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cute minu
White एक अरसे से मुझको कहीं नजर नहीं आये, बच्चे जबसे कमाने लगे कभी घर नहीं आये, मेरी हालत देख कर सोचता है वो परिंदा भी अच्छा हुआ कि मेरे बच्चों के पर नहीं आये. ©cute minu #sad_shayari एक अरसे से मुझको कहीं नजर नहीं आये, बच्चे जबसे कमाने लगे कभी घर नहीं आये, मेरी हालत देख कर सोचता है वो परिंदा भी अच्छा हुआ कि म
#sad_shayari एक अरसे से मुझको कहीं नजर नहीं आये, बच्चे जबसे कमाने लगे कभी घर नहीं आये, मेरी हालत देख कर सोचता है वो परिंदा भी अच्छा हुआ कि म
read moreAnjali Singhal
🤗 Tevar | Tevar Shayari | Shayari | Shayari Fun | Shayari Status | #AnjaliSinghal #Shayari "जबसे जाना हमने कि, तुम्हारे तेवर आग लगाते हैं।
read moreHeer
जबसे तुम पर आंखे ठहरी है, हर शक्श में मुझे सिर्फ एक तू दिखता है। 💙❤️😘 कृष्णप्रेमी💚🌸🦚 राधाकृपा🙏 #दीवानी_तेरी #Videos
read moreHeer
White I lived in books more than I lived anywhere else...!!! ©Heer #किताबे ही जिंदगी बन गई है मेरी, जबसे तुम गए हो ! 😔 #Miss_u_Jaan #FK❤️💙 #KambhaktDil
#किताबे ही जिंदगी बन गई है मेरी, जबसे तुम गए हो ! 😔 #Miss_u_Jaan FK❤️💙 #KambhaktDil #Poetry
read moreArjun Rawat पार्थ
White जबसे तुम्हे खोया, जैसे खो दिया सांसों को, हर दिन सदियों से गुजरते हैं, मैने खो दिया हंशीं रातों को, जिस रास्ते से तू गुजरी, अब बस ढूंढते हैं तेरी आहटो को, तुझे खोया मैने खोई मंजिले, सुकून और रास्तों को, ©Arjun Rawat #जबसे तुम्हे खोया #नोजोटो #nojotoqoutes #SAD #KhoyaMan Kshitija Dr. uvsays Shilpi Singh NC Ashutosh Mishra
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
White दोहा :- बनो प्रचारक हिंद के , हिंदी में दो ज्ञान । मिल जायेगा एक दिन , ऊँचा तुमको स्थान ।। हिंदी भाषा से यहाँ , जो भी हुआ प्रवीण । आज उसे संसार में , मानो तुम उत्तीर्ण ।। बनकर शिक्षक शिष्य को , दिखलाते जो राह । ऐसे गुरुवर की शरण , मिले शिष्य की चाह ।। हिंदी भाषा का सदा , करते हैं गुणगान । इससे ही अब हो रही, अपनी भी पहचान ।। मिला हमें गुरुदेव का , जबसे आशीर्वाद । छन्द ग़ज़ल दोनों रचे , सब देते हैं दाद ।। हिंदी में ही राम का , वृक्ष करे गुणगान । निकट अयोध्या देख लो , जाकर तुम अब स्थान ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :- बनो प्रचारक हिंद के , हिंदी में दो ज्ञान । मिल जायेगा एक दिन , ऊँचा तुमको स्थान ।। हिंदी भाषा से यहाँ , जो भी हुआ प्रवीण । आज उसे
दोहा :- बनो प्रचारक हिंद के , हिंदी में दो ज्ञान । मिल जायेगा एक दिन , ऊँचा तुमको स्थान ।। हिंदी भाषा से यहाँ , जो भी हुआ प्रवीण । आज उसे #कविता
read moreDILEEP RAJ AHIRWAR
