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अज्ञात

#रचना

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उत्कृष्ट हो कालजयी प्रमाण बनना होगा 
ए मेरी रचनाओं तुम्हें..!
कलम की प्रतिष्ठा व सम्मान बनना होगा
ए मेरी संवेदनाओं तुम्हें..!

मेरे अंतर्मन का सर्व श्रृंगार हो तुम 
दीपक में ज्योति सा आधार हो तुम 
जीवनदर्शन का उपमान बनना होगा 
 ए मेरी सामर्थ्यताओं ओं तुम्हें..!

बड़ी सिद्द्त से गढ़ा है हर्फ़ हर्फ़ तराश कर
कैसे जी पाउँगा तुमसे ही हारकर 
निराभिमान स्वाभिमान बनना होगा
ए मेरी कल्पनाओं तुम्हें..!

तुम्हारा अस्तित्व यूँ निरर्थक न हो पाये 
हमारा अथक परिश्रम ही व्यर्थ न जाये 
सत्यं शिवम सुंदरम की पहचान बनना होगा
ए मेरी प्रेरणाओं तुम्हें..!

प्रेम से पल्ल्वित हो पवित्रता का परिचय बनो
तुम अमिट हो अजेय हो तो अक्षय बनो 
काव्य धरोहर में मनोरम स्थान बनना होगा
ए मेरी भावनाओं तुम्हें..!

©अज्ञात #रचना

Bachan Manikpuri

शरीर का दिया आँख है

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Anuradha T Gautam 6280

#शरीर दिल के जख्म को मुस्कुरा कर छुपाई और शरीर के जख्म पर मरहम लगाई..🖊️ अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻‍♀️

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Prakash Vidyarthi

White :"भारत की नदियां":


आओ बच्चों रचना में पहचान करते हैं।
सीखने सिखाने का नया काम करते हैं।।
भारत के कुछ पावन नदियों को याद ।
कविता के माध्यम से अब नाम करते हैं।।

चमोली उतराखंड से गंगोत्री निकली
आगे बढ़ बन चली भागीरथी नद आनंदा।
मानसरोवर झील से ब्रह्मपुत्र निकसै 
उत्तराखंड अलकापुरी से नदी अलकनंदा।।

गोमुख गंगोत्री गलेशियर से उदित भागीरथी
किरात नदी के नाम से भीं ये जानी जाती।
गढ़वाल क्षेत्र जल धारा में कोलाहल के कारण
ये निर्झरणी भागीरथी सास भीं कभी कहीं जाती ।।

सतोपंथ भागीरथ हिमनद से उत्पन अलकनंदा 
लगभग 195 km बहकर आगे बढ़ती जाती ।
सरस्वती धौलीगंगा नंदकिनि पिंडर सहायिका 
पहाड़ों कंदराओं को तोड़ती बहू बन इठलाती।।

विष्णुप्रयाग धौलीगंगा से मिलती हैं मना गांव सरस्वती से ।
क्रनप्रयाग पिंडर सहायिका से  रुद्रप्रयाग मंदाकिनी नदी से ।।

देवप्रयाग उत्तरकाशी में आकर ये सरिताये 
भागीरथी और अलकनंदा बड़ी मन भाए।
मिलकर दोनो की कल कल पानी संगम पर 
मां पावन पवित्र गंगा नदी कहलाए।।

उत्तर प्रदेश बिहार से गुजरती बहती गंगा 
पश्चिम बंगाल में हुगली तटीनी बन इतराए।
पबनद्वीप बांग्लादेश में ब्रह्मपुत्र से मिलंनकर 
ये मईया गंगा पदमा नाम से जाना जाए।।

हिमालय पहाड़ी से कंदरा जंगल में होकर 
मैदानी इलाकों को तारती कभी बाढ़ भीं लेआती।
मेघना नाम से गंगा ब्रह्मपुत्र के संयुक्त नीरधारा 
बंगाल की खाड़ी में हौले हौले अब गिरती जाती।।

स्वरचित:- प्रकाश विद्यार्थी

©Prakash Vidyarthi #sad_quotes #रचना #कविताएं

Priyawant Markamji

यह शरीर मिट्टी का है इसमें घमंड किस बात का। shayeri✍️M #KabirSaheb #santrampaljimaharaj

