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loyal_lyrics
गैरों से मिल के तुम,मुझको जला रहे हो धीरे-धीरे दिल से,मुझको भुला रहे हो उनसे बात करके,मन भर गया तुम्हारा शायद वजह यही हैं, अब मुझको बुला
read moreVandana Rana
White गर चाहो तो किसी को ऐसा चाहो कि चाहने के बाद किसी की कसक न रहे। ©Vandana Rana गर चाहो तो किसी को ऐसा चाहो कि चाहने के बाद किसी की कसक न रहे।
गर चाहो तो किसी को ऐसा चाहो कि चाहने के बाद किसी की कसक न रहे।
read morekuldeepbabra
wvideoshow" class="text-blue-400" target="_blank">wvideoshow# whindi video songगेहूं की फसल लगाने के लिए खेत को कर रहे हैं उपजाऊ
read moreneelu
White हम क्यों भुलाना चाहते हैं कि हम क्यों चल रहे हैं हम क्या क्या कह रहे हैं क्यों रावण जला रहे हैं हम क्यों अंधेरे के लिए जला रहे हैं ©neelu #diwali_wishes हम #क्यों #भुलाना चाहते हैं कि हम #क्यों चल रहे हैं हम क्या #क्या कह रहे हैं क्यों #रावण #जला रहे हैं हम क्यों #अंधेरे के
Praveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी मिथक टूट रहे है सियासतों के लोकतंत्र खतरे में है मूल्यांकन कैसे हो सरकारों का जब सब संस्थाये दहशत में है घण्टी कौन बाँधे नेताओ के कार्यप्रणाली इनकी डकैतों और गुंडों जैसी है आंदोलनों से कोई सत्ता नही हिलती मीडिया और पत्रकार उसके चरनबन्दन में है न्यायालय को भी सुध नही है अब बुलडोजरों की दहशत है विपक्ष की कमर तोड़ दी, संवाद और आवाज उठा नही पाता है समस्याओं से जनता घिरी है पतन की ओर देश जाता है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #GoodMorning मिथक टूट रहे सियासतों के #nojotohindi
#GoodMorning मिथक टूट रहे सियासतों के #nojotohindi
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी हदे सब पार कर अंधाधुंध जहर बाँट रहे है विकासवाद का ढोल पीटकर दिन जीवन के घटा रहे है बदल रहे है मौसम के तेवर प्रदूषण से अंग अंग गले जा रहे है छटपटाते अब दिन गुजर रहे है रोगो के कितने वेरेंटियर रोज आ रहे है सरकारों ने हाथ खड़े कर दिये बस जुर्माने और चालान काटकर वाह वाही विज्ञापनों से लूटे जा रहे है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #sunset_time रोगो के कितने वेरेंटियर आ रहे है #nojotohindi
#sunset_time रोगो के कितने वेरेंटियर आ रहे है #nojotohindi
read moreAzaad Pooran Singh Rajawat
White "एक है ज़मीं दो है मूल कहीं मिलते हैं शूल कहीं खिलते हैं फूल एक है ज़मीं दो है मूल।" "खुशी मिले या गम सदैव मुस्कुराते रहे हम।" ©Azaad Pooran Singh Rajawat #sad_dp #सदैव मुस्कुराते रहे#
Praveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी दीवारों की छतों में छटपटाने लगे थे कर्तव्यों के बोध तले दबकर अहसास अपने मिटाने लगे थे सुध बुध कहाँ थी हमको अपनी जिम्मेदारी निभाना मुश्किल ही नही बोझ सबका लिये घबराने लगे थे हर पल बेहतर हो जाये बर्षो बर्षो हम गवाने लगे थे सैर सपाटा कर मन मस्ती से झूमे चाहकर भी हम कुछ कर नही पा रहे थे शिकायते करना हमारे जहन में ना था भविष्य सबका सँवारते सँवारते हम तुम दिन जीवन के घटा रहे थे खुशी सबको देते देते अपनी उम्रो पर दाँव लगा रहे थे प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #love_shayari खुशी सबको देते,अपने उम्रो के पड़ाव गवा रहे थे #nojotohindi
#love_shayari खुशी सबको देते,अपने उम्रो के पड़ाव गवा रहे थे #nojotohindi
read morePankaj Pahwa
White याद कर कर के मेरी हर एक बात वो भुला रहे थे, जाने वो कैसे मुझे यूं मिटा रहे थे, जलाने से पहले मेरा हर खत वो पढ़े जा रहे थे, जाने वो कैसे मुझे यूं मिटा रहे थे, तोड़ने से पहले मेरे तोहफों को वो सजा रहे थे, जाने वो कैसे मुझे यूं मिटा रहे थे, भूलने से पहले मेरा नाम वो रटे जा रहे थे, जाने वो कैसे मुझे यूं भुला रहे थे, मेरी हर चीज में तो वो अपनापन जता रहे थे, जाने वो कैसे मुझे यूं भुला रहे थे, ©Pankaj Pahwa #भुला रहे थे
#भुला रहे थे
read moreRimpi chaube
krishna vani लोक कल्याण के लिए धर्मरत रहे। धर्म संस्थापना के लिए कर्मरत रहे। नवीनता ही सृजनता की द्योतक है... इसलिए नवीनता के लिए प्रयासरत रहे।। ©Rimpi chaube #नवीनता ✍️ लोक कल्याण के लिए धर्मरत रहे। धर्म संस्थापना के लिए कर्मरत रहे। नवीनता ही सृजनता की द्योतक है... इसलिए नवीनता के लिए प्रयासरत रहे
#नवीनता ✍️ लोक कल्याण के लिए धर्मरत रहे। धर्म संस्थापना के लिए कर्मरत रहे। नवीनता ही सृजनता की द्योतक है... इसलिए नवीनता के लिए प्रयासरत रहे
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