Find the Latest Status about लिक्खे जो खत तुझे from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, लिक्खे जो खत तुझे.
Vandana Rana
White हार गया यह दिल तुझे पाने में भी, तुझे भुलाने में भी......! ©Vandana Rana हार गया यह दिल तुझे पाने में भी, तुझे भुलाने में भी......!
हार गया यह दिल तुझे पाने में भी, तुझे भुलाने में भी......!
read more^=MoHiTRocK F44=^
White तुझे और भी है चाहने वाले तुझे मेरा मलाल थोड़ी है मैं मर भी जाऊ तो तुझे क्या परवाह तुझे मेरा ख्याल थोड़ी है ©^=MoHiTRocK F44=^ #Broken💔Heart तुझे और भी है चाहने वाले तुझे मेरा मलाल थोड़ी है मैं मर भी जाऊ तो तुझे क्या परवाह तुझे मेरा ख्याल थोड़ी है
Broken💔Heart तुझे और भी है चाहने वाले तुझे मेरा मलाल थोड़ी है मैं मर भी जाऊ तो तुझे क्या परवाह तुझे मेरा ख्याल थोड़ी है
read moreZajba_at @PrabhaShri
White मेरा मुस्कुराना , सिर्फ तुझे भाता है, उस मुस्कान को कायम रखना, सिर्फ तुझे आता है, एक ही जिंदगी है मेरी, कितनी बार तेरे नाम लिखू, जब भी कलम उठाती हूं, सिर्फ तेरा नाम आता है। ©Zajba_at @PrabhaShri सिर्फ तुझे आता है।।। #love_shayari
सिर्फ तुझे आता है।।। #love_shayari
read moreaditi the writer
White **खत मेरे सपनों को** खत लिखूं मैं अपने सपनों को, जो हर रात मेरे संग चलते हैं। चुपचाप आकर मेरे दिल में, अनकही बातें कहते हैं। कभी वो रंगीन परिंदों से, आकाश में उड़ते जाते हैं। कभी वो चुपचाप किनारे पे, बैठकर लहरों से खेलते हैं। उनमें कभी इक गांव का रस्ता, जहां मिट्टी की खुशबू होती है। कभी शहर की चकाचौंध में, अधूरी कहानी सोती है। सपने हैं ये कुछ अनजाने से, पर अपने से लगते हैं। हर बार मुझे वो दूर कहीं, खुद से मिलने ले चलते हैं। खत लिखूं मैं अपने सपनों को, शायद ये बातें समझाएं। कभी तो वो हकीकत बनें, और मेरी दुनिया में आ जाएं। ©aditi the writer #खत आगाज़ shraddha.meera vineetapanchal Niaz (Harf)
#खत आगाज़ shraddha.meera vineetapanchal Niaz (Harf)
read moreVijay Shankar
दिल की तमन्ना है तुझे पलकों पर बिठाऊँ, 😂🤣 पर तू 72 किलो की है दिल को कैसे समझाऊँ। ©Vijay Shankar दिल की तमन्ना है तुझे पलकों
दिल की तमन्ना है तुझे पलकों
read moreShashi Bhushan Mishra
तू किरदार है तमाशबीन नहीं, बात सच है तुम्हें यकीन नहीं, ढूँढता फिर रहा सदा कमियाँ, यकींनन तुम हुए जहीन नहीं, समझ है अपना पराये का भी, दर्द में हूँ मगर ग़मगीन नहीं, मेरा रखवाला है ऊपरवाला, अकेला हूँ मगर यतीम नहीं, मेरे जज़्बात से नहीं खेलो, आदमी हूँ कोई मशीन नहीं, बनाई ऐसी है कुदरत जिसने, कोई शय ख़ुदा से हसीन नहीं, सुकूँ से ज़िस्म सो रहा 'गुंजन', कब्र जैसी कोई जमीन नहीं, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ॰प्र॰ ©Shashi Bhushan Mishra #बात सच है तुझे यकीन नहीं#
#बात सच है तुझे यकीन नहीं#
read more