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Stories related to टेंस चार्ट

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Ravi aashik

ग्लोबल इंग्लिश के क्या कहते लोड चार्ट #Shayari

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Rupam Rajbhar

नादान बेहपरवाह बेरुखी मोहब्बत 
चांद की दीवानी वो मस्तानी मोहब्बत।
हुए रुखसत दिलवाली मोहब्बत। #विचार 
#कविता 
#कहानी
 #शायरी छै
ला #कॉमेडी
 #संगीत चार्ट
#nojoto
#nojotohindi

Ravendra

मतदान केन्द्रों का भ्रमण आमजन से कर रहीं हैं मतदान की अपील बहराइच । लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2024 के मतदान में शत-प्रतिशत मतदाताओं की सहभ #न्यूज़

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Ravendra

जिला अधिकारी बहराइच ने इंजीनियरों के साथ निर्माण कार्य स्थलों का किया औचक निरीक्षण, बहराइच जिलाधिकारी मोनिका रानी ने बहराइच नगर के मोहल्ल #न्यूज़

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Mlm Rajan

*꧁༒Arising Direct༒꧂* https://youtu.be/Y_HoakiIc3M *ARISING DIRECT MARKETING PVT. LTD.* (Dairect selling Company Govt.in)✅ 🔰 *IN ISO 9001- #nojotophoto

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Genuine Astrologer

Kundli in Hindi: Hindi Kundali by Date of Birth and Time Kundali in Hindi के लिए आप अपने जन्म डेट, स्थान और समय के जानकारी सही तरीके से सबमि

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 Kundli in Hindi: Hindi Kundali by Date of Birth and Time
Kundali in Hindi के लिए आप अपने जन्म डेट, स्थान और समय के जानकारी सही तरीके से सबमि

JALAJ KUMAR RATHOUR

पता नहीं जीवन के किस मोड़ पर हम फिर मिलेंगे। शायद स्कूल के उस नीम के पेड़ के नीचे या उस चौराहे पर जहां तुम्हारा इंतजार करता सोलह साल का मैं, #जलज

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पता नहीं जीवन के किस मोड़ पर हम फिर मिलेंगे।
शायद स्कूल के उस नीम के पेड़ के नीचे या उस चौराहे पर जहां तुम्हारा इंतजार करता सोलह साल का मैं, बैठा रहता था।मेरी हर उदासी को हंसी में बदलने वाली तुम आज कल मेरी आंखों में नमी का कारण बनती हो।जैसे इंद्रधनुष आसमान को खूबसूरत बनाता है वैसे ही मुझे तुम्हारा साथ खूबसूरत नजर आता था।अब जब भी घर आता हूं तो तुमसे मुलाकात की ऐसी तड़प होती है जैसी तड़प  छुट्टियों में नानी के घर से आने के बाद ,स्कूल में जाने के लिए किसी बच्चे को होती है।मुझे आज भी तुम्हारी जरूरत है जैसे आसमानी झूले पर बैठे किसी शक्श को होती है किसी का हाथ थामने की। मैं बचपन में जब भी अंग्रेजी स्कूल के बच्चों को देखता था तो उनकी अंग्रेजी से बहुत प्रभावित होता था और मन में एक प्रकार की घृणा भी होती थी।क्युकी उनकी अंग्रेजी की दो लाइन हमारी हिंदी के याद किए कई श्लोकों से ज्यादा तारीफें बटोर लेती थीं।पर जब तुम्हे पहली बार देखा था तो अंग्रेजी से मुझे पहली बार प्रेम हुआ था और शायद तुमसे भी।फ्यूचर टेंस के सहारे तुम्हारे संग मैं अपना भविष्य देखने लगा था।इन डायरेक्ट  स्पीच के सहारे मैने कई बार बताना चाहा था कि तुम मेरी पोएम रूपी जीवन का सेंट्रल आइडिया थीं।जैसे हर लेखक और कवि का उसके द्वारा कही गई पंक्तियों से एक आशय होता है वैसे मेरी भी हर बात का एक आशय होता था। जिसमें तुम्हारे संग जीवन बिताने का मेरा एक निश्चय रूपी मतलब छिपा था।
...#जलज कुमार

©JALAJ KUMAR RATHOUR पता नहीं जीवन के किस मोड़ पर हम फिर मिलेंगे।
शायद स्कूल के उस नीम के पेड़ के नीचे या उस चौराहे पर जहां तुम्हारा इंतजार करता सोलह साल का मैं,

JALAJ KUMAR RATHOUR

पता नहीं जीवन के किस मोड़ पर हम फिर मिलेंगे। शायद स्कूल के उस नीम के पेड़ के नीचे या उस चौराहे पर जहां तुम्हारा इंतजार करता सोलह साल का मैं, #जलज #AdhureVakya

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उलझन इस बात की है कि पता नहीं जीवन के किस मोड़ पर हम फिर मिलेंगे।
शायद स्कूल के उस नीम के पेड़ के नीचे या उस चौराहे पर जहां तुम्हारा इंतजार करता सोलह साल का मैं, बैठा रहता था।मेरी हर उदासी को हंसी में बदलने वाली तुम आज कल मेरी आंखों में नमी का कारण बनती हो।जैसे इंद्रधनुष आसमान को खूबसूरत बनाता है वैसे ही मुझे तुम्हारा साथ खूबसूरत नजर आता था।अब जब भी घर आता हूं तो तुमसे मुलाकात की ऐसी तड़प होती है जैसी तड़प  छुट्टियों में नानी के घर से आने के बाद ,स्कूल में जाने के लिए किसी बच्चे को होती है।मुझे आज भी तुम्हारी जरूरत है जैसे आसमानी झूले पर बैठे किसी शक्श को होती है किसी का हाथ थामने की। मैं बचपन में जब भी अंग्रेजी स्कूल के बच्चों को देखता था तो उनकी अंग्रेजी से बहुत प्रभावित होता था और मन में एक प्रकार की घृणा भी होती थी।क्युकी उनकी अंग्रेजी की दो लाइन हमारी हिंदी के याद किए कई श्लोकों से ज्यादा तारीफें बटोर लेती थीं।पर जब तुम्हे पहली बार देखा था तो अंग्रेजी से मुझे पहली बार प्रेम हुआ था और शायद तुमसे भी।फ्यूचर टेंस के सहारे तुम्हारे संग मैं अपना भविष्य देखने लगा था।इन डायरेक्ट  स्पीच के सहारे मैने कई बार बताना चाहा था कि तुम मेरी पोएम रूपी जीवन का सेंट्रल आइडिया थीं।जैसे हर लेखक और कवि का उसके द्वारा कही गई पंक्तियों से एक आशय होता है वैसे मेरी भी हर बात का एक आशय होता था। जिसमें तुम्हारे संग जीवन बिताने का मेरा एक निश्चय रूपी मतलब छिपा था।
...#जलज कुमार

©JALAJ KUMAR RATHOUR पता नहीं जीवन के किस मोड़ पर हम फिर मिलेंगे।
शायद स्कूल के उस नीम के पेड़ के नीचे या उस चौराहे पर जहां तुम्हारा इंतजार करता सोलह साल का मैं,

Raman Kashyap

भारत सरकार हमारा अनुसरण करें   #storytelling

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