Find the Latest Status about संवेग संरक्षण का सिद्धांत from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, संवेग संरक्षण का सिद्धांत.
Ek villain
जब मैदान रखते हैं तो लोग हिमाचल प्रदेश के पहाड़ों की ओर रुख करते हैं लेकिन इस बार स्थिति भिन्न है अभी तक पर्यटक की आम आदमी उत्साहवर्धक नहीं मार्च में ही तापमान में बढ़ोतरी हो गई मौसम विभाग का तो कई जिलों में गर्म हवा चलने का पूर्व अनुमान है जिससे वैश्विक तापन बढ़ने के कारण ही उत्पन्न हो रही है यह लोग के भविष्य के प्रति भी सचेत करता है विकास के नाम पर प्राकृतिक से खूब चर्चा हुई है इस पहाड़ भी अछूत नहीं रहे हरियाली होती थी अब वहां बड़े-बड़े वन खड़े हो गए हैं मौसम चक्र भी पूरी तरह बदल गया सर्दियों में बर्फ गिर रही है और बरसात में बारिश कम हो रही है गर्मी बढ़ने से गले सर भी तेजी से पिघल रहे हैं नदियों में पानी की आवक अधिक हो गई है यह अलग बात है कि नदी में पानी की अधिक से बिजली उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है इससे आगामी दिनों में बिजली की कमी से नहीं जुड़ना पड़ेगा लेकिन इसे पढ़ सकते हैं गर्मी बढ़ने के साथ ही कई क्षेत्रों में पेयजल की कमी हो गई है लेकिन कुछ दिन बाद नहीं किया जा सकता गर्मी बढ़ने से भोजन का अधिक उपयोग होने लगेगा जिन स्थानों पर सिंचाई की सुविधा नहीं है वहां फसलें सूखने की स्थिति उत्पन्न हो सकती है सहित कई फलदार पौधे फूल लगाने आदि होने होंगे ©Ek villain #प्रकृति का संरक्षण #selfhate
manoj kumar jha"Manu"
परोऽपि हितवान् बन्धु: बन्धुरप्यहित: पर:। अहितः देहजो व्याधि: हितमारण्यमौषधम् ॥ (हितोपदेश) बीमारियाँ हमारे शरीर के भीतर रहते हुए भी हमारा बुरा करती हैं और औषधियाँ (जड़ी-बूटियाँ) हमसे दूर पेड़-पौधों में रहकर भी हमारा भला करती हैं (अर्थात् व्याधियाँ हमारे दुश्मन हैं और औषधियाँ मित्र)। इसी प्रकार से जिनसे हमारा रक्त का सम्बन्ध अर्थात् किसी प्रकार की रिश्तेदार न हो किन्तु वह हमारा हित करे तो वे अपने होते हैं और यदि रिश्तेदार होकर भी कोई हमारा अहित करे तो वह पराया होता है। वनस्पतियों का संरक्षण करें।
वनस्पतियों का संरक्षण करें।
read moremanoj kumar jha"Manu"
पौधों और वृक्षों को तोड़ना कदापि उचित नहीं, चाहे वे अपवित्र स्थान पर क्यों न उगते हों, क्योंकि जो वृक्ष फल देते हैं और जो पौधे फूलों को उत्पन्न करते हों, वे कभी दूषित नहीं होते। बौधायन स्मृति (१/५/४) प्रकृति का संरक्षण करें।
प्रकृति का संरक्षण करें।
read moreAmit Sir KUMAR
Environment पर्यावरण को बचाने के लिए पुरी मनुष्यता के पास अब केवल एक ही मंत्र है,"मुड़ो प्रकृति की ओर "। जिस प्रकार से मनुष्य जाति ने, प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन किया है, उसी के परिणाम स्वरूप आज पुरी प्रकृति का संतुलन बिगड़ चुका है, और मनुष्य के साथ-साथ, पृथ्वी के संपूर्ण प्राणियों का जीवन, संकट में है । अब पुरी मनुष्य जाति का यह उत्तरदायित्व है,कि प्रकृति के साथ संतुलन को फिर से स्थापित करे,टेक्नोलॉजी को इस तरह बनाया जाए कि वह पर्यावरण को संरक्षित और बेहतर कर सके।एक काम जो हम सभी कर सकते हैं, अधिक से अधिक वृक्ष लगाए,हर महत्वपूर्ण अवसर पर, चाहे वह किसी कि शादी हो, किसी का जन्मदिन या फिर बच्चे का जन्म, हर महत्वपूर्ण अवसर पर, एक वृक्ष अवश्य लगाए । "धन्यवाद " ©Amit Sir KUMAR प्रकृति का संरक्षण ... #EnvironmentDay2021
