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Rajan Chawla
किसका ख़ून गिरा मिट्टी में, हमें क्या! पालघर के साधु थें, नोएडा का अखलाक़ थोड़ी है' ~ सेक्युलर मीडिया (राजन) #पालघर ; #Palghar , #PalgharMobLynching
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read moreRajan Chawla
संत सताए तीन मिटे धन, गौरव और वंश ना मानो तो देख लो रावण, कौरव, कंस..! #palghar #palgharlynching #hindussofttarget 🚩🚩
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read moreMukesh Bisht
एक धड़कता दिल उस सीने में था जिसके हाथ में लाठी थी एक धड़कता दिल उस सीने में भी था जिसके सिर पर लाठी थी इंसानियत का खून होते देखा जिसने वो वीर शिवा की माटी थी.. #पालघर #palgharcase #mob #palghar #lockdownstory #india #mumbai #lockdowne
anpoetryclub
तुम सनातन पे करो वार ।। अब हम नरसंहार करेगें ।। @anupadhyay अभी तक थे संत शांत ।। अब परशुराम बनेगें ।। #palghar #attack #sant #prist #hindu #sanatan #dharma #trending #palgharattack Amal_TIwARi Sneha Singh Saket Dalbir Singh SANDEEP RAJPOOT
sk
मालूम नहीं ये अफ़वाह फैली या था कोई षड्यंत्र... मालूम नहीं ये भूल थी या किया जान बूझकर अपराध, पर इतना मालूम है ये एक अकेले ने नहीं अपितु पूरी भीड़ ने किया अन्याय है। जिसने लगा दिया भारत पर साधुओं की हत्या का कलंक है। #पालघर_के_गुनहगार #palghar_moblynching #yqdidi
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read moreप्रमथ
रोती,कपकंपाती आवाजों से बस तुमसे मैने प्राण ही तो मांगा था हाथ जोड़कर,विनती करके क्या कोई मर्यादा लांघा था ? जो हैं आदर्श रक्षा के,जो हैं न्याय के रखवाले उसी ने किया था शायद,मुझे भीड़ के हवाले पल भर के अंदर मैं सैकड़ों की भीड़ से घिरा था क्या वहां सभी भटके नौजवान थे उनमें से *सब का सब* सिरफिरा था ? फिर भटके नौजवानों ने मुझ पर पैरों से प्रहार शुरु किया शेष खड़े अबोधों ने लाठियों से मुझ पर वार किया दौड़ रहा था खून से लथपथ शरीर लिए बाकी दो साथियों की चिंता भी थी मुझे अधीर किये बेबस होकर फिर से मैंने खाकी पर विश्वास जताया गुस्से में आकर फिर से उसने,मुझसे अपना हाथ छुड़ाया अन्याय होता देखकर भी ,ना जाने उनका क्यों आंख बंद था शायद कारण इसके पीछे का,मेरे वस्त्रों का रंग था मुझे असहाय देख उनकी लाठियां और तेज चलने लगी जिस्म से प्राण निकालने की उन्हे जल्दी होने लगी मेरे प्राण को व्याकुल देख उन्हें,मुझसे सहा नहीं गया त्याग दिया प्राण मैंने फिर भी उनसे रहा नहीं गया शव से उन्होंने मेरी दोनों आंखें निकाल ली नफ़रत की ज्वाला भरी थी जितनी शायद सब निकाल ली नफरतों से घिरे,यह कैसे भटके नौजवान हैं अगर सिरफिरे हैं तो,फिर नफरतों से क्यों नहीं अज्ञान हैं जहरीले घासों को तो पशु भी सूंघकर छोड़ देता है इन जहरीले नवयुवकों को फिर क्यों कहते इंसान हैं !! अगर मेरी मृत्यु से इनके जहर खत्म हो जाएगें तो ऐसे हजारों संत इनके जहर खत्म करने को आगे आएंगे धर्म,राष्ट्र की एकता को हर जन्म हमारा कुर्बान है आज भी दधीची का, बसता हममें प्राण है क्या इतने कुर्बानियों से इनका जहर खत्म हो पाएगा जहर के कारोबारियों का सूरज क्या सदा को अस्त हो जाएगा - प्रमथ #PALGHAR