White पहले एक एक पल पहाड़ के जैसा लगता था जबसे उनसे बातें होना शुरू हुआ तब से ये बक़्त उनके एक मैसेज और फ़ोन आने के इंतजार मैं ही निकल जाता पता ही नहीं चलता ©DILEEP RAJ AHIRWAR #sad_shayari पहले एक एक पल पहाड़ के जैसा लगता था जबसे उनसे बातें होना शुरू हुआ तब से ये बक़्त उनके एक मैसेज और फ़ोन आने के इंतजार मैं ही नि
#sad_shayari पहले एक एक पल पहाड़ के जैसा लगता था जबसे उनसे बातें होना शुरू हुआ तब से ये बक़्त उनके एक मैसेज और फ़ोन आने के इंतजार मैं ही नि #SAD
read moreAnjali Singhal
"दिल पर लिखा है मैंने जबसे तेरा नाम, भंवरों ने भेजा है फूलों को पैगाम; नजारों ने बिखेरी है रंगों की ये शाम, सितारे भी मदहोश हैं पीकर के ये ज #Poetry #ViralVideo #EXPLORE #AnjaliSinghal
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
दोहा :- जबसे बन्द प्रणाम है, सब कुछ हुआ विराम । रिश्ते आज प्रमाण हैं , सम्मुख है परिणाम ।। भजता आठों याम हूँ , जिनका हर पल नाम । वे ही सुधि लेते नहीं , कण-कण में है धाम ।। हर पल तेरी ही शरण , रहता हूँ घनश्याम । कर दे अब कल्याण तो , मन में लगे विराम ।। सुन लो इस संसार में , दो ही प्यारे नाम । पहला सीता राम है , दूजा राधेश्याम ।। जीवन रक्षक आप हैं , जीवन दाता आप । फिर बतलाएँ आप प्रभु , होता क्यूँ संताप ।। वह मेरा भगवान है , यह तन है परिधान । बस इतना ही जानता , यह बालक नादान ।। डाल बाँह बीवी गले , भूल गये वह फर्ज । अब तो माँ के दूध का , याद नही है कर्ज ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :- जबसे बन्द प्रणाम है, सब कुछ हुआ विराम । रिश्ते आज प्रमाण हैं , सम्मुख है परिणाम ।। भजता आठों याम हूँ , जिनका हर पल नाम । वे ही सुधि
दोहा :- जबसे बन्द प्रणाम है, सब कुछ हुआ विराम । रिश्ते आज प्रमाण हैं , सम्मुख है परिणाम ।। भजता आठों याम हूँ , जिनका हर पल नाम । वे ही सुधि #कविता
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
White ग़ज़ल :- हसीनों के कातिल इशारों ने मारा हुआ प्यार तो बेवफ़ाओं ने मारा थी हसरत बहुत डूब जाने की जिन में मुझे उन नशीली निगाहों ने मारा मुहब्बत में मुझपे चला जब मुकदमा अदालत के झूठे गवाहों ने मारा हुआ फिर अचम्भा पलट कर जो देखा हमें तो हमारी वफ़ाओं ने मारा मुक़द्दर पे अपने वो हैरान होगा जो पत्थर मुझे गुनहगारों ने मारा बचेंगे कहाँ से ये आशिक जहाँ में हमेशा इन्हें बेवफ़ाओं ने मारा गरीबों में चाहत सिसकती रहेगी हसीनों के ऊँचे ख़यालों ने मारा कहाँ हीर रांझा जनम फिर से लेंगे उन्हें जबसे जग के रिवाज़ों ने मारा नसीहत सभी दे रहें हैं प्रखर को पता भी है खंज़र हज़ारों ने मारा महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- हसीनों के कातिल इशारों ने मारा हुआ प्यार तो बेवफ़ाओं ने मारा थी हसरत बहुत डूब जाने की जिन में मुझे उन नशीली निगाहों ने मारा मुहब्ब
ग़ज़ल :- हसीनों के कातिल इशारों ने मारा हुआ प्यार तो बेवफ़ाओं ने मारा थी हसरत बहुत डूब जाने की जिन में मुझे उन नशीली निगाहों ने मारा मुहब्ब #शायरी
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