प्रकृति का संरक्षण ... #EnvironmentDay2021 #विचार
read moreSantosh Verma
पावलाव ई कुत्ता तोहार, ले लियो नोबेल पुरस्कार। एक रशियन ने....एक रशियन ने, दिया एस अनुबंधन का सार , ले लियो नोबेल पुरस्कार।। अनुबंधन क्लासिकल में आया, अनुक्रिया अनुकूलित में आया,, संबद्ध प्रतिवर्त में आया, सम्बन्ध प्रत्यावर्तन में आया,, शास्त्रीय अनुबंधन में...शास्त्रीय अनुबंधन में, नाचे डमरू पे बंदर हमार, ले लियो नोबेल पुरस्कार।। अनुकूलन चिरसम्मत को देखा, अनुबंधन प्रतिवादी देखा,, सीखते मंद बालकों को देखा, देख बिजूका...देख बिजूका , पक्षी गयो भाग पार, ले लियो नोबेल पुरस्कार।। जोड़, घटाना, गुणा भाग सिखाए, स्वच्छता, सफाई आदत अच्छी सिखाए, ज्ञान समय पाबंदी का कराए, बढ़ गयो बड़ों का सम्मान हजार, ले लियो नोबेल पुरस्कार।। पावलाव ई कुत्ता तोहार, ले लियो नोबेल पुरस्कार।। writer(संतोष वर्मा) आजमगढ़ वाले खुद की ज़ुबानी ©Santosh Verma पावलाव का सिद्धांत(मनोविज्ञान) #hills
पावलाव का सिद्धांत(मनोविज्ञान) #hills
read moreWriter Chatra Ram
Environment जल जीवन की धार हैं इसे न तोड़ ये धरा जीवन की आस हैं इसे न उजाड़ है मानव तेरा इनके बिना कैसा होगा संसार अब कर तू भी मंथन अपने आप ©Writer Chatra Ram प्रकृति का कारो संरक्षण #EnvironmentDay2021 #WorldEnvironmentDay
प्रकृति का कारो संरक्षण #EnvironmentDay2021 #WorldEnvironmentDay #कोट्स
read moreEk villain
2 फरवरी को दुनिया विश्व वेटलैंड दिवस मनाती है इस बार संयुक्त राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जा रहा है इसके लिए बीते साल अगस्त में संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक प्रस्ताव पारित हुआ विश्व आंध्रभूमि दिवस की शुरुआत कैंपेनिया सागर के तट पर बसे ईरान के छोटे पर्यटन प्रदान शहर राम रस से हुई थी 2 फरवरी 1971 को ईरान के राम सागर में आंध्र भूमि संधि पर हस्ताक्षर किया गया 1977 में 2 फरवरी को आंध्र भूमि के महत्वपूर्ण के बारे में जन जागरूकता और संरक्षण के प्रयासों को बढ़ाने की दृष्टि से इस दिवस की शुरुआत हुई थी दुनिया में आंध्र भूमि का कुल क्षेत्रफल ढाई करोड़ वर्ग किलोमीटर है जो भारत के भू भाग को ही कम करता है यह एड्रेस क्या है जिसे के नाम से यह स्पष्ट है कि इन क्षेत्रों में मौसम में या फिर नियंत्रण वर्षा होती है भूजल पूरे वर्ष लगभग स्थल पर ही होता है यही प्रकार नामी या दलाली भूमि क्षेत्र आंध्र कहते हैं इसलिए क्षेत्रों में जलीय पौधों का अधिक विकास होता है पौधों और पशुओं की एक समृद्धि से भरी आंध्र भूखंडों की अन्य सभी तंत्रों की जय विविधता से अधिक समृद्ध होती है यही विशेषता इन अनमोल बनाती है हालांकि मन में एक लालच का अपना स्वाभाविक है कि हम ना कि वैलेंटाइन डे क्यों स्वीकार अधिक ठोस बनाएं खासकर उन शहरी परिवेश में जहां संपदा कम होती जा रही है ©Ek villain #आंध्र भूमि का संरक्षण जरूरी #friends
Vishw Shanti Sanatan Seva Trust
psychology cal ©Vishw Shanti Sanatan Seva Trust शिक्षा मनोविज्ञान VEDANT GURUKULAM EDUCATIONAL PSYCHOLOGICAL WORLD 1. मनोविज्ञान के जनक. = अरस्तू 2. मनोविज्ञान के जनक= विलियम जेम्स 3. प्रय
शिक्षा मनोविज्ञान VEDANT GURUKULAM EDUCATIONAL PSYCHOLOGICAL WORLD 1. मनोविज्ञान के जनक. = अरस्तू 2. मनोविज्ञान के जनक= विलियम जेम्स 3. प्रय #जानकारी
read more