं राधिका , देखो उनके पास ।। अब तक जिनके प्रेम का , प्रकृति देखती बाट । वे तो राधेश्याम हैं , उनकी ऊँची ठाट ।। उस ग्वाले की प्रीति को , जान रहा संसार । जिसे पूजता है जगत, कहकर पालन हार ।। ग्वाले जैसा फिर कहाँ, दिया किसी ने ज्ञान । जिसको सुनकर देख लो , हुए धन्य इंसान ।। छोड़ द्वेष की भावना , करे मनुज भी रास । क्यों ऐसा दिखता नही , पूछ रहा यह दास ।। रास रचाकर आप क्यों , करते उनसे आस । यही नेह मानव करे , बन कर तेरा दास ।। नाग पंचमी पर्व का , सुन लो बहुत महत्व । पढ़कर वेद पुराण को , जानो इसका तत्व ।। मानों तो संसार में , पूज्य सभी हैं जीव । तभी सनातन धर्म में , हैं यह बहुत अतीव ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :- रूठ गई हैं राधिका, कृष्ण करें मनुहार । लगा रहे हैं केश में , वो फूलों का हार ।। यमुना तट पर बैठकर , रचा रहे हैं रास । आ बैठी हैं राध
दोहा :- रूठ गई हैं राधिका, कृष्ण करें मनुहार । लगा रहे हैं केश में , वो फूलों का हार ।। यमुना तट पर बैठकर , रचा रहे हैं रास । आ बैठी हैं राध #कविता
read more