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AK Srivastava

मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर ये है आप के शरीर का डाक्टर 🙏🙏👍👍☕

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गैनोडर्मा औसधि गुणों से युक्त

©AK Srivastava  मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर ये है आप के शरीर का डाक्टर 🙏🙏👍👍☕

Prakash Vidyarthi

White " विचारो में भिन्नता "

हम उस बंजर भूमि के प्राणि हैं जहां के 
लोगों को दूर के ढोल सुहांवन लगते हैं।

मेहफिले तो यहां भी सजी हैं और वहां भी सजी हैं 
पर किसी को नदी नही नाली ही मनभावन लगते हैं।।

बस  नज़र और नजरिए का अन्तर हैं हुजुर देखो तो 
किसी को सौ हंड्रेड तो किसीको फिफ्टी टू बावन लगते हैं

यहीं नहीं, सोचे तो ये उच्च नीच का भेद बड़ा अजीब है
 जो बुद्धि और विचारो से सब दुष्ट बामन लगते हैं।।

पॉलिटिक्स ताकत के पीछे ये दुम हिलाते करते हैं चापलूसी।
दूसरो को नीचा दिखाने में मिलती हैं इनको बहुत खुशी।।

नफरत की निगाह से यहां सब एक दूसरे को देखते हैं।
नियत की नियती कौन जानें फिर भी जालिम हाथ सेकते हैं।।

काश उनमें स्नेह होता भाईचारा होता 
तो विकाश की बहती पावन धारा होता।

प्रफूलित हों उठता सबका तन मन संघ
दरिया में डूबे तिनके का सहारा होता।।

पर गिरे हुए हैं कुछ असमाजिक तत्व लोग 
जो अक्सर गिराने में लगे हैं ख़ुद को भी

 औरों को भी करते हैं बेवजह अपमान ये
अपनो को छोड़ते नहीं कभी गैरों को भी ।।

कोई इन्हे लेवरचटवा धूर्त या चमचा भीं कहते हैं।
ये पढ़े लिखे भ्रष्ट कभी  किसी को भी मात दे देते हैं।

अगर समझो तो ये मिट्टी सोना है और सोना मिट्टी हैं 
ऐसे लोगों को चुंगुला अशिष्ठ व्यभाचारी बेलचा कहते हैं।।

बिगड़ा कुछ नहीं है यहां आपस की बस ताल मेल बिगड़ी हैं।
बड़े मियां छोटे मियां के चक्कर में पक रही जली भूनी खीचड़ी हैं।।

तू तू मैं मैं की होड़ लगी है अपना बनता जाए बस काम।
 ईमानदार सज्जन जाए भाड़ में बगल में छूरी मूख में राम।।

स्वरचित:- प्रकाश विद्यार्थी
               भोजपुर बिहार

©Prakash Vidyarthi #love_shayari #कविता #poetry #रचना

person

body ugly शरीर की कुरूपता और बदसूरती इंसान का मजाक का पात्र बना देता हैं

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शरीर की कुरूपता 
और बदसूरती 
इंसान का मजाक का पात्र बना देता हैं 
और व्यक्ति उसका मजाक उड़ाने लगता हैं 
आत्मा की खूबसूरती को कोई नहीं देखता 
शरीर की खूबसूरती को सब देखते हैं 
जवानी के बाद बुढ़ापा आता हैं 
और सारी खूबसूरती ढल जाती हैं

©person body ugly 
शरीर की कुरूपता 
और बदसूरती 
इंसान का मजाक का पात्र बना देता हैं

person

body ugly शरीर की कुरूपता पर ही लोगों की ध्यान होती हैं शरीर और आत्मा श्री कृष्ण का ज्ञान 🙏

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Kesh Karan nishad

## प्रभु की रचना##

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White संपूर्ण अवतार वाणी 
एक ज्योति है सबके अंदर नर है चाहे नारी है
शूद्र, वैश्य और ब्राह्मण क्षत्रिय एक की रचना सारी है

©Kesh Karan nishad ## प्रभु की रचना##
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