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New दीपक ढिल्लों नई सांग Quotes, Status, Photo, Video

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Ajita Bansal

#good_night नया दिन है एक नई सौगात,

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White नया दिन है एक नई सौगात,
सपनों की राह में हो हर बात।
सूरज की किरण से हो रोशनी,
हर दिल में बस जाए उम्मीदों की सही।

जीवन की राह पर कदम बढ़ाओ,
हार से डरकर कभी ना रुक जाओ।
जो भी है कठिन, वो भी आसान होगा,
हर दिन में नया उजाला होगा।

सपने तुम अब सच करोगे,
धैर्य से आगे बढ़ते जाओगे।
हर सुबह को गले लगाओ,
नए जोश के साथ जिंदगी को सजाओ।

©Ajita Bansal #good_night नया दिन है एक नई सौगात,

Parasram Arora

जीने की नई वजह

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White शबनमी ताज़ी 
सुबह उसे आज 
फिर से  अच्छी
 लगने लगी हैँ 
लगता हैँ 
 आज उसे  शायद 
जीने की 
कोई नई वजह  मिल गई हो

©Parasram Arora जीने की नई वजह

Amit Seth

न्याय की नई मूर्ति nojoto #viral #Trending

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Parasram Arora

नई चाल

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White तुमने अपनी हर नई 
चाल मुझे बर्बाद 
करने के लिए  चली है 


जो दोस्त बचपन से मेरे साथ थे.
आज भी मेरे साथ है 
उन्हें मेरा दुश्मन  बनाने की 
कोशिश  तुम्हारी  कभी 
कामयाब नही होंगी

©Parasram Arora नई चाल

Shishpal Chauhan

#नई सुबह

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White रात का अंधेरा कभी तो छंटेगा,
एक नई सुबह नया सूरज उगेगा।
दुखों का बादल जरूर हटेगा,
एक दिन खुशियों के पंख लगेगा।
खुशहाल जीवन आगे बढ़ेगा,
सोया मानव जरूर जागेगा।
देख प्रकृति को सब हर्षाएँगे,
हर किसी के चेहरे  पर मुस्कान देख पाएंगे।

©Shishpal Chauhan #नई सुबह

Neeti

#RadheGovinda Sethi Ji Anil Ray Anudeep कवि आलोक मिश्र "दीपक" Satyajeet Roy

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Parasram Arora

दर्द की नई किस्म

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White इस दुनिया मे कुछ दर्द ऐसे भी है. जिनकी पीड़ा आदमी को ख़ुशी भी दे सकती  है 

क्योकि हर  नया दर्द  आकर पुराने दर्द को भीतर से बाहर कर देता है 


इसीलिए हर आदमी कोई न कोई दर्द  अपनी जेब मे 
जरूर रखता है  ताकि वो वक्त जरूरत काम आये

©Parasram Arora  दर्द की नई किस्म

Anita Mohan

Shashi Bhushan Mishra

#दीपक जलाने का#

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अमावस हो रात फिर दीपक जलाने का,
समय हो प्रतिकूल कान्हा को बुलाने का, 

मन लगा गोपाल में तन हो गया गोकुल, 
बस यही तरक़ीब है  दुनिया  भुलाने का,

मिला खेवनहार  दरिया पार  कर  लूँगा, 
ज़िस्म में ताकत नहीं  गोता  लगाने का,

पुराने ज़ख़्मों को बे-मतलब कुरेदो मत, 
जो नहीं अपना उसे फ़िर भूल जाने का,

जन्म से आखिर तक संघर्ष का आलम, 
बांसुरी की  तान पर  झूला  झुलाने का,

ज्ञान के पानी से बुझती प्यास जन्मों की, 
हृदय  है  प्यासा  उसे  पानी  पिलाने  का,

बात जिसकी समझ में है आ गई 'गुंजन',
मिल गया अवसर उसे भवपार जाने का,
    ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
             प्रयागराज उ॰प्र॰

©Shashi Bhushan Mishra #दीपक जलाने का#

shaanvi

# नई दिशाएं ✍️👍

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