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Santosh Verma
White होली हो दिवाली हो या हो तीज त्योहार तुझे ना मिलता इसके बदले कोई छुट्टी ना उपहार हर वक्त कर्म से रचती तू अपना सुंदर संसार है नारी शक्ति तुझे मेरा बारम बार प्रणाम। प्रणाम 🙏🏻 ✍🏻संतोष ©Santosh Verma नारी
नारी
read moreਸੀਰਿਯਸ jatt
रंडियों को क्यों समझा रहे हो! बाबा जी ये साली कुतिया हराम की बच्ची खुद को पढ़ी लिखी समझती हैं! रण्डी की पैदाइश!
read moreMau Jha
नारी को नारी रहने दो, वह भी एक इंसान है। सुख दुख के भावों से बनता उसका भी संसार है। देवी का प्रतिरूप बनाकर लज्जा का अंबर ना लपेटो पुरुषोत्तम के झूठे दम पर ना उसकी कोई सीमा बनाओ उड़ती है तो पंख ना काटो बस थोड़ा सा अर्श बनाओ कर सकते हो तो इतना कर दो नारी को नारी ही रहने दे दो उसको थोड़ा सा आसमान पंख फैलाए। उड़ने दो तुम लेने दो उसे अपना आसमान🙏 ©Mau Jha नारी को नारी रहने दो🙏🤝
नारी को नारी रहने दो🙏🤝
read morechandeshwar sada
ਸੀਰਿਯਸ jatt
इतने सालो में मुझे एक बात समझ आई हैं के जितनी भी पढ़ी लिखी औरते होती है सब साली हरामजादी दोगली होती है!
read moreJEETENDRA Sharma
White मेरी हर सांस पर तेरा नाम रहेगा ,बस मेरी आखरी सांस तक तुम्हारा साथ रहना चाहिए। चाहे खुदा का हाथ रहे या ना रहे मेरे सर पर बस ज़िन्दगी भर तेरा साथ रहना चाहिए।🙌 ©JEETENDRA Sharma आखिर सांस तक
आखिर सांस तक
read moreSatish Kumar Meena
नारी की शक्ति जब रौद्र रूप लेती हैं तो किसी की हिम्मत नहीं जो उस पर कटाक्ष कर सकें क्योंकि इस आदि रूप के समक्ष स्वयं महादेव भी सम्मान से झुक गए। ©Satish Kumar Meena नारी शक्ति
नारी शक्ति
read moreKiran Ahir
काश ये युग भी सतयुग होता.. ना घुंघट की आढ होती , ना स्त्री कोई अभिशाप होती... ना बेटी-बेटे में अंतर होता, ना शिक्षा से कोई वंचित होता... ना पुरुषो का वर्चस्व होता ना नारी का अपकर्ष होता समाज में दोनो का पद दूसरे के समकक्ष होता... ना दहेज प्रथा ना सती प्रथा ना डाकन प्रथा का आरंभ होता और इन प्रथाओं के नाम पर ना स्त्री शोषण प्रारंभ होता... उसके जन्म पर ही लोग क्यों हर बार यू घबराते है गलती चाहे किसी की हो पर उस पर ही उंगली उठाते है... मां, बहन, बेटी और ना जाने कितने रिश्ते निभाती है फिर भी क्यों हर बार वो बुरी नजरों से देखी जाती है... हर सपने पर उसके क्यों रोक लगाई जाती है क्यों जीवन भर बस वो पिंजरे में बंद रह जाती हैं... क्यों सतयुग की नारी सी अब उसकी पहचान नहीं क्यों पुरुषो और नारी में पहले जैसा समभाव नहीं... क्या उसको जीने का अधिकार नहीं क्यों पहले जैसा अब व्यवहार नहीं... क्या सतयुग सा सम्मान वो हर युग में पाने की हकदार नही, है वो संसार की जननी तो क्या देवी का वो अवतार नही... ©Kiran Ahir नारी
नारी
read moreJEETENDRA Sharma
White मेरी हर सांस पर तेरा नाम रहेगा,बस मेरी आखरी सांस तक तुम्हारा साथ रहना चाहिए। ©JEETENDRA Sharma आखिर सांस
आखिर सांस
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