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Trivedi Abhishek
कबीर दास जी निंदक नियेरे राखिये, आँगन कुटी छावायें । बिन पानी साबुन बिना, निर्मल करे सुहाए । कबीर दास जी कहते हैं कि निंदकहमेशा दूसरों की बुराइयां करने वाले लोगों को हमेशा अपने पास रखना चाहिए, क्यूंकि ऐसे लोग अगर आपके पास रहेंगे तो आपकी बुराइयाँ आपको बताते रहेंगे और आप आसानी से अपनी गलतियां सुधार सकते हैं। इसीलिए कबीर जी ने कहा है कि निंदक लोग इंसान का स्वभाव शीतल बना देते हैं। B positive 🧡🧡🧡👉☕☕ Try to understand the lines. Pic source google Kabir das ji ke dohe Thank you... #love #life #mythought #yourquote #yqba
B positive 🧡🧡🧡👉☕☕ Try to understand the lines. Pic source google Kabir das ji ke dohe Thank you... love life #MyThought #yourquote yqba #yqbaba #yqdidi #KabirDohe
read moreRohit
Kabir das ji ke Dohe भावार्थ – इस संसार में गुरु ही ईश्वर प्राप्ति का एकमात्र सहारा है। इसलिए हमें जब ईश्वर और गुरु दोनों में से किसी एक क
Kabir das ji ke Dohe भावार्थ – इस संसार में गुरु ही ईश्वर प्राप्ति का एकमात्र सहारा है। इसलिए हमें जब ईश्वर और गुरु दोनों में से किसी एक क
read moreSonia Lath
aisi Bani boliye , man ka aapa khoye, auron ko Sheetal kare, aap ko Sheetal hoye. nindak niyare rakhiye , aangan kuti chhawaye, bin Pani sabun Bina, Nirmal kare Subha. ©Sonia Lath #kabir ji ke dohe
#Kabir ji ke dohe
read moreDeepak Kumar
पढ़े गुनै सीखै सुनै मिटी न संसै सूल। कहै कबीर कासों कहूं ये ही दुःख का मूल ॥ अर्थ : बहुत सी पुस्तकों को पढ़ा गुना सुना सीखा पर फिर भी मन में गड़ा संशय का काँटा न निकला कबीर कहते हैं कि किसे समझा कर यह कहूं कि यही तो सब दुखों की जड़ है – ऐसे पठन मनन से क्या लाभ जो मन का संशय न मिटा सके? #kabir ji ke Dohe
Deepak Kumar
अर्थ: रात सो कर बिता दी, दिन खाकर बिता दिया हीरे के समान कीमती जीवन को संसार के निर्मूल्य विषयों की – कामनाओं और वासनाओं की भेंट चढ़ा दिया – इससे दुखद क्या हो सकता है ? #WorldEnvironmentDay Kabir ji ke Dohe
#WorldEnvironmentDay Kabir ji ke Dohe #विचार
read moreDeepak Kumar
अर्थ: प्रेम खेत में नहीं उपजता प्रेम बाज़ार में नहीं बिकता चाहे कोई राजा हो या साधारण प्रजा – यदि प्यार पाना चाहते हैं तो वह आत्म बलिदान से ही मिलेगा. त्याग और बलिदान के बिना प्रेम को नहीं पाया जा सकता. प्रेम गहन- सघन भावना है – खरीदी बेचे जाने वाली वस्तु नहीं ! #WorldEnvironmentDay Kabir ji ke Dohe
#WorldEnvironmentDay Kabir ji ke Dohe #विचार
read moreDeepak Kumar
कबीर सोई पीर है जो जाने पर पीर । जो पर पीर न जानई सो काफिर बेपीर ॥ अर्थ: कबीर कहते हैं कि सच्चा पीर – संत वही है जो दूसरे की पीड़ा को जानता है जो दूसरे के दुःख को नहीं जानते वे बेदर्द हैं – निष्ठुर हैं और काफिर हैं. #WorldEnvironmentDay Kabir ji ke Dohe
#WorldEnvironmentDay Kabir ji ke Dohe #विचार
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